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यह कैसी पाठशाला, जहां लटका रहता है ताला Jamshedpur News

घाटशिला कॉलेज में नियमित कक्षाएं नहीं होने से विद्याथी हलकान हैं। दूर-दराज से आनेवाले विद्यार्थी को जब यह पता चलता है कि आज क्‍लास नहीं होगी तो निराश होकर लौट जाते हैं।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Sat, 25 Jan 2020 03:05 PM (IST)Updated: Sat, 25 Jan 2020 03:05 PM (IST)
यह कैसी पाठशाला, जहां लटका रहता है ताला Jamshedpur News
यह कैसी पाठशाला, जहां लटका रहता है ताला Jamshedpur News

घाटशिला (पूर्वी सिंहभूम), मंतोष मंडल।  यह कैसी पाठशाला, जहां कक्षा में लगा रहता ताला। यह हाल कोल्हान विश्वविद्यालय के सबसे ज्यादा विद्यार्थियों वाले घाटशिला कॉलेज का है। करीब 17 हजारों वाले इस महाविद्यालय की कक्षाओं में विद्यार्थी नदारद, शिक्षक गायब। कक्षाओं के गेट पर ताला। यह यहां की शैक्षणिक व्यवस्था की हकीकत बयां करती है। शिक्षक जब मन चाहे आएं और जब मन चाहे चले जाएं। विद्यार्थी पछताएं। स्थिति देख तो ऐसा ही अंदाजा लगाया जा सकता।

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शुक्रवार को घाटशिला कॉलेज के कॉमर्स संकाय यूजी में दोपहर की पॉली में डेढ़ से ढाई बजे तक दो कक्षाएं बिजनेस ऑग्रेनाइजेशन (बीओ) व मेक्रो इकोनॉमिक्स की कक्षाएं होनी थी। मेक्रो इकॉनोमिक्स की परीक्षा होने के कारण 13 जनवरी से क्लास सस्पेंड हैं। लेकिन बिजनेस ऑग्रेजाइनेशन की कक्षा होनी थी। कक्षा की अवधि में कॉमर्स संकाय के रूम नंबर 27 में ताला लटका था। गेट पर ताला देख विद्यार्थी लौट गए थे। यहां रूम नंबर 27 के बाहर क्लॉस से संबंधित जो रूटिन लगा था उसके अनुसार माइक्रो इकोनॉमिक्स व बिजनेस ऑग्रनाइजेशन की कक्षा थी। कक्षा बंद रहने से संबंधित कोई नोटिस नहीं लगा था। शिक्षक कक्षा बंद कर गायब थे। इसका सीधा प्रभाव विद्यार्थियों की शैक्षणिक व्यवस्था पर पड़ रहा हैं।

हाल के दिनों में देखने को मिल रहा था सुधार

इधर, पिछले कुछ दिनों पहले घाटशिला कॉलेज में  प्रिंसिपल के लगातार कक्षाओं के औचक निरीक्षण से नियमित कक्षाएं हो रही थी। कक्षाओं से गायब रहने वाले शिक्षकों को शो कॉज नोटिस जारी हो रहा था। इस कड़ाई का असर था कि कॉलेज की कक्षाओं में विद्यार्थियों की संख्या में बढ़ोत्तरी हो रही थी। दूर-दराज के बच्चों को बेहतर शैक्षणिक सुविधा का लाभ मिल रहा था। लेकिन पिछले कुछ दिनों से कॉलेज में उत्पन्न गतिरोध के बाद प्राचार्य पर लगातार दबाव बढ़ गया। गेस्ट फैकल्टी शिक्षकों ने प्रिंसिपल के व्यवहार के विरोध में मोर्चा खोला था। इन दबावों का परिणाम यह हुआ की प्रिंसिपल ने कड़ाई करना कम कर दिया। इसका परिणाम स्पष्ट नजर आने लगा हैं। प्रिंसिपल डॉ. बीएन प्रसाद से पूछने पर उन्होंने बताया कि कक्षाएं तो होती हैं, लेकिन यह जानकारी उन्हें नहीं हैं। शिक्षकों के अवकाश के संदर्भ में उन्हें कोई सूचना नहीं हैं।

कॉलेज का बजट अब तक नहीं बना

घाटशिला कॉलेज के द्वारा जैक काउंसिल को अब तक बजट नहीं भेजा गया है। जैक काउंसिल ने इंटर के पुराने बैंक खाता को फ्रीज कर दिया हैं। नए सिरे से बजट मांगा गया था। विषयवार एक-एक शिक्षकों का नाम जैक को भेजना था। लेकिन अब तक ऐसा नहीं हो सका। घाटशिला कॉलेज में एक विषय  कई शिक्षक पढ़ा रहे हैं। ऐसे में किसी एक शिक्षक का नाम चयन कर भेजना  प्रिंसिपल के लिए मुश्किल था। इसके लिए  प्रिंसिपल ने एक नोटिस निकाल कर नए सिरे से इंटरव्यू के माध्यम से एक नाम चयन करने का निर्णय लिया था। जिसका कॉलेज के गेस्ट फैकल्टी शिक्षकों ने विरोध किया था। कॉलेज में गेस्ट फैकल्टी शिक्षक व  प्रिंसिपल के बीच उत्पन्न गतिरोध को देख कर विधायक रामदास सोरेन ने हस्तक्षेप किया था। विधायक ने वार्ता कर  प्रिंसिपल को निर्देश दिया था क‍ि नए सिरे से इंटरव्यू के लिए निकाले गए नोटिस को रद करे। प्रिंसिपल ने नोटिस तो रद्द कर दिया। लेकिन बजट पर ग्रहण लग गया। विषयवार एक-एक शिक्षक का नाम सलेक्ट नहीं होने के कारण जैक काउंसिल को बजट नहीं भेजा जा सका। ऐसे में वेतन व अन्य भुगतान में देरी होने की संभावना हैं।

 प्रिंसिपल ने ही कहा था कम विद्यार्थी रहें तो कक्षाओं का नहीं मिलेगा मानदेय: शिक्षिका

इस मामले पर कॉमर्स संकाय की शिक्षिका सोमा सिंह से पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि  प्रिंसिपल सर ने ही कहा था कि कक्षा में अगर कम विद्यार्थी रहेंगे तो कक्षा नहीं लेनी है। उस कक्षा का पेमेंट वे नहीं करेंगे।  प्रिंसिपल सर ने ही डेढ़ से ढाई बजे तक क्लास करने का आदेश निकाला था। लेकिन हमारे संकाय की विद्यार्थी खासकर छात्राएं सुदूर डुमरिया व अन्य स्थानों से आते हैं। कई बार विद्यार्थी कह चुके हैं कि डेढ़ से ढाई बजे तक अवधि में वे कक्षाएं नहीं कर पाएंगे। उनके घर दूर हैं। ऐसे में कक्षा के समय विद्यार्थी नहीं रहते हैं।  प्रिंसिपल सर के आदेश का ही अनुपालन हो रहा। हालांकि  प्रिंसिपल सर के द्वारा कम विद्यार्थी रहेंगे तो संबंधित कक्षा के एवज में पैसे भुगतान नहीं करने के लिखित आदेश के संदर्भ में शिक्षिका ने बताया कि यह प्रिंसिपल का मौखिक आदेश था। लिखित उन्हें नहीं दी गई हैं।


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