गांवों में जल संरक्षण के लिए लोगों को जागरूक करेगी जागरण जल सेना
पूर्वी सिंहभूम जिले के जमशेदपुर प्रखंड के 400 स्कूलों के करीब 360 प्रधानाध्यापकों ने गुरुवार को झारखंड से जल संकट दूर करने और बारिश की हर बूंद सहेजने का संकल्प दोहराया।
जासं, जमशेदपुर : पूर्वी सिंहभूम जिले के जमशेदपुर प्रखंड के 400 स्कूलों के करीब 360 प्रधानाध्यापकों ने गुरुवार को झारखंड से जल संकट दूर करने और बारिश की हर बूंद सहेजने का संकल्प दोहराया। जागरण जल सेना के जरिए हर गांव को इस संबंध में जागरूक बनाने और पौधरोपण के लिए प्रेरित करने की बात कही। मौका था दैनिक जागरण द्वारा आयोजित कार्यशाला का। इस मौके पर जल संकट आधारित लघु फिल्म दिखाई गई। दैनिक जागरण के माध्यम से किए गए अबतक के प्रयासों की जानकारी दी गई। साथ ही भविष्य की रणनीति भी बनाई गई।
टेल्को क्षेत्र के इंद्रनगर स्थित लेडी इंदर सिंह हाईस्कूल में आयोजित कार्यशाला में जमशेदुपर प्रखंड संसाधन केंद्र और शहरी संसाधन केंद्र के स्कूलों के प्रधानाध्यापक व अधिकारी मौजूद थे। सभी ने सर्वप्रथम जल संरक्षण की शपथ ली। प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी राम प्रसाद महतो ने कहा कि सभी स्कूलों में जागरण जल सेना द्वारा कई कार्यक्रम चलाएं जा रहे हैं। विद्यालयों की रैंकिंग में भी इससे मदद मिलेगी। कहा कि जो भी काम करें उसके फोटोग्राफ्स व वीडियो अवश्य रखें। वहीं दैनिक जागरण की ओर से प्रोजेक्टर के जरिए अभियान की विस्तृत जानकारी दी गई। जल संरक्षण और संचयन की महता बताई गई। बताया गया कि पानी बचेगा तभी जीवन बचेगा। कार्यशाला में तय हुआ कि हर स्कूल के सभी बच्चे अपने गांव-घर में एक एक पौधा जरूर लगाएंगे। उसकी देखभाल करेंगे। स्कूलों में सोख्ता और रेनवाटर हार्वेस्टिंग बनाए जाएंगे। हर मोहल्ले में जागरूकता रैली निकाली जाएगी। स्कूलों में जल संरक्षण विषयक प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाएंगी। बेहतर काम करने वाले छात्र और स्कूल भी सम्मानित किए जाएंगे। उपस्थित शिक्षकों ने दैनिक जागरण के इस अभियान की जमकर तारीफ की।
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निजी स्कूलों की तरह सरकारी स्कूल के अभिभावक बच्चों पर ध्यान दें : महतो
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : अविभावक शिक्षक दिवस सह स्वच्छता ही सेवा अभियान को लेकर इंद्रनगर स्थित लेडी इंदर सिंह उच्च विद्यालय में गुरुवार को कार्यशाला आयोजित हुआ। इसमें मुख्य रूप से उपस्थित प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी राम प्रसाद महतो ने कहा कि सरकारी स्कूल निजी स्कूलों से बेहतर हैं। हमें सीमित संसाधनों में अच्छा कार्य करना है। सरकारी स्कूल के शिक्षकों में बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने की सारी काबिलियत है। सरकारी स्कूल के छात्र निजी स्कूलों के छात्रों से आगे निकल सकते हैं। बशर्ते अविभावकों को भी अपनी जिम्मेवारी समझनी होगी। उन्हें सरकारी स्कूलों की प्रति अपनी गलत मानसिकता को त्याग कर शिक्षकों को मदद करते हुए अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए। प्राय: यह देखा गया है कि जब कोई अविभावक निजी स्कूलों में अपने बच्चों को पढ़ाते हैं तो वे बच्चों पर ज्यादा ध्यान देते हैं। बच्चों को तैयार कर स्कूल पहुंचाना, स्कूल से घर वापस ले आना, होमवर्क कराना। ये सारे दायित्व निभाते हैं। वहीं जब सरकारी स्कूल की बात आती है तो अविभावक सारी जिम्मेदारी शिक्षक पर छोड़ देते हैं। बस इसी मानसिकता को बदलने की आवश्यकता है। सरकार का स्कूलों में अविभावक शिक्षक दिवस मनाने का निर्णय निश्चित ही बहुत अच्छा आयडिया है। उन्होंने शिक्षा की विभिन्न योजनाओं को लागू करने में शिक्षकों को अपनी जिम्मेदारी समझायी। कार्यशाला में पीपुल्स अकादमी उच्च विद्यालय के प्रधानाध्यापक चंद्रदीप पांडे, लुपुंगडीह के हेडमास्टर राजेंद्र कुमार कर्ण ने भी अपने विचार रखे। इस कार्यशाला में जमशेदपुर बीआरसी व यूआरसी के 300 से अधिक हेडमास्टर व अभिभावक उपस्थित थे।