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लेटर ऑफ क्रेडिट ने लटकाया जमशेदपुर में डीटीओ कार्यालय का निर्माण Jamshedpur News

लेटर ऑफ क्रेडिट की वजह से जमशेदपुर में डीटीओ कार्यालय का निर्माण लटक गया है। भवन प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता ने कोषागार में लेटर नहीं दिया।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Wed, 12 Feb 2020 02:44 PM (IST)Updated: Wed, 12 Feb 2020 02:44 PM (IST)
लेटर ऑफ क्रेडिट ने लटकाया जमशेदपुर में डीटीओ कार्यालय का निर्माण Jamshedpur News
लेटर ऑफ क्रेडिट ने लटकाया जमशेदपुर में डीटीओ कार्यालय का निर्माण Jamshedpur News

ये हाल

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  • भवन प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता ने कोषागार में नहीं दिया लेटर, डेटाबेस से हटी राशि
  • दो किस्तों में आवंटित 56,35,000 रुपयों की नहीं हुई निकासी, सचिव से कई बार हुआ पत्राचार
  • अंतिम आवंटन 29,16,000 रुपये से बना भवन का ढांचा, बंद काम चिढ़ा रहा व्यवस्था का मुंह 
जमशेदपुर, विश्वजीत भट्ट।  जिला परिवहन पदाधिकारी (डीटीओ) के मौजूदा कार्यालय भवन के ठीक बगल में बन रहे नये डीटीओ कार्यालय भवन का निर्माण कार्य लेटर ऑफ क्रेडिट के कारण लटक गया है। इन नये कार्यालय भवन का निर्माण कार्य 85,51,000 रुपये से होना था।
इसके लिए वित्तीय वर्ष 2012-13 में 12 लाख रुपये का आवंटन आया। इसके ठीक बाद वित्तीय वर्ष 2013-14 में 44,35,000 रुपये का आवंटन आया। नियमानुसार इस राशि की निकासी के लिए कार्य विभाग भवन प्रमंडल जमशेदपुर के कार्यपालक अभियंता को जिला कोषागार में लेटर ऑफ क्रेडिट देना पड़ता है। कार्यपालक अभियंता की ओर से लेटर ऑफ क्रेडिट नहीं देने के कारण और निकासी के लिए कोई कार्रवाई नहीं किए जाने के कारण यह राशि डेटाबेस से हट गई और इसकी निकासी नहीं हो पाई।
खड़ा हो पाया है मात्र ढांचा
वित्तीय वर्ष 2018-19 में जो अंतिम आवंटन 29,16,000 रुपये का आया, इसी की निकासी हुई और ठेकेदार के साथ करारनामा करके 17 दिसंबर 2018 को भवन निर्माण का कार्य शुरू कर दिया गया। इस राशि से भवन का महज ढांचा खड़ा हो पाया और ठेकेदार को 28,13,000 रुपये का भुगतान कर दिया गया। प्राक्कलन राशि के शेष बचे 56,35,000 रुपये अभी भी लटके हैं और इसके साथ ही भवन का निर्माण कार्य भी जून 2019 से लटका हुआ है। 
अब निर्माण अधर में
राशि निकासी में हुई लापरवाही की भनक लगने के बाद भवन प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता ने 56,35,000 रुपये फिर से आवंटित करने के लिए परिवहन विभाग के सचिव को पत्र लिखा। फिर भी राशि आवंटित न होने के बाद पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त ने दो अगस्त 2019 को फिर से परिवहन विभाग के सचिव को पत्र लिखा। लेकिन, तब से लेकर आज तक न तो आवंटन आया और न ही काम ही शुरू हो पाया। नई सरकार में सरकारी खजाना खाली होने के कारण पूरे राज्य में निर्माण योजनाओं पर ग्रहण लग गया है। अब तो राम ही जानें कि आवंटन कब आएगा और कब फिर से इस भवन का निर्माण कार्य शुरू होगा।  
दड़बे जैसे भवन में चल रहा डीटीओ कार्यालय 
मौजूदा डीटीओ कार्यालय दड़बे जैसे भवन में चल रहा है। न तो जिला परिवहन पदाधिकारी के बैठने की जगह है और न ही कर्मचारियों के। सीलन, बदबू से दम तो घुटता ही है, चारों ओर फैले कागजात, फाइलें और रजिस्टर के कारण कार्यालय के लोगों का हिलडुल भी पाना मुहाल है। यहां तक कि कार्यालय में न तो शौचालय है और न ही पीने के पानी की ही व्यवस्था। जबकि हर रोज अपने-अपने काम से डीटीओ कार्यालय आने वाले लोगों की संख्या में सैकड़ों में है। कार्यालय के कर्मचारियों के साथ ही इन लोगों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

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