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Green conclave में उद्योग सचिव बोले, पर्यावरण की कीमत पर न हो उद्योगों का विकास Jamshedpur News

झारखंड के उद्योग सचिव ने कहा कि पर्यावरण की कीमत पर उद्योगों का विकास नहीं हो। यह भविष्य के लिए उचित नहीं होगा।

By Edited By: Published: Sat, 07 Sep 2019 08:00 AM (IST)Updated: Sat, 07 Sep 2019 08:34 AM (IST)
Green conclave में उद्योग सचिव बोले, पर्यावरण की कीमत पर न हो उद्योगों का विकास Jamshedpur News
Green conclave में उद्योग सचिव बोले, पर्यावरण की कीमत पर न हो उद्योगों का विकास Jamshedpur News

जमशेदपुर, जागरण संवाददाता।  किसी भी राष्ट्र के विकास में औद्योगिकीकरण सबसे महत्वपूर्ण है, लेकिन हमें पर्यावरण की कीमत पर विकास नहीं करना चाहिए। सभी कंपनियां प्राकृतिक संसाधनों का दोहन करे, लेकिन एक निश्चित सीमा तक। सभी कंपनी मालिक अपनी कंपनी से निकलने वाले ठोस व तरल कचरे का प्रबंधन अपनी कंपनी परिसर पर ही करें। तभी हम पर्यावरण को संतुलित करते हुए विकास की नई कहानी लिख सकते हैं।

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कंफडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआइआइ) जमशेदपुर चैप्टर द्वारा शुक्रवार को बिष्टुपुर स्थित होटल अलकोर में तीसरा ग्रीन कॉन्क्लेव का आयोजन हुआ। इसे संबोधित करते हुए झारखंड सरकार के उद्योग सचिव के रवि कुमार ने कहा कि झारखंड सरकार पर्यावरण स्थिरता (सस्टेनबिलिटी) पर विशेष ध्यान दे रही है। उन्होंने कहा कि अपशिष्ट प्रबंधन से हम पर्यावरण को बचा सकते हैं। हमें राज्य में इको औद्योगिक उत्पादन के साथ री-साइक्लिंग उद्योग को बढ़ावा देना चाहिए। इससे राज्य का आर्थिक विकास होगा। हमें कोशिश करना चाहिए। प्रकृति से जिन संसाधनों का हम दोहन कर रहे हैं हमारी कोशिश हो कि वह बर्बाद न हो।

बिजली बनाने में करें अबशिष्ट का इस्तेमाल

का हम अपशिष्ट का इस्तेमाल बिजली बनाने में भी कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि वेस्ट मैनेजमेंट में चीन हमसे तीन गुना आगे है इसलिए हर इंडस्ट्री जीरो लिक्विड डिस्चार्ज पर करना चाहिए। उन्होंने बताया कि री-साइक्लिंग यूनिट को सरकार सब्सिडी देने को भी तैयार है। इस मौके पर विभिन्न वक्ताओं ने स्मार्ट सस्टेनबिलिटी, पर्यावरण संरक्षण से आगे व स्मार्ट सिटी पर अपने विचार रखे।

हर मिनट पिघल रहे हैं आइसबर्ग

अपने संबोधन में सीआइआइ, झारखंड चैप्टर के चेयरमैन नीरजकांत ने कहा कि हर एक मिनट में दो फुटबॉल के आकार का आइसबर्ग (हिम खंड) पिघल रहा है। जिस तेजी से हम प्राकृतिक संसाधनों का दोहन कर रहे हैं, वह हमारे लिए खतरे की घंटी के समान है। इसलिए हमें पर्यावरण स्थिरता का ख्याल रखते हुए औद्योगिक विकास करना चाहिए। वहीं, उन्होंने सरकार से अपील की है कि पर्यावरण संरक्षण की नीति को और कठोर करे। वेस्ट मैनेजमेंट से बदली जमशेदपुर की तस्वीर

धनंजय कॉन्क्लेव में जुस्को के वरीय महाप्रबंधक कैप्टन धनंजय मिश्रा ने कहा कि जुस्को ने सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम से जमशेदपुर की तस्वीर को बदला। उन्होंने सामाजिक उद्यमिता द्वारा गरीब लोगों को इससे जोड़ा, जो घर-घर कचरा उठाव कर प्रतिमाह नौ से 12 हजार रुपये की आमदनी कर रहे हैं। वे 50 हजार घरों में यह सुविधा देकर उनसे मासिक शुल्क भी ले रही है।

प्राकृतिक संसाधनों के दोहन से इको सिस्टम पर खतरा

कॉन्क्लेव में जमशेदपुर जोनल काउंसिल के चेयरमैन अमिताभ बख्शी ने कहा कि किसी भी देश का विकास उसके औद्योगिक विकास पर निर्भर करता है। लेकिन जिस तेजी से प्रदूषण का स्तर, इंडस्ट्रीयल लिक्विड वाटर का स्तर बढ़ रहा है, वह इको सिस्टम के लिए खतरनाक है। हमें अब पर्यावरण संरक्षण की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए।

बांस से बना रहे हैं एक हजार नए उत्पाद

कॉन्क्लेव में दुमका के बांस उद्योग से जुड़े ईसेफ रिटेल प्राइवेट लिमिटेड से अजीत सेन ने अपना स्टॉल लगाया था। इस स्टॉल की जानकारी उद्योग सचिव के रवि कुमार ने सभी उद्यमियों को दी। बताया कि बांस को मशीन द्वारा नया रूप दिया जा रहा है। इसका इस्तेमाल उद्यमी पैकेजिंग में कर जंगलों को कटने से बचा सकते हैं। वहीं, ईसेफ के अजीत ने बताया कि उनकी ओर से वर्तमान में बांस से एक हजार तरह के नए उत्पाद बनाए जा रहे हैं। साथ ही इससे बने सामानों को श्रीलंका, भूटान सहित यूरोप के बाजारों में भी निर्यात किया जा रहा है।


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