Move to Jagran APP

गुजरात का वांटेड साइबर क्राइम का आरोपी शहर से गिरफ्तार

शहर की पुलिस टीम ने साइबर क्राइम गिरोह से जुड़े बागबेड़ा थाना

By JagranEdited By: Published: Sat, 08 Sep 2018 12:22 AM (IST)Updated: Sat, 08 Sep 2018 12:22 AM (IST)
गुजरात का वांटेड साइबर क्राइम का आरोपी शहर से गिरफ्तार
गुजरात का वांटेड साइबर क्राइम का आरोपी शहर से गिरफ्तार

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : शहर की पुलिस टीम ने साइबर क्राइम गिरोह से जुड़े बागबेड़ा थाना क्षेत्र के गाढ़ाबासा निवासी आकाश मिश्रा को शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया। उससे पुलिस पूछताछ कर रही है। गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने उसके घर पर छापेमारी की। घर पर पत्‍‌नी और बच्चे थे। घर को खंगाले जाने पर टीम को को बैंक के कई पास बुक, एटीएम कार्ड, मोबाइल फोन और पहचान पत्र मिले। छापेमारी का नेतृत्व सिटी एसपी प्रभात कुमार कर रहे थे। गाढ़ाबासा में वह दो वर्ष से पंकज सिंह के घर में किराये पर रह रहा था। खुद को वह पटना का रहने वाला बताता था, लेकिन मूल रूप से वह बिहार के गया जिले का रहने वाला है। गुजरात के इंटेलिजेंस ब्यूरो की जानकारी पर आकाश को पुलिस ने यहां पर दबोचा। साइबर क्राइम का यह मामला गुजरात व मुंबई आदि जगहों से जुड़ा है। शनिवार को बैंकों में इसके खातों की जांच की जाएगी।

loksabha election banner

मालूम हो कि पुलिस टीम ने अगस्त में साइबर क्राइम से जुड़े स्वर्णरेखा परियोजना के जूनियर अभियंता और उसके तीन सहयोगियों को गिरफ्तार किया था।

15 लाख से अधिक रुपये बैंक खाते में कराया ट्रांसफर

पुलिस ने छानबीन में पाया कि आकाश मिश्रा के बैंक खाते में 15 लाख रुपये से अधिक अलग-अलग तिथियों में रुपये स्थानांतरित होकर आए। खाते में किसने रुपये स्थानांतरित किए और कहां-कहां से किए गए, इसकी जांच पुलिस टीम कर रही है। वहीं आकाश से मिली जानकारी पर टीम की छापेमारी जारी हैं। आकाश मिश्रा ने बैंक खाता फर्जी नाम से खोलवा रखा है। उसके सहयोगी खाते में रुपये स्थानांतरित करते थे। फिलहाल पुलिस मामले में स्पष्ट रूप से कुछ भी बयां नहीं कर रही है।

एटीएम कार्ड का नंबर जान रुपये निकासी करने वाले गिरोह से संपर्क आकाश मिश्रा का संपर्क एटीएम कार्ड से सोलह डिजिट का नंबर, गोपनीय पिन कोड और ओटीपी नंबर के माध्यम से ग्राहकों के खाते से पैसे निकासी कर लेने वाले गिरोह से है। गैंग में सबका काम बंटा हुआ है। कोई बैंक अधिकारी बनकर फोन करता है, तो कोई फर्जी खाताधारक बनकर एकाउंट में पैसे ट्रांसफर करवाता है। शेष सदस्य आधार कार्ड, वोटर आइडी आदि बनवाने में काम में लगे रहते हैं। बाद में ठगी गई रकम का बंटवारा होता है।

सहयोगियों पर खूब करता था खर्च आकाश मिश्रा को जानने वाले ये बता रहे कि वह काफी खर्च करता था। पार्टी देता था। उसके पास हमेशा रुपये रहते थे, लेकिन वह क्या काम करता था, इसकी जानकारी आकाश ने कभी किसी को नहीं दी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.