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जंगल से भटक कर गांव पहुंचे दो हिरणों को खाने की तैयारी में थे ग्रामीण, वन विभाग ने छुड़ाया

जंगल से भटक कर नीचे उतरे दो हिरणों को वन विभाग की टीम ने ग्रामीणों के कब्जे से छुड़ा लिया है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 24 Mar 2019 07:25 AM (IST)Updated: Sun, 24 Mar 2019 07:25 AM (IST)
जंगल से भटक कर गांव पहुंचे दो हिरणों को खाने  की तैयारी में थे ग्रामीण, वन विभाग ने छुड़ाया
जंगल से भटक कर गांव पहुंचे दो हिरणों को खाने की तैयारी में थे ग्रामीण, वन विभाग ने छुड़ाया

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : जंगल से भटक कर नीचे उतरे दो हिरणों को वन विभाग की टीम ने ग्रामीणों के कब्जे से छुड़ा लिया है। ग्रामीण दोनों हिरणों को मार कर उनका मांस खाने की तैेयारी में थे, लेकिन वक्त रहते वन विभाग की टीम गांव पहुंची और ग्रामीणों को समझा-बुझा कर हिरणों को रेस्क्यू कर लिया। दोनों हिरणों को चोट लगी थी, इसलिए उन्हें आनन-फानन में टाटा जूलोजिकल पार्क ले जाया गया, जहां पशु चिकित्सकों ने दोनों का इलाज किया। फिलहाल दोनों हिरणों को टाटा जू में ही रखा गया है।

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दरअसल, बड़ाबांकी के ग्रामीणों को शनिवार की सुबह करीब छह बजे गांव के बाहर दो हिरण घूमते हुए मिले थे। दोनों दलमा वन से भटककर गांव तक जा पहुंचे थे। दोनों को ग्रामीणों ने खदेड़ कर पकड़ लिया। इसके बाद हिरणों को मारकर उनका मांस खाने की तैयारी कर ली गई थी, लेकिन समय रहते वन विभाग को जानकारी मिल गई। जानकारी मिलते ही हिरणों को बचाने के लिए रेस्क्यू अभियान चलाया गया। मानगो वन क्षेत्र पदाधिकारी खुद एक्टिव हुए और ग्रामीणों के कब्जे से हिरणों को मुक्त कराने की कवायद शुरू की। मानगो के रेंजर रामबाबू कुमार व फॉरेस्टर ने बताया कि उन्हें गुप्त सूचना मिली थी कि बड़ाबांकी गांव के लोग पहाड़ी से भटक कर आए दो हिरणों, जिसमें एक नर व दूसरी मादा है, को पकड़ कर रखा है। यही नहीं, ग्रामीण दोनों हिरण को मारकर मांस खाना चाहते हैं। इस सूचना पर रेंजर ने अपने वरीय पदाधिकारियों को तुरंत सूचना दी। दिशा निर्देश मिलते ही वन विभाग की रेसक्यू टीम का गठन किया गया। इस टीम ने बड़ाबांकी गांव जाकर छापेमारी की। छापेमारी करने से ग्रामीण एकजुट हो गए, लेकिन रेंजर ने ग्रामीणों को समझाया और वन विभाग के नियम कानून के बारे में जानकारी दी। ग्रामीणों को बताया गया कि उन्होंने हिरणों को नुकसान पहुंचाया तो उनके ऊपर कानूनी कार्रवाई होगी। ऐसे में गांव के हर व्यक्ति पर मामला बनेगा। इसके बाद ग्रामीण दोनों हिरणों को देने के लिए तैयार हुए। इसके बाद दोनों को टाटा जू ले जाया गया। रेंजर के अनुसार यदि समय पर वन विभाग की टीम नहीं पहुंचती तो हिरण का पता भी नहीं चल पाता।


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