CoronaVirus : नवविवाहित जोड़े भी रो रहे कोरोना का रोना, नहीं पूरे हो रहे हनीमून के अरमान Jamshedpur News
CoronaVirus Effect. कोरोना की मार नवविवाहित जोड़ों पर भी। हनीमून पर जाने का उनका अरमान धरा का धरा रह जा रहा है। उन्हें आर्थिक चपत भी लग रही है।
By Rakesh RanjanEdited By: Published: Tue, 17 Mar 2020 04:08 PM (IST)Updated: Tue, 17 Mar 2020 04:08 PM (IST)
जमशेदपुर, जितेंद्र सिंह। Coronavirus Newly married couple could not fulfills their dreams due to corona कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में कोहराम मचा रखा है। आम जनजीवन से लेकर सरकारें और अर्थव्यवस्था तक इससे प्रभावित हो रही है। दूसरी तरफ नवविवाहित जोड़े भी अब कोरोना का रोना रो रहे हैं।
कोरोना के खौफ से बने माहौल के बीच अब नवविवाहित जोड़ों को हनीमून का कार्यक्रय रद करना पड़ रहा है। इससे शादीशुदा जोड़ों के अरमानों पर तो पानी फिर ही रहा है, पहले से बुकिंग करा चुके लोगों को आर्थिक नुकसान भी हो रहा है। कोरोना की आशंका से बने सतर्कता के माहौल में नवविवाहित जोड़े बाहर की ट्रिप कैंसिल कर रहे हैं। कई जोड़ों ने तो विवाह के बाद एकांत में कुछ समय गुजारने का कार्यक्रम पूरी तरह रद कर दिया तो कई विवाह के बाद नानी-मौसी या दूसरे रिश्तेदारों के घर हनीमून मनाने जा रहे हैं।
मोहित कोस रहे कोराना को
चंद्रबली उद्यान, काशीडीह के रहने वाले मोहित शाह कोरोना वायरस को कोस रहे हैैं। आखिर कोसे भी तो क्यों नहीं। नवंबर में उनकी सगाई हनी के साथ हुई थी। ठीक उसी दिन 3.5 लाख के पैकेज में क्रूज पर हनीमून मनाने का फैसला किया था। सिंगापुर, फुकेट, कुआललंपुर की सैर करने की सोची थी। लेकिन कोरोना ने ऐसा रुलाया कि दिल के अरमान आंसुओं में बह गए। 31 जनवरी को हनी संग शादी हुई और 15 फरवरी को हनीमून पर जाने को सोचा था। लेकिन हनीमून मनाने का सपना धरा का धरा रह गया। टूर कंपनी ने 3.5 लाख में आठ हजार ही लौटाया।
हनी के भी पूरे नहीं हुए अरमान
रिफ्यूजी कॉलोनी के रहने वाले हनी परमार का भी यही हाल है। हनीमून की किरण को कोरोना वायरस की नजर लग गई। हनी ने नौ फरवरी को किरण के संग शादी रचाई थी। क्रूज पर हनीमून मनाकर इस अविस्मरणीय पल को ताउम्र दिल में सहेजकर रखना चाहते थे। लेकिन वायरस का विष ने सपनों को संक्रमित कर दिया। वह 5 मार्च को पत्नी किरण संग सिंगापुर व थाईलैैंड की यात्रा पर जाने वाले थे। सपना तो टूटा ही, आर्थिक चपत भी लग गई। 1.5 लाख का पैकेज था, लेकिन 20 हजार की चपत लग गई।
मुश्किल वक्त में रिश्ते आ रहे काम
एक समय था जब विवाह के बाद शादीशुदा जोड़े चंद दिनों के लिए नानी, मौसी और बुआ के घर जाते थे, ताकि रिश्ते बने रहें। आधुनिकता की दौड़ में यह प्रथा खत्म हो गई, मगर कोरोना ने इस प्रथा को फिर से जिंदा कर दिया।
विवाह में लोग मांसाहारी खाने से बच रहे
खरमास लगने के कारण हिंंदुओं में विवाह तो बंद हो गए, लेकिन 24 अप्रैल तक मुसलमानों में शादी का लगन है। कोरोना का डर ऐसा है कि शादी समारोह में आने वाले लोग मांसाहारी खाने से बच रहे हैं। मुर्गा को तो कोई छू भी नहीं रहा है। हर किसी की हैसियत मटन की होती नहीं। ऐसी स्थिति में लोग केवल शादी में उपस्थिति दर्ज करा बिना खाना खाये भी लौट आ रहे हैं।
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