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World Telecommunication Day: जमशेदपुर में ऐसे कई इलाके जहां आज भी चोटी पर चढ़ ढूंढना पड़ता है नेटवर्क, कॉल ड्राप भी यहां सबसे ज्यादा

Call Drops In Jamshedpur नेटवर्क नहीं रहने से लोगों को काफी परेशानी होती है। गांव में सरकारी कर्मीचारियों का एक मात्र सहारा बीएसएनएल रहता है। लेकिन बिजली चले जने से बीएसएनएल नेटवर्क चली जाती है। जिससे सरकारी कर्मी अपना हाजिरी तक नहीं बना पाते हैं।

By Jitendra SinghEdited By: Published: Tue, 17 May 2022 08:30 AM (IST)Updated: Tue, 17 May 2022 08:30 AM (IST)
World Telecommunication Day: जमशेदपुर में ऐसे कई इलाके जहां आज भी चोटी पर चढ़ ढूंढना पड़ता है नेटवर्क, कॉल ड्राप भी यहां सबसे ज्यादा
Call Drops In Jamshedpur : सरकारी कर्मी तीन कंपनियों का नेटवर्क करते हैं इस्तेमाल

जमशेदपुर, जासं।Jharkhand News जमशेदपुर शहर और आस-पास के क्षेत्रों में कई टेलीकाम कंपनियों ने अपने नेटवर्क का विस्तार तो कर लिया है। बीएसएनएल को छोड़ सभी कंपनियों ने अपने फोर जी नेटवर्क के शुरू करने का दावा किया है, लेकिन यह दावा सपना बनकर रह जाता है। फोरजी नेटवर्क प्रारंभ किए जाने के बावजूद यह कार्य ठीक तरीके से नहीं करता है। फोरजी ही ठीक से काम नहीं कर रहा है, फाइव जी तो अभी दूर की कौड़ी है। कंपनियों के दावे के बावजूद ग्रामीण क्षेत्रों के साथ-साथ शहरी क्षेत्रों में भी नेटवर्क की समस्या बनी हुई है। शहरी क्षेत्र की बात करें तो सिदगोड़ा गड्ढ़ा मैदान, आदित्यपुर के कई क्षेत्र में, परसुडीह, गदड़ा, गोविंदपुर, आसनबनी के कई क्षेत्र बीएसएनएल व अन्य कंपनियों के नेटवर्क से जुड़े है, लेकिन ये नेटवर्क यहां सही काम नहीं करते हैं। काल ड्राप सबसे ज्यादा है।

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पटमदा, बोड़ाम, घाटशिला, जादूगोड़ा तथा डुमरिया में ढूंढने से मिलती है नेटवर्क

ग्रामीण क्षेत्रों की बात करें तो पटमदा, बोड़ाम, घाटशिला व जादूगोड़ा तथा डुमरिया के कई क्षेत्र ऐसे हैं जहां नेटवर्क ढूंढने के लिए घरों से बाहर निकलना पड़ता है या ऊंची जगह पर जाकर बात करना पड़ता है। सबसे ज्यादा परेशानी तो ग्रामीण क्षेत्र के सरकारी कर्मचारियों की होती है। यहां सिर्फ बीएसएनल का नेटवर्क ठीक-ठाक रहता है, लेकिन जब यह बंद होता है तो एक सप्ताह तक इसकी सेवा दुरूस्त नहीं हो पाती। पटमदा, जादूगोड़ा, बोड़ाम के क्षेत्र में सबसे ज्यादा परेशानी है। इस कारण यहां के कर्मचारियों को विभिन्न कंपनियों के मोबाइल नेटवर्क का इस्तेमाल करते हैं, जिस कंपनी का नेटवर्क ऊंची जगह पर चढ़ने से मिल जाता है, वहीं से सारा रिपोर्ट अपने वरीय अधिकारियों को भेजते हैं। नेटवर्क की गड़बड़ी के कारण ही अंचल व प्रखंड कार्यालयों में काम करने भी कर्मचारियों काे परेशानी होती है। डाटा ही अपलोड नहीं हो पाता।

स्वदेशी तकनीक से प्रारंभ होगी बीएसएनएल की फोरजी सेवा

बीएसएनएल जमशेदपुर के डीजीएम एसके सिंह ने कहा कि अभी भी बीएसएनएल का नेटवर्क ही एकमात्र ऐसा नेटवर्क है जो ग्रामीण क्षेत्रों को शहर से तथा शहर को ग्रामीण क्षेत्र से जोड़ता है। यह देश की सेवा करता है। सीआरपीएफ के केंद्रों तथा ग्राम पंचायत मुख्यालयों में ही बीएसएनएल ही आपको मिलेगा। जमशेदपुर में इस कंपनी के लगभग दो लाख मोबाइल ग्राहक है। वर्तमान में थ्री जी सेवा दी जा रही है। अगस्त में फोर जी सेवा स्वदेशी तकनीक से प्रारंभ होगी। जहां तक ग्रामीण क्षेत्रों में समस्या की बात है यह समस्या बिजली नहीं रहने के कारण उत्पन्न होती है। ग्रामीण क्षेत्र या शहरी क्षेत्र के मोबाइल टावर में भारत सरकार ने ईंधन बचाने का निर्देश दिया है। इस कारण यहां सिर्फ बैटरी बैकअप पर ही कार्य होता है। अगर दो घंटा से जयादा बिजली नहीं रहती है तो ही समस्या उत्पन्न नहीं होती है। वर्तमान में इन क्षेत्रों में हाइस्पीड इंटरनेट सेवा के रूप में फाइवर कनेक्शन दिया जा रहा है, जिसकी मांग भी बढ़ती जा रही है। आज भी बीएसएनएल ही सबसे सस्ता मासिक 118 रुपया का प्लान देता है, जिसमें थ्री जी इंटरनेट सेवा भी शामिल है।

केस वन

भाजपा के अशोक सामंत बताते हैं, जब बीएसएनल सबसे पहले लांच हुआ था, उस समय से वे इस नेटवर्क का इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्होंने कहीं भी जाने पर इस कंपनी की सेवा का लाभ मिलता है। हां यह सही है कि इस कंपनी की इंटरनेट सेवा थोड़़ी खराब है। इस कारण इस सेवा के लिए अन्य कंपनियों के मोबाइल नेटवर्क का इस्तेमाल करते हैं। बातचीत बीएसएनएल से होती है।

केस टू

पटमदा के प्राथमिक विद्यालय पाथरडीह के प्रभारी प्रधानाध्यापक रवि नरेश बताते हैं कि स्कूल में तो किसी कंपनी का नेटवर्क ठीक से नहीं लगता। बीएसएनएल का नेटवर्क स्कूल से बाहर आने पर लगता है। इंटरनेट सेवा के लिए दूसरी कंपनी के नेटवर्क को भी अपने साथ रखना पड़ता है। बीएसएनएल का नेटवर्क खराब होने पर उसे ठीक करने में एक सप्ताह का समय लग जाता है, लेकिन अपनी हाजिरी तथा अन्य सरकारी कार्य के लिए रोजाना इंटरनेट सेवा की आवश्यकता होती है। इस कारण हमें तीन-तीन कंपनियों का सिम वाला मोबाइल रखना पड़ता है।


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