सरकार ने 'करोड़पति' नक्सली आकाश को बनाया 'लखपति'
झारखंड सरकार ने पूर्वी सिंहभूम जिले में सक्रिय नक्सली दस्ता के प्रमुख आकाश पर घोषित एक करोड़ की इनामी राशि को घटाकर अब 25 लाख रुपये कर दी है। जाहिर है कि इनामी नक्सली आकाश का अब इस इलाके व संगठन में पकड़ कमजोर होती जा रही है।
मनोज सिंह, जमशेदपुर : झारखंड सरकार ने पूर्वी सिंहभूम जिले में सक्रिय नक्सली दस्ता के प्रमुख आकाश पर घोषित एक करोड़ की इनामी राशि को घटाकर अब 25 लाख रुपये कर दी है। जाहिर है कि इनामी नक्सली आकाश का अब इस इलाके व संगठन में पकड़ कमजोर होती जा रही है।
जानकारों का कहना है कि इनाम की राशि कम करने का सबसे बड़ा कारण यह है कि सुरक्षाबल उन्हें हर मोर्चे पर विफल कर रहा है। माओवादी ¨हसा में आ रही कमी इस बात का संकेत है कि माओवादियों का आधार अब खिसक रहा है। पूर्वी सिंहभूम जिले में वह कमजोर होता जा रहा है।
जमशेदपुर के एएसपी अभियान (नक्सल) प्रणव आनंद झा कहते हैं कि इसके कई कारण हैं। एक तो बड़े माओवादी नेताओं का पकड़ा जाना और दूसरा सुरक्षाबलों द्वारा बड़े पैमाने पर चलाए जा रहे नक्सल विरोधी अभियान। साथ ही पुलिस अपने सामाजिक दायित्व के तहत बेहतर कार्यो के माध्यम से ग्रामीणों के दिलों को जीतने की कोशिश कर रही है। नक्सली वारदात में कमी होने का यह भी एक प्रमुख कारण है।
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पूर्वी सिंहभूम के नक्सलियों पर घोषित इनाम की राशि
- आकाश - 25 लाख
- मदन महतो - 15 लाख
- सचिन उर्फ राम प्रसाद - 15 लाख
- बेला उर्फ पंचमी पर - 15 लाख
- सचिन की पत्नी मीता - 5 लाख
- समीर महतो - 2 लाख
- प्रकाश महतो उर्फ अतुल - 2 लाख
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जमशेदपुर में अब तक आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली
कान्हू मुंडा, फोगड़ा मुंडा, भोगलू सिंह, शंकर मुंडा, काजल मुंडा, चुन्नू मुंडा, जितेन मुंडा, सुंदर मुर्मू, मोहन मुर्मू, संगीता किस्कू, सोनाली टुडू व मंगल टुडू आदि नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं।
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प्रदेश सरकार नक्सलियों के प्रत्यार्पण एवं पुनर्वास के लिए नई नीति बनाई है। योजना का मुख्य उद्देश्य नक्सलियों को प्रोत्साहित कर समाज की मुख्य धारा में जोड़ना है। उनके लिए वैकल्पिक रोजगार की व्यवस्था व आर्थिक सहायता उपलब्ध कराना है। झारखंड की आत्मसमर्पण नीति देशभर में सबसे अच्छी है। आशा है कि जल्द ही अन्य उग्रवादी आत्मसर्पण कर मुख्यधारा में शामिल होंगे।
- अनूप बिरथरे, वरीय पुलिस अधीक्षक, जमशेदपुर