हवाई जहाज के मेटल से बनी साइकिलों की सवारी
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : साइकिल के प्रति बनी पुरानी सोच को खत्म करने का वक्त आ गया है। अब
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : साइकिल के प्रति बनी पुरानी सोच को खत्म करने का वक्त आ गया है। अब हवाई जहाज में प्रयोग होने वाले मेटल से बनी साइकिलें बाजार में आने लगी हैं। इसके अलावा कुछ अन्य मॉडल भी पसंदीदा बने हुए हैं। साकची की साइकिल की दुकान 'एनके घोष एंड ब्रदर्स' के मालिक डीके घोष के मुताबिक बीते पाच सालों में इंडस्ट्री में बूम आया है। लोगों की इस खास पसंद को भुनाते हुए साइकिल भी अब लग्जरी और आरामदायक हो चुकी है।
उन्होंने बताया कि कई विदेशी ब्राड्स मार्केट में आ चुके हैं। इनमें 10 हजार रुपये से लेकर 50 हजार रुपये तक के मॉडल हैं। बाइक की तरह ही इनमें भी रफ्तार की बात की जाने लगी है। ब्रेक लगाने के लिए वायरलेस ब्रेक का प्रयोग किया जा रहा है। हवाई जहाज में प्रयोग होने वाले कार्बन फाइबर से इन साइकिलों का ढाचा बनाया जा रहा है।
ज्यादा पकड़ के लिए टायर का रखा जाता ध्यान
ऐसे मॉडल्स में टायरों का काफी महत्व माना जाता है। रोड व माउंटेन ट्रेनिंग बाइक के बीच का सेगमेंट है। इनके टायरों का साइज उपरोक्त दोनों मॉडल की तुलना में बीच का रखा गया है। न ज्यादा पतला और न ही ज्यादा मोटा। इससे ज्यादा पकड़ और स्पीड मिलती है। इनकी कीमत 30 हजार से लेकर दो लाख रुपये तक है।
ऊबड़ खाबड़ रास्तों के लिए उपयुक्त
माउंटेन ट्रेनिंग बाइक ऊबड़-खाबड़ रास्तों पर चलाने के लिए उपयुक्त है। पहाड़ी क्षेत्रों में होने वाली प्रतियोगिताओं में अक्सर इन्हीं साइकिलों का प्रयोग होता है। इनका व्हील साइज काफी बड़ा है। चलाने में कम से कम जोर लगता है। इसमें हाइड्रोलिक ब्रेक का प्रयोग किया गया है। यह वायरलेस होता है। सस्पेंशन को लॉक करने का सिस्टम भी है। सपाट रोड पर लॉक किया जा सकता है। कीमत 38 हजार से लेकर लाखों रुपये तक है।
ये है बाजार की स्थिति
विक्रेताओं के मुताबिक 30 हजार रुपये तक के मॉडल हर माह चार-पांच बिक जाते हैं। जबकि 30 से 50 हजार तक के मॉडल हर माह दो-तीन से ज्यादा नहीं बिकतीं हैं। बाकायदा इनकी बुकिंग होती है। एक माह से अधिक समय में डिलीवरी मिल पाती है।
साइकिल चलाने में भी नियमों का पालन
साइकिल की सवारी करने के लिए भी लोग नियम का पूरा पालन करते हैं। इसके लिए जब भी साइकिलिंग के लिए निकलते हैं तो अपनी पूरी किट में होते हैं। सिर पर हेलमेट और ट्रैक सूट होता है। यह हेलमेट दूसरे हेलमेट से अलग होता है। इसमें रिफ्लेक्टर स्टीकर लगे होते हैं, जिससे रात के अंधेरे में इस पर लाइट पड़ने पर यह चमकने लगता है। अब कुछ हेलमेट में एलईडी लाइट भी लगी आ रही हैं। साइकिल विक्रेता डीके घोष ने बताया कि एसेसरीज का बाजार भी बड़ा है। इनमें दस्ताने, हेलमेट, बैग, जैकेट, साइकलिंग शॉर्ट्स, वाटर बॉटल, मोबाइल होल्डर, लाइट्स आती हैं। इनकी कीमत 700 रुपये से शुरू हो जाती है।
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वजन में हल्की और देखने में खूबसूरत
ऐसी साइकिलों के नए मॉडलों की बॉडी में आयरन के बजाय एल्यूमीनियम का प्रयोग किया जा रहा है। वजन करीब 10 किलो होता है। इनमें कुछ मॉडलों में एक ही प्वाइंट पर गियर व ब्रेक दिए जा रहे हैं। अलग-अलग बटन दबाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। इनकी कीमत 12 हजार रुपये से शुरू हो जाती है।
कार्बन फाइबर का होता है प्रयोग
कार्बन फाइबर का प्रयोग एक लाख से ऊपर की साइकिल की बॉडी में होता है। इस धातु का प्रयोग हवाई जहाज बनाने के लिए किया जाता है। यह वजन में काफी हल्का, लेकिन मजबूत होता है। इनसे बनी साइकिलों की कीमत एक लाख रुपये से ऊपर है। कारोबारी बताते हैं इसकी बिक्री अधिक नहीं है। हर माह एक-दो साइकिल ही बिक पाती हैं।
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साइकिलों के बाजार में भारी तब्दीली आई है। लोग अब महंगी और डिजाइनर साइकिलों की डिमांड कर रहे हैं। कुछ दिन पहले ही 18900 रुपये की साइकिल बिकी है। इसके पहले 29000 रुपये की भी साइकिल बिकी थी। बाजार में एक लाख रुपये कीमत की कार्बन फाइबर व एलॉय की बनी साइकिलें भी आ रही हैं, लेकिन इनकी बिक्री कम है।
-डीके घोष, साइकिल विक्रेता