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न जज, न सदस्य ; उपभोक्ता फोरम में एक साल से नहीं हुई सुनवाई Jamshedpur News

जमशेदपुर के उपभोक्ता फोरम में एक साल से कोई सुनवाई नहीं हुई। दरअसल फोरम में न सदस्‍य हैं और न ही जज। ऐसे में फोरम अपने होने के मायने तलाश रहा है।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Sat, 04 Jan 2020 02:21 PM (IST)Updated: Sat, 04 Jan 2020 02:21 PM (IST)
न जज, न सदस्य ; उपभोक्ता फोरम में एक साल से नहीं हुई सुनवाई Jamshedpur News
न जज, न सदस्य ; उपभोक्ता फोरम में एक साल से नहीं हुई सुनवाई Jamshedpur News

जमशेदपुर,विश्वजीत भट्ट। पूर्वी सिंहभूम जिले के उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा कैसे हो, यह एक बहुत बड़ा सवाल है। यहां एक अध्यक्ष और दो सदस्यों की खाली कुर्सियां व्यवस्था की बेध्यानी की मिसाल पेश कर रही हैं। न्याय पाने की उम्मीद लिए उपभोक्ता फोरम की शरण में आने वाले लोगों की ओर से दायर मामलों की फाइलें धूल फांक रही हैं।

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पुराने मामलों को तो छोड़ दीजिए 2019 में दायर हुए कुल 34 मामलों की फाइलें पलटी भी नहीं गई हैं। पलटें भी कैसे, जब फोरम के न अध्यक्ष हैं और न ही दोनों सदस्य। फोरम के अध्यक्ष पंकज कुमार तीन जनवरी 2019 को ही यहां से सेवानिवृत्त हो गए। पुरुष सदस्य अप्रैल 2017 में और महिला सदस्य दिसंबर 2017 में रिटायर हो गए। इसके बाद न तो अध्यक्ष का मनोनयन हुआ और न ही सदस्यों का। तब से यह कार्यालय अनाथ जैसे चल रहा है और उपभोक्ताओं का हित भगवान भरोसे। 

1994 में हुई थी स्‍थापना

1994 में स्थापित उपभोक्ता फोरम अपने होने के मायने तलाश रहा है। इस कार्यालय में कर्मचारियों की भी घोर कमी है। जबकि प्रावधान यह कि उपभोक्ता हितों की रक्षा के साथ ही कोई भी मामला 90 दिनों के अंदर निपटा दिया जाए। इस कार्यालय में औसतन हर महीने 30 से 35 मामले आते हैं। कार्यालय की दशा का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 1994 में निर्माण के बाद मात्र एक बार इसकी रंगाई-पुताई हुई है। 
कर्मचारियों की घोर कमी 
  • स्वीकृत पद             कार्यरत
  • अध्यक्ष एक             नहीं हैं
  • दो सदस्य               नहीं हैं
  • चार चतुर्थ वर्गीय        कार्यरत दो
  • एक कार्यालय अधीक्षक  खाली
  • एक पीए                 खाली
  • एक स्टेनोग्राफर          हैं
  • दो लिपिक       एक(प्रतिनियुक्ति पर)
  • एक पेशकार             खाली
आते हैं अधिकतर इस तरह के मामले 
उपभोक्ता फोरम में इंश्योरेंस क्लेम, मोबाइल से जुड़े मामले, समय से पहले खराब हो जाने वाले इलेक्ट्रॉनिक्स गुड्स से जुड़े मामले, पोस्ट ऑफिस से जुड़े भुगतान के मामले सहित अन्य मामले आते हैं। 
ऐसे कर सकते हैं आवेदन 
यदि आपने कोई उत्पाद खरीदा है और आप उससे संतुष्ट नहीं हैं या उसकी गुणवत्ता तय मानकों के अनुरूप नहीं है तो आप उपभोक्ता फोरम द्वारा निर्धारित फॉर्मेट जो पुराना कोर्ट परिसर में ही मिल जाता है, में साफ-साफ शब्दों में भर कर आवेदन कर सकते हैं। पांच लाख तक के मुआवजे के लिए कोई शुल्क नहीं लगता। पांच से 10 लाख तक के मुआवजे के लिए 200 रुपये का पोस्टल आर्डर, 10 से 15 लाख तक में 200 रुपये का पोस्टल आर्डर व 15 से 20 लाख तक के मुआवजे के लिए 500 रुपये का पोस्टल आर्डर देना होगा।   

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