क्लब से ही अंतरराष्ट्रीय फलक पर चमके सबा, वरुण व सौरभ
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : आज भले ही झारखंड राज्य क्रिकेट एसोसिएशन (जेएससीए) स्कूलों व क्लबों
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : आज भले ही झारखंड राज्य क्रिकेट एसोसिएशन (जेएससीए) स्कूलों व क्लबों का मताधिकार छीनने का प्रबंध समिति में प्रस्ताव पारित कर चुका हो, लेकिन शायद उनके आकाओं को यह मालूम नहीं कि 83 साल से चल रहे इस क्लब से ही सबा करीम, सौरभ तिवारी, रणधीर सिंह, सुब्रतो बनर्जी व रमेश सक्सेना जैसे दर्जनों क्रिकेटरों ने अंतरराष्ट्रीय उड़ान भरी।
गौरतलब है कि सोमवार को झारखंड राज्य क्रिकेट एसोसिएशन की प्रबंध समिति की बैठक में स्कूलों व क्लबों का मताधिकार खत्म करने का प्रस्ताव पारित किया गया है। झारखंड राज्य क्रिकेट एसोसिएशन ने इस बाबत 23 सितंबर को विशेष आम बैठक (एसजीएम) बुलाई है, जिसमें इस प्रस्ताव पर अंतिम मुहर लगने की संभावना है।
इस फैसले से जमशेदपुर के क्रिकेटरों में काफी रोष देखा जा रहा है। पूर्व क्रिकेटर समूह के संयोजक शेषनाथ पाठक ने बताया कि आज आठ दशक पुरानी क्लब अपनी अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है। 1935 में जब झारखंड राज्य क्रिकेट एसोससिएशन (पूर्ववर्ती बिहार क्रिकेट एसोसिएशन) का गठन हुआ था तब जिला संघ के रूप में पटना व रांची ही शामिल था। यह क्लब ही था, जिसने झारखंड में क्रिकेट को अपने खून-पसीने से सींचा। उन्होंने बताया कि राज्य क्रिकेट संघ से मान्यता प्राप्त 29 क्लब हैं और इन क्लबों को अरबपति संस्था जेएससीए से कोई भी आर्थिक मदद नहीं मिलता। दस साल पहले जेएससीए की ओर से गेंद की व्यवस्था की गई थी, जो अभी तक जारी है।
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एल टाउन ने दिए कई अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर
अगर जमशेदपुर में कोई क्रिकेटर है तो उसका सपना एल टाउन क्लब से खेलने का होता है। एल टाउन क्लब ने सबा करीम, सौरभ तिवारी, रमेश सक्सेना व रणधीर सिंह जैसे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर दिए। एक जमाना था, जब बिहार की रणजी टीम में आठ से नौ खिलाड़ी जमशेदपुर के क्लबों के ही होते थे। स्टील सिटी एक्सप्रेस स्पीड्स्टर वरुण एरोन को भला कौन नहीं जानता। झारखंड रणजी टीम में बल्लेबाजी का आधारस्तंभ माने जाने वाले इशांक जग्गी क्लब से ही खेलकर राष्ट्रीय फलक पर चमक बिखेरी।
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कोट (जेएमडी-07)
जेएससीए द्वारा स्कूलों व क्लबों का मताधिकार छीनना पूरी तरह गलत है। जेएससीए के पदाधिकारी सिर्फ वोट की राजनीति कर रहे हैं। अब लगा कि आगामी चुनाव में हार जाएंगे, तो स्कूलों व क्लबों का वोटिंग राइट ही खत्म कर दिया। अपने स्वार्थ के लिए कुछ लोग राज्य में क्रिकेट को बर्बाद कर रहे हैं।
अबू तल्हा नवाब
पूर्व क्रिकेटर