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Coronavirus Lockdown Positive Effect : ये है लॉकडाउन का सकारात्‍मक असर, दे रहे सुखद अहसास Jamshedpur News

Lockdown Positive Effect. कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए लॉकडाउन का सकारात्‍मक असर सुखद अहसास दे रहा है। आइए आपको रूबरू कराते हैं हुए बदलावों से।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Tue, 07 Apr 2020 10:40 AM (IST)Updated: Tue, 07 Apr 2020 11:12 AM (IST)
Coronavirus Lockdown Positive Effect :  ये है लॉकडाउन का सकारात्‍मक असर, दे रहे सुखद अहसास Jamshedpur News
Coronavirus Lockdown Positive Effect : ये है लॉकडाउन का सकारात्‍मक असर, दे रहे सुखद अहसास Jamshedpur News

जमशेदपुर, जेएनएन। Coronavirus Lockdown Positive Effect कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए लॉकडाउन का सकारात्‍मक असर सुखद अहसास दे रहा है। लॉकडाउन की वजह से सड़क हादसे तो थमे ही हैं, अपराध का ग्राफ भी गिरा है। झारखंड की लौहनगरी में रोजाना नौ हजार लीटर पेट्रोल की खपत कम हुई है वही अस्‍पताल की इमरजेंसी में भी लोगों का आना कम हुआ है।आइए आपको रूबरू कराते हैं हुए बदलावों से। 

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लॉकडाउन का एक सकारात्मक पहलू यह है कि सड़क दुर्घटना लगभग नगण्य है। लॉकडाउन के पहले हर सप्ताह औसतन दो लोगों की मौत सड़क दुर्घटना में होती थी। एक दर्जन से अधिक लोग हर दिन घायल होते थे। राष्ट्रीय राजकीय मार्ग संख्या 33 से लेकर शहर की सड़कों पर वाहनों का परिचालन न के बराबर हो रहा है जिससे दुर्घटना में असमय लोगों की मौत नहीं हो रही। लॉकडाउन में 24 मार्च को दुर्घटना में गोलमुरी में प्रशिक्षु दारोगा अविनाश कुमार और चांडिल में एनएच पर एक युवक की मौत हुई। शहर में कहीं ऐसी कोई दुर्घटना नहीं हुई जिसमें किसी की मौत तो दूर गंभीर रूप से कोई जख्मी तक नही हुआ। 14 दिन पहले और अब के हालात में काफी अंतर है। 21 मार्च को साकची मरीन ड्राइव में भीषण दुर्घटना में एक ही परिवार के चार लोग घायल हो गए थे।

नौ हजार लीटर रोज बच रहा पेट्रोल

रोजाना कम से कम 10 हजार लीटर पेट्रोल गंवाने वाला जमशेदपुर अब मात्र 1000 लीटर पेट्रोल का खर्च कर रहा है। वाहनों का परिचालन बंद होने के कारण पेट्रोल की बचत हो रही है। इसके अलावा कई हजार लीटर डीजल की भी बचत हो रही है। कच्च तेल की दाम आधे से कम हो गई है।

अस्पताल की इमरजेंसी में मरीजों का आना हुआ कम

कोरोना का ऐसा खौफ है कि अब अस्पताल में मरीज की भीड़ ही नहीं हैं। हालत यह है कि लॉकडाउन के बाद से अस्पतालों के इमरजेंसी में मरीजों की संख्या कम हो गई है। कोल्हान के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एमजीएम की बात करें तो यहां कोरोना आने से पूर्व तक प्रतिदिन 1000-1200 मरीज जांच व इलाज कराने के लिए ओपीडी व इमरजेंसी में आते थे। लेकिन आज स्थिति ऐसी हो गयी है कि 21 मार्च से धीरे-धीरे मरीजों की संख्या घटकर 150 से 200 तक आ गई। सोमवार दोपहर 12 बजे तक अस्पताल में मात्र 80 मरीज ही पहुंच सके थे।

अपराध के ग्राफ में आई अप्रत्याशित गिरावट

पिछले 14 दिनों में क्राइम रेट कम हो गया है। अलग-अलग श्रेणी के अपराधों की संख्या में 70 फीसदी गिरावट आई है। लूट-छिनतई और चोरी की घटनाएं न के बराबर हो रही हैं। हालत यह है थानों में अपराध से जुड़े मामले से अधिक लॉकडाउन उल्लंघन के केस दर्ज हुए हैं। पुलिस के पास अपराध के कम कोरोना संदिग्धों के लिए अधिक फोन आ रहे हैं। जमशेदपुर पुलिस के आंकड़ों पर नजर दौड़ाई जाए तो आवश्यक वस्तुओं की कालाबाजारी के तीन, नाबालिग से दुष्कर्म के तीन, बहला-फुसलाकर नाबालिग के अपहरण के तीन, हत्या की चार, चोरी की चार और लूट की एक प्राथमिकी दर्ज की गई है। पूर्वी सिंहभूम जिले में कुल 36 थाने हैं। एमजीएम और सुंदरनगर थाना में केवल मारपीट के ही मामले सामने आए हैं। अपराध में अचानक कमी होने का मुख्य कारण लोगों का घरों में रहना और पुलिस का 24 घंटे सड़क पर होना है।


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