Positive India : रिमोट दबाते ही कोरोना मरीज के बेड तक दवा व भोजन पहुंचायेगा को-बोट
चाईबासा डीडीसी ने रोबोटिक्स का इस्तेमाल कर तैयार किया स्वचालित उपकरण। संक्रमण रोकने को हाइटेक आइसोलेश बेड भी चाईबासा में बनकर हुए तैयार।
चाईबासा (सुधीर पांडेय)। कोविड-19 अस्पतालों में भर्ती कोरोना मरीजों के बेड तक अब स्वचालित उपकरण भोजन व दवा पहुंचायेगा। मरीज के पास नर्स को जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
अपने इनोवेशन के लिए लगातार चर्चा में रहने वाले पश्चिमी सिंहभूम के उप विकास आयुक्त आदित्य रंजन ने कोरोना वायरस से लड़ रहे कोरोना योद्धाओं के लिए एक नया उपकरण तैयार किया है। इस उपकरण का नाम को-बोट है। रोबोटिक्स का इस्तेमाल कर देश में यह अपनी तरह का पहला नवाचार है।
डीडीसी आदित्य ने बताया कि कोरोना वायरस के संक्रमण से चिकित्सा कर्मियों के बचाव, इलाजरत मरीजों को अनुकूलतम हाइजीन और संक्रमण से सुरक्षा प्रदान करने के लिए पश्चिमी सिंहभूम में हाईटेक इंडिविजुअल आइसोलेशन बेड तैयार किया गया है। इंडिविजुअल आइसोलेशन बेड में इलाजरत कोविड-19 मरीजों तक भोजन और दवाइयों को स्वचालित रोबोटिक उपकरण को-बोट के द्वारा पहुंचाया जाएगा।
क्या है हाईटेक इंडिविजुअल आइसोलेशन बेड और को-बोट
आदित्य रंजन ने बताया कि हाईटेक इंडिविजुअल आइसोलेशन बेड का आशय ऐसे बेड से है जिसमें प्रत्येक बेड अपने आप में एक कमरे के समान होगा। किसी चिकित्सा कर्मी को मरीज से और मरीजों को एक दूसरे से संक्रमण नहीं होगा।
भोजन और दवाई इत्यादि पहुंचाने का कार्य को-बोट के माध्यम से किया जाएगा। को-बोट रिमोट से संचालित रोबोटिक्स उपकरण है जिसकी सहायता से मरीज तक दवा इत्यादि स्वचालित रूप से पहुंचेगी। चिकित्सक अथवा चिकित्सा कर्मियों को मरीज तक जाना नहीं पड़ेगा जिससे कि उन्हें कोरोना वायरस से संक्रमण का खतरा नहीं रहेगा।
कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए देश में अपनी तरह का पहला नवाचार
बकौल, उप विकास आयुक्त कोरोना संक्रमण से ग्रसित मरीजों के लिए समर्पित अस्पतालों में मरीजों को दवा, भोजन इत्यादि पहुंचाने के लिए को-बोट काफी मददगार साबित होगा। को-बोट रिमोट से संचालित रोबोटिक उपकरण है जिसे बिना किसी मानवीय प्रयास के मरीज तक पहुंचाया जा सकता है। को-बोट देश में अपनी तरह का प्रथम नवाचारी प्रयोग है जो कि चिकित्सकों एवं चिकित्सा कर्मियों के स्वास्थ्य हित और कोरोना संक्रमण से बचाव को देखते हुए अत्यंत उपयोगी उपकरण है।
उप विकास आयुक्त ने आवास के गैरेज में बनाया को-बोट
को-बोट की डिजाइनिंग और प्रोग्रामिंग इत्यादि उप विकास आयुक्त की देखरेख में इंजीनियर्स की टीम के द्वारा की गई है। उन्होंने इंजीनियर्स की मदद से अपने सरकारी आवास के गैरेज में इस अनोखे उपकरण को तैयार किया है।