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Gurudas Dasgupta:जमशेदपुर से गहरा रिश्ता रहा है कामरेड गुरुदास दासगुप्ता का, निधन की खबर से शोक की लहर

सीपीआई नेता कामरेड गुरुदास दासगुप्ता कम से कम 25 बार झारखंड के जमशेदपुर आए थे। उन्‍होंने बंद पड़ी केबुल कंपनी को खुलवाने का काफी प्रयास क‍िया था।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Thu, 31 Oct 2019 12:26 PM (IST)Updated: Thu, 31 Oct 2019 12:26 PM (IST)
Gurudas Dasgupta:जमशेदपुर से गहरा रिश्ता रहा है कामरेड गुरुदास दासगुप्ता का, निधन की खबर से शोक की लहर
Gurudas Dasgupta:जमशेदपुर से गहरा रिश्ता रहा है कामरेड गुरुदास दासगुप्ता का, निधन की खबर से शोक की लहर

जमशेदपुर, जासं। सीपीआई नेता कामरेड गुरुदास दासगुप्ता का लौहनगरी से गहरा रिश्ता रहा है। वे यहां कम से कम 25 बार आए थे। यही वजह है कि उनके न‍िधन की खबर फैलते ही यहां शोक की लहर दौड़ गई।

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ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस एआइटीयूसी के प्रदेश सचिव शशि कुमार बताते हैं कि सबसे बड़ी विडंबना यह है कि गुरुदास दासगुप्ता जिस एआइटीयूसी के महासचिव रहे, वह संस्था आज 100वीं वर्षगांठ मना रही है। आज ही के दिन मुंबई में एआइटीयूसी (ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस) की स्थापना हुई थी। इसकी सौवीं वर्षगांठ मनाने के लिए हमलोग मुंबई के सियानी रोड स्थित गुप्ता भवन में मौजूद हैंं। यहीं दासगुप्ता के निधन की खबर मिली। सुबह 11:00 बजे यहां श्रद्धांजल‍ि सभा हुई। दोपहर 2:00 बजे से मुंबई के साहनी रोड में रविंद्र रंगशाला में वर्षगांठ का समारोह है। यहां वर्षगांठ के साथ-साथ कामरेड दासगुप्ता को श्रद्धांजलि भी दी जाएगी।

अंतिम बार तीन वर्ष पूर्व आए थे जमशेदपुर

मुंबई के कार्यक्रम से एआइटीयूसी के झारखंड के डिप्टी जनरल सेक्रेट्री ओमप्रकाश स‍िंंह और महासचिव पीके गांगुली कोलकाता रवाना हो गए हैं। जमशेदपुर से भी कई लोग जाएंगे। शशि कुमार ने बताया कि गुरुदास दासगुप्ता अंतिम बार तीन साल पहले तब जमशेदपुर आए थे जब अखिल भारतीय मजदूर हड़ताल का आह्वान किया गया था। उन्होंने केवल टाउन स्थित केबल वेलफेयर हॉल में सभा भी की थी। गुरुदास दासगुप्ता ने केबुल कंपनी को खुलवाने के लिए काफी कोशिश की। इसके लिए कई बार यहां आए लेकिन विडंबना यह है कि अब तक यह कंपनी नहीं खुल सकी। जमशेदपुर के लोग कॉमरेड दासगुप्ता को कभी नहीं भूल पाएंगे 


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