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विवि की कथ‍ित प्रताड़ना के खिलाफ हड़ताल पर गए केयू के कांट्रेक्‍ट टीचर Jamshedpur News

Kolhan University. बकाया छह माह का मानदेय भुगतान के लिए रोज जारी हो रहे नए-नए निर्देश। शिक्षकों ने कहा कि यह मानसिक प्रताड़ना है। वे ऑनलाइन क्लास नहीं लेंगे।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Fri, 07 Aug 2020 04:36 PM (IST)Updated: Fri, 07 Aug 2020 04:36 PM (IST)
विवि की कथ‍ित प्रताड़ना के खिलाफ हड़ताल पर गए केयू के कांट्रेक्‍ट टीचर Jamshedpur News
विवि की कथ‍ित प्रताड़ना के खिलाफ हड़ताल पर गए केयू के कांट्रेक्‍ट टीचर Jamshedpur News

जमशेदपुर, जासं। कोल्हान विश्वविद्यालय के संविदा आधारित 216 शिक्षक शुक्रवार से हड़ताल पर चले गए। वे ऑनलाइन क्लास नहीं ले रहे हैं। विश्वविद्यालय की कथ‍ित प्रताड़ना से तंग आकर शिक्षकों ने सामूहिक रूप से यह निर्णय लिया है। अगर बात नहीं बनी तो ये शिक्षक सोमवार से भिक्षाटन पर उतरेंगे।

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 मालूम हो कि केयू की शैक्षणिक व्यवस्था पूरी तरह इन शिक्षकों पर ही निर्भर है। इन शिक्षकों का पिछले छह माह का मानदेय बकाया है। जिसे लेकर विश्वविद्यालय द्वारा रोज नए-नए निर्देश निकाले जा रहे हैं। कोल्हान विश्वविद्यालय संविदा आधारित शिक्षक संघ के अध्यक्ष राकेश कुमार पांडेय ने कहा कि विश्वविद्यालय के रवैये से खफा होकर विश्वविद्यालय के घंटी आधारित शिक्षक शुक्रवार से ऑनलाइन क्लास नहीं लेंगे।

छह माह से नहीं मिला मानदेय

उन्होंने कहा कि एक तो हमें छह माह से मानदेय नहीं मिला है, उपर से विशवविद्यालय के द्वारा नित्य नये आदेश देकर विपत्रों को लौटा दिया जा रहा है। जब लॉकडाउन से पहले एचओडी और प्रिंसिपल के साइन को मानकर पेमेंट होता था तो अब उनके साइन होने के बाद भी विपत्र क्यों लौटा दिया जा रहा। अभी कहा जा रहा कि आप ऑनलाइन क्लास जो लेते हैं उसका स्क्रीन सॉट लगाकर भेजो। अब एक दिन में चार क्लास तो किसी का महीने में कम से कम 70 क्लास का 70 पेज प्रिंट कर विपत्र के साथ लगाना पडे़गा। यह बेतुका लगता है। विश्वविद्यालय के द्वारा किए जा रहे इस मानसिक प्रताड़ना से सभी शिक्षक आहत हैं। 

कर्ज लेकर भरवा रहे नेट पैक

उनका कहना है कि कर्ज लेकर नेट पैक भरवा-भरवा कर क्लास लेने वाले शिक्षक को पैसा देने में मनमानी करने और मानसिक प्रताड़ना कर परेशान करना विश्वविद्यालय को बंद करना होगा। जब तक विश्वविद्यालय अपना मत स्पष्ट नहीं करेगा शिक्षक क्लास नहीं लेंगे। उन्होंने कहा कि कुलपति का कहना है कि प्रिंसिपल जो विपत्र भेजेंगे हम उसके आधार पर पेमेंट करेंगे, तो विपत्रों को क्यों लौटाया जा रहा है।


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