घाटशिला से नौ बार चुनाव लड़ चुके कॉमरेड सीताराम टुडू का निधन
संवाद सहयोगी घाटशिला घाटशिला विधानसभा से 1977 से 2009 तक नौ बार चुनाव लड़ने वाले एसयूसीआइ के प्रदेश सदस्य कॉमरेड सीताराम टुडू का निधन शुक्रवार को अहले सुबह तीन बजे हृदय गति रुक जाने से हो गया।
संवाद सहयोगी, घाटशिला : घाटशिला विधानसभा से 1977 से 2009 तक नौ बार चुनाव लड़ने वाले एसयूसीआइ के प्रदेश सदस्य कॉमरेड सीताराम टुडू का निधन शुक्रवार को अहले सुबह तीन बजे हृदय गति रुक जाने से हो गया। क्षेत्र में इनकी पहचान एक लड़ाकू मजदूर नेता के रूप में थी। शुक्रवार को निधन के बाद कई राजनीतिक दलों के नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। एसयूसीआइ के कार्यालय में उनके शव को अंतिम दर्शन के लिए रखा गया। जिसके बाद शव यात्रा निकाली गई। इस दौरान उनके शव को प्रस्तावित संताल विश्वविद्यालय स्थल ले जाया गया। जहां पर पूर्व विधायक सूर्य सिंह बेसरा व देश पारगना बैजू मुर्मू ने भी श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद उनका शव उनके पैतृक आवास धालभूमगढ़ के कडवाकाटा गांव ले जाया गया। जहां शनिवार को उनका अंतिम संस्कार किया गया। उनके निधन की सूचना पाकर झारखंड जनतांत्रिक मोर्चा के नेता मदन मोहन सोरेन, सुखलाल हांसदा, मलय सरकार, परिमल किस्कू, प्रो. मित्रेश्वर, झामुमो नेता रामदास हांसदा, एसयूसीआइ नेता कान्हाई बारिक समेत कई लोगों ने श्रद्धांजलि दी।
ज्ञात हो कि वर्ष 1977 में कॉपर मजदूर यूनियन के महासचिव के तौर पर उन्होंने ब्लास्टरों के आंदोलन का नेतृत्व किया था। उस समय ब्लास्टरों को आजीवन रात्रि ड्यूटी करनी पड़ती थी। इनके आंदोलन के बाद यह प्रथा समाप्त हुई थी। मजदूरों के आंदोलन को लेकर इनकी एक अलग पहचान बनी थी। वर्ष 1977 में सीताराम टुडू ने पहली बार घाटशिला विधानसभा से एसयूसीआइ के टिकट पर चुनाव लड़े। उस समय के चुनाव में विधायक बनने वाले सीपीआइ के उम्मीदवार स्वर्गीय टीकाराम माझी व एसयसीआइ उम्मीदवार सीताराम टुडू के बीच कड़ा मुकाबला हुआ था। सीपीआइ उम्मीदवार टीकाराम माझी को लगभग 10 हजार 600 वोट मिले थे। जिसमें टीकाराम माझी घाटशिला के विधायक बने थे। वहीं इनके निकटतम उम्मीदवार रहे सीताराम टुडू को लगभग 6 हजार 400 वोट मिले थे। इसके बाद से 1980 से लगातार 2009 तक सीताराम टुडू ने विधानसभा का चुनाव लड़े। एक बार जमशेदपुर संसदीय सीट से लोकसभा का चुनाव भी लड़ चुके थे।