XLRI : एक्सएलआरआइ में डेनियल केलिन ने सिखाईं ड्रामा व स्टोरी टेलिंग की बारीकियां Jamshedpur News
यूएसए स्थित होनोलुलू थिएटर से जुडे डेनियल केलिन ने एक्सएलआरआइ छात्रों व शहर के विभिन्न स्कूलों के बच्चों को ड्रामा और स्टोरी टेलिंग की बारीकियों के बारे में बताया।
जमशेदपुर (जागरण संवाददाता)। जेवियर स्कूल ऑफ मैनेजमेंट - एक्सएलआरआइ के लिए यह खास अवसर था। मौका था विश्व प्रसिद्ध थियेटर आर्टिस्ट, प्लेराइट, एक्टर व मास्टर स्टोरी टेलर डेनियल केलिन से रूबरू होने का। यूएसए स्थित होनोलुलू थिएटर से जुडे डेनियल केलिन ने एक्सएलआरआइ छात्रों व शहर के विभिन्न स्कूलों के बच्चों को ड्रामा और स्टोरी टेलिंग की बारीकियों के बारे में बताया।
एक्सएलआरआइ स्थित सेंटर फोर पीस एंड जस्टिस व सेंटर फोर रिसर्च एंड ट्रेनिग इन एजुकेशनल लीडरशिप के संयुक्त तत्वावधान में ड्रामा व स्टोरी टेलिंग वर्कशॉप का आयोजन किया गया। इसका थीम था द क्रिएटिव एंड द क्रिटिकल : ट्रांसफार्मिंग थ्रू क्रिएटिव लर्निंग।
विभिन्न स्कूलों के शिक्षकों ने भी लिया भाग
इस कार्यशाला में शहर के विभिन्न स्कूलों के शिक्षकों ने हिस्सा लिया। जिन स्कूलों के शिक्षक शामिल हुए उनमें केपीएस गम्हरिया, केपीएस मानगो, केपीएस कदमा, केपीएस बर्मामाइंस, केपीएस एनएमएल, जेएच तारापोर, जुस्को स्कूल साउथ पार्क, काशीडीह हाईस्कूल, सेक्रेड हार्ट कान्वेंट, गुलमोहर स्कूल, लोयोला स्कूल बारीपदा के अलावा लोयोला कॉलेज ऑफ एजुकेशन, कार्मेल कम्युनिटी कॉलेज शामिल थे। सभी प्रतिभागी डेनियल केलिन की बातों से काफी प्रभावित हुए। डेनियल ने भी उन्हें स्टोरी टेलिंग की नवोन्मेषी तकनीक की जानकारी देते हुए बताया कि किस तरह यह उनके शिक्षण के तौर-तरीकों में शामिल हो सकता है। इसके माध्यम से छात्रों पर गहरी छाप छोडी जा सकती है।
ड्रैकुला ड्रामा ग्रुप को बताई थियेटर की नई तकनीक
डेनियल ने एक्सएलआरआइ छात्रों की सांस्कृतिक संस्था ड्रैकुला ड्रामा ग्रुप के सदस्यों से भी मुलाकात की। उन्होंने छात्रों को बताया कि किस तरह ड्रामा व थियेटर आम दिनचर्या में महत्व रखता है।
इसके पूर्व डेनियल का स्वागत संथाली नृत्य कलाकारों ने किया। उद्घाटन समारोह में एक्सएलआरआइ के निदेशक फादर फ्रांसिस पीटर, प्रो. परमज्योत सिंह व सिस्टर वालसा भी मौजूद रहीं। अंत में एक्सएलआरआइ स्थित सेंटर फोर पीस एंड जस्टिस के चेयरपर्सन प्रो. परमज्योत सिंह ने कहा कि कार्यशाला काफी सफल रही। शिक्षकों व छात्रों ने यह भी सीखा कि ड्रामा व स्टोरी टेलिंग को शिक्षण का एक सशक्त माध्यम बनाया जा सकता है।