सुरक्षा प्रहरी ने कहा, किशोर ने खुद लगा ली फांसी
मानगो गौड़ बस्ती निवासी एक किशोर बंदी द्वारा घाघीडीह स्थित बाल
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : मानगो गौड़ बस्ती निवासी एक किशोर बंदी द्वारा घाघीडीह स्थित बाल सुधार गृह के अंदर बुधवार की देर रात टीवी रूम में फंदे लगाकर जान देने से न्यायिक पदाधिकारियों से लेकर जिला पुलिस प्रशासन के बीच हड़कंप मचा हुआ है। इस संबंध में बाल सुधार गृह का सुरक्षा प्रहरी दिलीप कुमार के बयान पर थाने में मामला दर्ज कराया गया है। अपने बयान में सुरक्षा प्रहरी ने कहा है कि बाल बंदी 19 सितंबर की देर रात गमछा के सहारे पंखे से खुद को फांसी लगा ली, जिससे उसकी मौत हो गई।
एक नाबालिग द्वारा दुष्कर्म व वीडियो बना कर ब्लैकमेल करने का मामला उलीडीह थाने में सात अप्रैल 2018 को दर्ज कराया था। थाने में मामला दर्ज होने के बाद दो थाने की पुलिस मिलकर आरोपितों के संभावित ठिकानों पर छापेमारी की। इसी क्रम में एक आरोपित को सोना दुकान में पकड़ा गया, जबकि एक आरोपित को बस से भागने के क्रम में पकड़ा गया था।
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डीएसपी को मिली जांच की जिम्मेदारी
मृतक बाल बंदी के मोबाइल का राज व परिजनों द्वारा लगाए लड़की वालों व तत्कालीन उलीडीह थाना प्रभारी मुकेश चौधरी पर लगाए गए आरोप की जांच की जिम्मेदारी वरीय पुलिस अधीक्षक अनूप बिरथरे ने पटमदा के डीएसपी विजय कुमार महतो दी है। उन्होंने बताया कि लड़की द्वारा थाने में मामला दर्ज करने तथा कोर्ट में 164 का बयान कराया गया था। जिसके आधार पर ही पुलिस ने आरोपित किशोर को बाल सुधार गृह भेजा।
आत्महत्या करने वाले किशोर ने सुसाइड नोट में अपने माता-पिता को संबोधित करते हुए कहा था कि मैं पूरी तरह निर्दोष हूं। इस संबंध में मृतक के भाई कहा है कि मेरे भाई चार माह से जेल में बंद था, आखिर पुलिस ने मोबाइल कॉल की जांच क्यों नहीं करायी। इससे तत्कालीन थाना प्रभारी की भूमिका पर संदेहात्मक है।
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मंत्री सरयू राय परिजन से मिले
गुरुवार को ही मंत्री सरयू राय बर्निग घाट पहुंचे थे। शुक्रवार की सुबह मंत्री सरयू राय, भाजपा नेता विकास सिंह मानगो गौड़बस्ती स्थित मृतक के घर पहुंचे। मंत्री को देखकर परिजन रोने लगे और न्याय दिलाने की बात कही। मंत्री सरयू राय को वे कागजात दिए, जिसमें दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली लड़की के पिता के साथ समझौता हुआ था। समझौता पांच लाख रुपये में हुआ था। जिसमें से एक लाख रुपये मृतक के परिजन लड़की वालों को दे चुके थे। इसके तहत लड़की, लड़की के पिता व भाई द्वारा कोर्ट में समझौता के तहत गवाही देना था ताकि बाल सुधार गृह में बंद किशोर को बाहर निकाला जा सके। समझौता पत्र में उल्लेख है कि जेल से बाहर आने के बाद लड़का का कोई परिजन दोबारा लड़की वालों से नहीं उलझेगा। यदि लड़की वालों से बकझक या कोई अशोभनीय हरकत होगी तो लड़के के पिता की जो भी चल अचल संपत्ति होगी वह लड़की वालों के नाम हो जाएगा। सारी बातें सुनने के बाद मंत्री सरयू राय ने एसएसपी अनूप बिरथरे से बात की। मामले में पुलिस की भूमिका व आरोपित लड़की वालों द्वारा लगाए गए आरोप की जांच कर उचित कार्रवाई करने को कहा।