covid 19: कोरोना से जुडे आपके सभी सवालों के जवाब यहां है, जानिए
पूरे भारत में कोरोना से हालात भयावह हो चले हैं। झारखंड की हालत भी खराब है। कोरोना संक्रमण के मामले में झारखंड का जमशेदपुर दूसरे स्थान पर है। कोरोना पाजिटिव की बढती संख्या एवं मौतों के आंकडे डरा रहे हैं। आइए जानिए कोरोना से जुडे सवालों के जवाब।
जमशेदपुर, जासं। पूरे भारत में कोरोना से हालात भयावह हो चले हैं। झारखंड की हालत भी खराब है। कोरोना संक्रमण के मामले में झारखंड का जमशेदपुर दूसरे स्थान पर है। कोरोना पाजिटिव की बढती संख्या एवं मौतों के आंकडे डरा रहे हैं। आइए जानिए कोरोना से जुडे सवालों के जवाब।
1. 2020 वाली कोरोना से 2021 वाली कोरोना कितना अलग ?
जवाब : इस बार कोरोना के प्रकार बदल गए हैं। फिलहाल हमारे देश में चार प्रकार के कोरोना संक्रमण देखने को मिल रहे हैं। नई स्ट्रेन वाला कोरोना वायरस ब्रिटेन, दक्षिण अफ्रीका व ब्राजील से आया है।
2. दूसरी लहर इतनी भयानक क्यों है?
जवाब- यह बिना लक्षण के संक्रमित कर रहा है। हर शरीर की वायरस से लड़ने की क्षमता भी अलग होगी और वायरस का प्रकार भी अलग होगा। हर म्यूटेशन से संक्रमण के लक्षण होंगे। आम तौर पर म्यूटेंट वायरस से जो कोरोना हो रहा है। उसमें बुखार ज्यादा दिन तक रहता है। इसे सिस्टमिक इंफ्लेमेशन कहते हैं। ऐसा तब होता है जब शरीर में एंटीबॉडी भी होंगी और एंटीजन भी होगा। इस वजह से रिएक्शन ज्यादा होता है। इस वजह से बुखार रहता है।
3. क्या कोरोना इस बार बच्चों व नौजवानों को ज्यादा संक्रमित कर रहा है?
जवाब-हां। प्राइमरी वैक्सीनेश्र नहीं होने के कारण ऐसा हो रहा है। यही कारण है कि सरकार ने एक मई से 18 साल के ज्यादा उम्र के लोगों को भी वैक्सीन देने का फैसला लिया है। बच्चों में इम्यूनिटी लेवल बड़ों के मुकाबले ज्यादा बेहतर होती है। इस वजह से उतना घबराने की ज़रूरत नहीं होती।
4. वैक्सीन का दोनों डोज लेने के बाद कोरोना हो गया?
जवाब-वैक्सीन की पहली डोज लेने के बाद शरीर में कुछ एंटीबॉडी बन जाती है, जो दूसरी डोज के मुकाबले कम होती है। ऐसे मरीजों में फेफड़ा पर कोरोना उतना असर नहीं करेगा। बुख़ार उसमें तेज़ होगा। तो ऐसे मामलों में शरीर में चोर (वायरस) भी आ जाते हैं और शरीर में वैक्सीन के बाद एंटी बॉडी ( पुलिस) भी तैयार रहती है। ऐसी सूरत में चोर जो बम लेकर आते हैं, वो घर ( लंग्स) में ना रख कर, इधर-उधर यानी शरीर के दूसरे हिस्से में बम छोड़ कर चले जाते हैं। इस वजह से ये सीरियस नहीं होते।
सवाल: रिइंफेक्शन वाला कोरोना, मरीज़ों पर कितना घातक होता है?
जवाब: 102 दिन के अंतराल के बाद दोबारा कोरोना होता है, तो उसे डब्लूएचओ ने रिइंफेक्शन कोरोना माना है। ब्रिटेन म्यूटेंट वेराइटी है, तो वो बच्चों और नौजवानों पर ज्यादा असर करेगा। अगर ब्राज़ील वाला है, तो उससे जान पर खतरा ज्यादा होगा। अगर दक्षिण अफ्रीका वाला है, तो जांच में पकड़ में आने में थोड़ी देरी होती है।