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हाता-चाईबासा रोड अवरुद्ध होने से रोजाना पांच लाख से अधिक का हो रहा राजस्व घाटा

हाता-चाईबासा मुख्य मार्ग पर भारी वाहनों के परिचालन पर रोक लगने से सबसे ज्यादा राजनगर क्षेत्र में स्थापित क्रशर मालिक एवं वाहन मालिकों को नुकसान हो रहा है।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Thu, 25 Jun 2020 09:41 AM (IST)Updated: Thu, 25 Jun 2020 09:41 AM (IST)
हाता-चाईबासा रोड अवरुद्ध होने से रोजाना पांच लाख से अधिक का हो रहा राजस्व घाटा
हाता-चाईबासा रोड अवरुद्ध होने से रोजाना पांच लाख से अधिक का हो रहा राजस्व घाटा

सरायकेला, जासं।  हाता- चाईबासा मुख्य मार्ग एनएच-220 पर भारी वाहनों का आवागमन ठप रहने से एक ओर जहां वाहन मालिक एवं क्रशर संचालकों का धंधा पूरी तरह चौपट हो गया है, वहीं इससे सरकार को प्रतिदिन लाखों रुपए राजस्‍व के रूप में क्षति हो रही है।

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वैसे प्रतिदिन हजारों की संख्या में गुवा-जामदा, बड़बिल से लौह अयस्क लदे वाहन इस मार्ग से गुजरते थे। अभी इन्हें अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ रही है। हाता-चाईबासा मुख्य मार्ग पर भारी वाहनों के परिचालन पर रोक लगने से सबसे ज्यादा राजनगर क्षेत्र में स्थापित क्रशर मालिक एवं वाहन मालिकों को नुकसान हो रहा है। गिट्टी की ढुलाई पूरी तरह ठप है।  अकेले राजनगर क्षेत्र में ही प्रतिदिन सौ से अधिक गिट्टी लदे वाहन गुजरते हैं। केवल चाईबासा से हाता के बीच ही गुजरने वाले भारी वाहनों से सरकार को लाखों रुपए प्रतिदिन राजस्व की हानि हो रही है।

सीएम को दी गई थी जानकारी

राजेश साहू नाम के एक क्रशर संचालक ने बताया कि एनएच 220 पर राजनगर क्षेत्र के रिलायंस पेट्रोल पंप के समीप स्थित मुरमडीह पुल जर्जर अवस्था में है। एहतियातन पथ निर्माण विभाग की ओर से इस पर भारी वाहनों की आवाजाही  पर रोक लगाई गई है। परंतु चार माह बाद भी पुल बनाने की दिशा में कोई कदम सरकार नहीं उठा रही है। इससे सारा धंधा चौपट हो गया है। सरकार को प्रतिदिन कम से कम पांच लाख  रुपए के राजस्व की क्षति हो रही है। सीएम को ट्वीट से जानकारी दी गई थी। सीएम के निर्देश के बाद भी पथ निर्माण विभाग कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। हमने सबका दरवाजा खटखटाया कहीं से कोई सुनवाई नहीं हुई।   

सात फरवरी से बंद है भारी वाहनों का आवागमन

मुरमडीह स्थित पुल के जर्जर होने पर पथ निर्माण विभाग द्वारा एहतियातन भारी वाहनों कीआवाजाही पर रोक लगाई गई है। लेकिन पथ निर्माण विभाग न अभी तक नया पुल बनाने की दिशा में कोई कार्रवाई कर रहा  है और न ही वैकल्पिक रूप में डायवर्सन की व्यवस्था की है। जिससे वाहन मालिकों, क्रशर संचालकों एवं अन्य व्यवसाय से जुड़े लोगों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। राजनगर थाना क्षेत्र के अंदर ही कई क्रशर हैं। यहां पर यदि गिट्टी ढुलाई के लिए ही प्रतिदिन 100 गाड़ियां इधर से उधर गुजरती हैं, तो प्रति हाईवा 5 हजार रुपया सरकार को हर महीना रॉयल्टी के रूप में मिलता है। लेकिन अब यह रॉयल्टी भी पिछले 4 माह से सरकार को नहीं मिल ररही। क्रशर संचालक व वाहन मालिक इस पुल के निर्माण की मांग को लेकर उपायुक्त से लेकर मुख्यमंत्री तक गुहार लगा चुके हैं। 

पथ निर्माण विभाग के सचिव को चार बार पत्र लिखा गया 

मुरमडीह पुल के निर्माण अथवा डायवर्सन निर्माण के लिए पथ निर्माण विभाग के सचिव को पत्र लिखा गया है। अनुरोध किया गया है कि मुख्य अभियंता राष्ट्रीय उच्च पथ उपभाग को प्राथमिकता के आधार पर आवश्यक कार्रवाई के लिए निदेशित करें। अब तक विभाग को चार बार पत्रचार किया जा चुका है। 

 -ए दोड्डे, उपायुक्त सरायकेला -खरसावां।


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