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खेलने गया बच्चा कुंए में गिरा, सिर कीचड़ में धंस जाने से हो गई मौत

पांच साल का सोनू देवगम अपने पांच दोस्तों के साथ खेलने के लिए घर से निकला था। वह कुंए में गिर गया। सिर कीचड़ में धंस जाने से मासूम की जान चली गई।

By Edited By: Published: Fri, 15 Feb 2019 07:00 AM (IST)Updated: Fri, 15 Feb 2019 11:10 AM (IST)
खेलने गया बच्चा कुंए में गिरा, सिर कीचड़ में धंस जाने से हो गई मौत
खेलने गया बच्चा कुंए में गिरा, सिर कीचड़ में धंस जाने से हो गई मौत

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : उलीडीह में गुरुवार को एक कुंए में गिरने से पांच साल के बच्चे सोनू देवगम की मौत हो गई। दोपहर करीब 12 बजे सोनू अपने पांच दोस्तों के साथ खेलने के लिए घर से निकला था। खेलते-खेलते वह घर से करीब एक किमी दूर कुटकुडुंगरी स्थित दड़िया कुंआ के पास पहुंच गया। कुंए में हाथ-पैर धोने की कोशिश करने के दौरान अनियंत्रित होकर वह उसमें गिर गया।

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सोनू उलीडीह खनका रोड स्थित राजेंद्र नगर का रहने वाला था। बस्ती के लोगों ने बच्चे को कुंए से निकालकर पहले डिमना रोड स्थित गंगा मेमोरियल हॉस्पिटल पहुंचाया। यहां बच्चे की स्थिति गंभीर देख डॉक्टरों ने महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाने को कहा। एमजीएम में डॉक्टरों ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया। इसके बाद बच्चे के परिजनों ने अस्पताल में हंगामा शुरू कर दिया। परिजनों का कहना था कि डॉक्टर ने सही ढंग से देखा भी नहीं और बच्चे को मृत बता दिया। बाद में परिजन शव को लेकर घर लौट गए।

..और चलने लगी सांस, हिलने लगा हाथ

मृतक की दादी ने बाताया कि जब वे लोग शव को लेकर घर पहुंचे तो सोनू की सांस अचानक चलने लगी और हाथ-पैर भी हिलने लगे। इसे देखते हुए परिजन उसे दोबारा अस्पताल ले जाने की तैयारी करने लगे, लेकिन कुछ ही मिनट के बाद शव शांत हो गया। परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर की लापरवाही की वजह से बच्चे की मौत हुई है। अस्पताल में बच्चा जिंदा था लेकिन डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। इस दौरान अस्पताल में बच्चे का पर्ची भी नहीं बनाया गया। वहीं चिकित्सकों का कहना है कि बच्चे की मौत अस्पताल लाने से पूर्व ही हो चुकी थी जिसके कारण उसका पर्ची नहीं बनाई गई।

पांच दोस्तों में उसके भाई-बहन भी थे शामिल

मृतक अपने पांच दोस्तों के साथ खेलने निकला था। इनमें उसकी बड़ी बहन और छोटा भाई भी शामिल था। कुंए में गिरने के बाद सोनू के भाई-बहन व दोस्त घटना की जानकारी देने के लिए दौड़ते हुए घर पहुंचे, लेकिन उस समय घर में कोई भी नहीं था। कुछ ही मिनटों में उसकी मां आ गई। उसे जैसे ही घटना की जानकारी मिली वह दौड़ते हुए कुंए तक पहुंची। बस्ती के लोग भी उसके साथ हो लिए।

स्कूल जाता तो नहीं होती घटना

सोनू कक्षा एक का छात्र था। वह पास के ही एक स्कूल में पढ़ता था। गुरुवार को उसकी मां काम करने चले गई और वह स्कूल न जाकर खेलने के लिए निकल गया। अगर वह स्कूल जाता तो घटना नहीं घटती। मृतक की मां घर-घर में जाकर मजदूरी की काम करती है। वहीं पिता जस्टिन देवगम ट्रक में खलासी का काम करते हैं।

बस्तिवासियों ने की आर्थिक मदद

मृतक के परिजन आर्थिक रूप से काफी कमजोर हैं। उनके पास इतने पैसे भी नहीं थे कि वे दाह-संस्कार भी कर सकें। इसे देखते हुए बस्तिवासियों ने चंदा इकट्ठा कर आर्थिक सहयोग किया।

10 से 15 फीट गढ्डा है दड़िया कुंआ

दड़िया कुंए की गहराई 10 से 15 फीट है। सोनू का सिर कीचड़ में दब गया था। वहीं पैर ऊपर थे। सोनू को निकालने के लिए जब एक युवक ने कुंए में डूबकी लगायी तो उसके पैर ऊपर व सिर कीचड़ में दबा पाया।


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