कोल्हान का कुख्यात अपराधी काबू,याकूब को 32 गोलियां मारकर लिया था गुरु की मौत का बदला
कोल्हान का कुख्यात अपराधी सरफुद्दीन अंसारी आखिरकार पकड़ा गया। उसकी गिरफ्तारी ओडिशा के रायरंगपुर से हुई।
जेएनएन,जमशेदपुर/सरायकेला : अपराध की दुनिया में उसकी खास पहचान है। एक के बाद एक दर्जन भर हत्याकांडों को अंजाम देने के बाद भी वह पुलिस की आंखों में धूल झोंककर जेल की सलाखों से दूर रहा। हालांकि, सरायकेला पुलिस आखिरकार कोल्हान के इस इनामी बदमाश को पकड़ने में सफल रही। सरायकेला-खरसावां जिले के सरायकेला थाना क्षेत्र के बालीपोसी गांव का मूल निवासी सरफुद्दीन अंसारी ओडिशा सीमा पर राजनगर से पकड़ा गया। उसे शुक्रवार की सुबह सरायकेला थाना प्रभारी अविनाश कुमार के नेतृत्व में हवलदार राकेश कुमार सिंह और टाइगर मोबाइल के जवानों ने जाल बिछाकर दबोच लिया।
सरफुद्दीन ने कुख्यात अपराधी मो. नईमुद्दीन अंसारी उर्फ बांका से अपराध का ककहरा सीखा और फिर उसी की सदारत में अपराध की राह का राही हो गया। वर्ष 2009 में अपराधी अजीम हुसैन और मो. याकूब ने नईमुद्दीन अंसार उर्फ बांका की हत्या कर दी गई। इसके बाद सरफुद्दीन बांका के गिरोह का सरगना बन बैठा। उसने अपने गुरु की हत्या का सनसनीखेज तरीके से बदला लिया। वर्ष 2016 में अपने ही गांव बालीपोसी के मो. याकूब की हत्या की। यह क्षेत्र का पहला मामला था जिसमें किसी की हत्या के लिए ताबड़तोड़ 32 गोलियां शरीर में उतारी गई। याकूब की मौत के प्रति पूरी तरह आश्वस्त हो जाने के बाद सरफुद्दीन मौके से चलता बना। जहां-तहां फाय¨रग कर दहशत फैलाना उसकी आदत में शुमार था। उसकी इस आदत ने पुलिस की सिरदर्दी बढ़ाए रखी। पुलिस ने बड़ी मशक्कत के बाद उसे दबोचकर जेल की सलाखों के पीछे धकेला। हालांकि, कुछ दिन बाद वह जमानत पर बाहर आ गया और एक जनवरी 2016 में मो. याकूब की हत्या कर अपने गुरु की हत्या का बदला लिया। इसके बाद 12 मई 2016 को जमशेदपुर के जोजोबेड़ा फाटक के पास संजीव सिंह की हत्या को अंजाम दिया। 28 जुलाई को उसने अपनी टीम के साथ बालीपोसी के प्यार मोहम्मद उर्फ पेठ को मौत के घाट उतारा। इसके गुनाहों की फेहरिश्त में 2007 में प्रभात महतो के घर पर फाय¨रग भी शामिल है।