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Jharkhand: स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के नाम पर सिविल सर्जन ने मांगे थे डेढ़ करोड़, डॉ. ओपी आनंद के आरोप से उठा सियासी तूफान

आदित्यपुर स्थित 111 सेव लाइफ अस्पताल के मामले में नया मोड़ आ गया है। विधायक सरयू राय ने मंगलवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को जो पत्र लिखा है उसमें अस्पताल के संचालक डा. ओपी आनंद से स्वास्थ्य मंत्री के नाम पर डेढ़ करोड़ रुपये मांगने का आरोप है।

By Jitendra SinghEdited By: Published: Wed, 26 May 2021 06:00 AM (IST)Updated: Wed, 26 May 2021 08:54 AM (IST)
Jharkhand: स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के नाम पर सिविल सर्जन ने मांगे थे डेढ़ करोड़, डॉ. ओपी आनंद के आरोप से उठा सियासी तूफान
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के नाम पर सिविल सर्जन ने मांगे थे डेढ़ करोड़।

जासं, जमशेदपुर : आदित्यपुर स्थित 111 सेव लाइफ अस्पताल के मामले में नया मोड़ आ गया है। विधायक सरयू राय ने मंगलवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को जो पत्र लिखा है, उसमें अस्पताल के संचालक डा. ओपी आनंद से स्वास्थ्य मंत्री के नाम पर डेढ़ करोड़ रुपये मांगने का आरोप है।

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डॉ. आनंद ने 17 मई को आरआइटी थाना में ऑनलाइन की थी शिकायत

डा. आनंद ने यह शिकायतवाद जेल जाने से पहले 17 मई को आरआइटी थाना प्रभारी को आनलाइन दर्ज कराई थी। इसमें स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता व सरायकेला-खरसावां के सिविल सर्जन को आरोपी बनाया गया है। इसमें आरोप लगाया गया है कि 15 मई को सरायकेला-खरसावां के सिविल सर्जन डा. वरियल मार्डी ने नर्सिंग होम में आकर डेढ़ करोड़ रुपये की मांग की और कहा कि स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने मांगा है। नहीं दोगे तो जेल भी जाना पड़ेगा और नर्सिंग होम भी बंद कराएंगे।

भाजपा नेता देवेंद्र सिंह ने भी की मुख्यमंत्री से शिकायत

इस पत्र की प्रति के साथ भाजपा के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य देवेंद्र सिंह ने भी मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। देवेंद्र सिंह ने लिखा है कि मेडिका अस्पताल भी क्यों बंद हुआ, क्या मुख्यमंत्री जांच कराएंगे कि इसकी क्या वजह थी। डा. आनंद ने इस शिकायतवाद की प्रति प्रधानमंत्री, डीजीपी व सरायकेला एसपी को भी भेजने का उल्लेख किया है। ज्ञात हो कि 15 मई को सिविल सर्जन डा. वरियल मार्डी अस्पताल की जांच करने गए थे। इसके बाद डा. आनंद का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वे सिविल सर्जन व स्वास्थ्य मंत्री के खिलाफ अपशब्दों का प्रयोग किया था।

बन्ना बोले, जिस दिन गंदी-गंदी गालियां दे रहे थे उस दिन क्यों नहीं बोले

यदि इस बात में सच्चाई है तो जिस दिन वह सिविल सर्जन व स्वास्थ्य मंत्री को गंदी-गंदी गाली दे रहे थे, उस दिन यह बात क्यों नहीं बोले कि सिविल सर्जन हमसे पैसा मांग रहा था। दूसरे दिन भी कुछ नहीं बोले। तीसरे दिन उन्हें कैसे समझ में आया कि कोई पैसा मांग रहा था। वैसे मैं इस तरह के आरोप से नहीं डरता। राजनीति में इस तरह के आरोप लगते रहते हैं। फिर भी कोई आरोप लगा रहा है, तो जांच होनी चाहिए। पुलिस जांच करेगी कि कौन पैसा मांग रहा था, किस वजह से मांग रहा था। पैसा मांगने के दिन डाक्टर साहब यह बात कहने से क्यों डर गए थे। गाली देते समय तो उन्हें किसी से डर नहीं लगा। जनता सब समझती है, मुझे इससे ज्यादा कुछ नहीं कहना है। - बन्ना गुप्ता, स्वास्थ्य मंत्री

मामले की जांच चल रही है, प्रोसेस में है।

- मो. अर्शी, एसपी, सरायकेला-खरसावां

इनका ना तो कोई ऑनलाइन आवेदन मिला है, ना यहां इस तरह की किसी शिकायत की सूचना है।

- श्रीनिवास सिंह, थाना प्रभारी, आरआइटी


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