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मकर संक्रांति पर 12 लाख लीटर दूध-दही की खपत, बिहार-यूपी से भी मंगाया गया था दूध Jamshedpur News

डेयरी कंपनियां करीब एक सप्ताह से दूध मंगाकर स्टॉक कर रही थीं जबकि आपूर्ति मंगलवार सुबह से ही की जा रही थी। बुधवार को भी दूध की आपूर्ति सामान्‍य दिनों की अपेक्षा अधिक हुई।

By Vikas SrivastavaEdited By: Published: Wed, 15 Jan 2020 07:41 PM (IST)Updated: Wed, 15 Jan 2020 07:41 PM (IST)
मकर संक्रांति पर 12 लाख लीटर दूध-दही की खपत, बिहार-यूपी से भी मंगाया गया था दूध  Jamshedpur News
मकर संक्रांति पर 12 लाख लीटर दूध-दही की खपत, बिहार-यूपी से भी मंगाया गया था दूध Jamshedpur News

जमशेदपुर ( वीरेंद्र ओझा)। मकर संक्रांति को लेकर बुधवार को 12 लाख लीटर से अधिक दूध-दही की खपत लौहनगरी में हुई । मकर को लेकर शहरवासियों के साथ डेयरी कंपनियों के साथ दूध-दही के कारोबारियों ने भी तैयारी कर रखी थी।

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डेयरी कंपनियां करीब एक सप्ताह से दूध मंगाकर स्टॉक कर रही थीं, जबकि आपूर्ति मंगलवार सुबह से ही की जा रही थी। मकर संक्रांति की वजह से बुधवार को भी दूध की आपूर्ति सामान्‍य दिनों की अपेक्षा काफी अधिक हुई।  शहर में मुख्य रूप से सुधा, अमूल, ओसम व मेधा ब्रांड के दूध-दही मिलते हैं। ये कंपनियां झारखंड के अलावा बिहार, पश्चिम बंगाल व उत्तर प्रदेश से दूध मंगा रही थीं।

चौका (चांडिल) स्थित अमूल प्लांट में उत्तर प्रदेश के बलिया, गोरखपुर से सहारनपुर तक से दूध मंगाया गया, जबकि गम्हरिया स्थित सुधा डेयरी में बिहार के आरा, बरौनी, समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर व चंपारण से बड़े पैमाने पर कच्चे दूध का आयात किया गया। ओसम के प्लांट में पश्चिम बंगाल स्थित कोलकाता के पास कोलाघाट से आता है, जबकि मेधा डेयरी के बुंडू (रांची) स्थित प्लांट में झारखंड के अलावा बिहार के बेगूसराय, बख्तियारपुर, बाढ़ आदि से दूध आता है।

इन्हें यहां टैंकर से चिलिंग प्वाइंट (अत्यधिक ठंडा) में लाकर प्लांट में तापमान को नियंत्रित रखा जाता है। पाश्च्यूराइजेशन के बाद दूध को पैक करके उसी अवस्था में ठंडा करके बाजार में भेजा जाता है। इस हिसाब से देखा जाए तो मकर संक्रांति के दिन शहरवासियों ने जिस दूध-दही का उपयोग किया उसमें बिहार व पश्चिम बंगाल से लेकर उत्तर प्रदेश (यूपी) तक के दूध का स्वाद मिला रहा। 

सुधा डेयरी के मुख्य कार्यकारी देवव्रत कुंडू ने बताया कि इस बार जमशेदपुर प्लांट से मकर संक्रांति पर 10 लाख लीटर दूध और 50 हजार किलो दही की अनुमानित बिक्री हुई। सुधा की प्रतिदिन उत्पादन क्षमता करीब दो लाख लीटर दूध की है, जबकि अमूल एक लाख लीटर व ओसम करीब 25 हजार लीटर दूध का उत्पादन करती है। मेधा डेयरी की दैनिक उत्पादन क्षमता एक लाख लीटर है, लेकिन जमशेदपुर में 10-15 हजार लीटर दूध ही आता है।

फिलहाल दूध की किल्लत नहीं

शहर में करीब तीन माह से दूध की किल्लत चल रही थी, लेकिन अब नहीं है। दिसंबर के बाद से ही स्थिति में सुधार हो गया। कारोबारियों का कहना है कि ठंड के मौसम में दूध की किल्लत नहीं होती है, लेकिन दुर्गापूजा व दीपावली के दौरान झमाझम बारिश होने से परेशानी हो गई थी। मंगलवार तक शहर के किसी इलाके से दूध की कमी होने की शिकायत नहीं मिली।


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