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CAA Favour Rally : सीएए के समर्थन में झारखंड के चाईबासा में सभा Chaibasa News

CAA Favour Rally. नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन में चाईबासा के गांधी मैदान में सीएए जागरण समिति की सभा हुई। इसमें कानून के विरोध को गैरवाजिब करार दिया गया।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Sun, 19 Jan 2020 01:42 PM (IST)Updated: Sun, 19 Jan 2020 02:23 PM (IST)
CAA Favour Rally : सीएए के समर्थन में झारखंड के चाईबासा में सभा Chaibasa News
CAA Favour Rally : सीएए के समर्थन में झारखंड के चाईबासा में सभा Chaibasa News

जमशेदपुर/चाईबासा, जेएनएन। Citizenship Amendment Act नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 के समर्थन में झारखंड के कोल्‍हान प्रमंडल के चाईबासा के गांधी रविवार को सभा हुई। इसमें वक्‍ताओं ने कानून की हिमायत करते हुए विरोध को गैरवाजिब करार दिया। वक्‍ताओं ने कहा कि यह भ्रम फैलाया जा रहा है कि कानून खास धर्म के लोगों को प्रभावित करने के लिए बनाया गया है। जबकि कोई ऐसी बात है ही नहीं। 

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सीएए  जागरण समिति चाईबासा की ओर से आयोजित सभा में भाजपा के प्रदेश अध्‍यक्ष लक्ष्‍मण गिलुवा ने बतौर मुख्‍य वक्‍ता शिरकत की।  पूर्व विधायक गुरुचरण नायक, पुत्कर हेंब्रम, जवाहर लाल बानरा, पूर्व नगर पर्षद अध्यक्ष गीता बालमुचू, भाजपा जिलाध्यक्ष मनीष कुमार राम, बीस सूत्री के जिला उपाध्यक्ष संजय पांडेय, भूषण पाट पिंगुवा,  विश्व हिन्दू परिषद के जिलाध्यक्ष सरदार जगजीत सिंह की भी मौजूदगी रही। सभा में चक्रधरपुर, झींकपानी, सरायकेला, राजनगर, नोवामुंडी, तांतनगर, मंझारी से काफी संख्‍या में सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ताओं ने शिरकत की। 

नागरिक संशोधन कानून के समर्थन में सीएए जागरण समिति की ओर से चाईबासा के गांधी मैदान में आयोजित कार्यक्रम मौजूद अतिथि ।

लोगों को किया जा रहा गुमराह

सभा को संबोधित करते हुए लक्ष्‍मण गिलुवा ने कहा कि बिना जाने-समझे राजनीतिक रोटी सेंकने के लिए कांग्रेस सहित कई पार्टियां सीएए का विरोध कर रही है। ऐसी पार्टियों की मंशा को समझने की जरूरत है। उन्‍होंने कहा कि सीएए पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक उत्पीड़न का सामना कर रहे अल्पसंख्यकों को भारत में गरिमा पूर्ण जीवन को जीने का अवसर प्रदान करेगा। कहा कि जो लोग भारत में आए हैं उनमें 70 से 80 फीसद  दलित हैं। वे काफी समय से यहां रह रहे हैं,  लेकिन उनके बच्चे का स्कूल में एडमिशन नहीं हो सकता था, न ही उन्हें अन्य कोई सरकारी सुविधाएं मिलती थी,  क्योंकि उनके पास भारत की नागरिकता नहीं थी। संविधान निर्माता डॉ भीमराव अंबेडकर ने भारत विभाजन के वक्‍त कहा था कि जो लोग पाकिस्तान से भगाये जा रहे हैं, उनकी चिंता की जानी चाहिए और हमें कानून ऐसे बनाने चाहिए जो इनकी चिंता करे और इनको संभाल कर रखे। नरेंद्र मोदी सरकार ने यही किया है। 


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