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बच्चे तकनीक के माध्यम से हो रहे स्मार्ट, 193 स्कूलों में स्थापित हो चुके हैं स्मार्ट क्लास

शिक्षा के क्षेत्र में देश-दुनिया के नवीनतम जानकारी से अवगत कराने तथा सरकारी विद्यालयों (government school) के बच्चों को निजी विद्यालय (Private School) के बच्चों की तरह पठन-पाठन का मौका उपलब्ध कराने के उद्देश्य से पूर्वी सिंहभूम जिले में स्मार्ट क्लास की स्थापना की जा रही है।

By Jitendra SinghEdited By: Published: Wed, 03 Mar 2021 10:21 AM (IST)Updated: Thu, 04 Mar 2021 09:47 AM (IST)
बच्चे तकनीक के माध्यम से हो रहे स्मार्ट, 193 स्कूलों में स्थापित हो चुके हैं स्मार्ट क्लास
सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे तकनीक के माध्यम से हो रहे स्मार्ट।

जमशेदपुर, जासं। शिक्षा के क्षेत्र में देश-दुनिया के नवीनतम जानकारी से अवगत कराने तथा सरकारी विद्यालयों (government school) के बच्चों को निजी विद्यालय (Private School) के बच्चों की तरह पठन-पाठन का मौका उपलब्ध कराने के उद्देश्य से पूर्वी सिंहभूम जिले में स्मार्ट क्लास की स्थापना की जा रही है।

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इस क्रम में जिले में अब तक 193 सरकारी विद्यालयों में स्मार्ट क्लास (Smart Class) की स्थापना की जा चुकी है, जिसमें 147 हाई स्कूल, 45 मिडिल स्कूल व एक प्राइमरी स्कूल शामिल हैं । ब्लैक बोर्ड (Blackboard) स्मार्ट बोर्ड की इस यात्रा में पहले चरण में जिले के 21 सरकारी विद्यालयों में एससीए (स्पेशनल सेंटर एसिसटेंट) से स्मार्ट क्लास की स्थापना की गई। तत्पश्चात दूसरे चरण में डिस्ट्रिक्ट इनोवेशन फंड से 40 व तीसरे चरण में 66 हाईस्कूल साथ ही रोटरी क्लब (Rotary Club) की मदद से 38, एचसीएल के सीएसआर मद से 21, टाटा कमिंस, न्यूवोको व अन्नामृता के सीएसआर मद से 4, विधायक निधि(सरयू राय) से 2 तथा एक अन्य स्मार्ट क्लास की स्थापना डिस्ट्रिक्ट इनोवेशन फंड से अब तक की गई है ।

 छात्रों के सीखने के परिणामों में सुधार

स्मार्ट क्लास की स्थापना से जिले में हाईस्कूल के छात्रों के सीखने के परिणामों में सुधार हुआ है। गणित में प्रदर्शन में लगभग 34 प्रतिशत तथा भाषा में 22 प्रतिशत सुधार हुआ है। उपायुक्त सूरज कुमार ने बताया कि युवा पीढ़ी तकनीक प्रेमी है और इसपर जल्दी प्रतिक्रिया देती है। ऐसे में छात्रों के लिए शिक्षा को परस्पर संवादात्मक एवं विषय की समझ को विकसित करने की जरूरतों को पूरा करने के लिए स्मार्ट क्लास अनूठा समाधान है। पूर्वी सिंहभूम जिले में क्रियान्वित किए गए इस प्रोजेक्ट ने सरकारी स्कूलों और निजी स्कूलों के बीच की खाई को कम करने में मदद की है। पारंपरिक ब्लैकबोर्ड पद्धति की तुलना में एक स्मार्ट क्लास आकर्षक, इंटरैक्टिव (परस्पर संवादात्मक) और बेहतरीन शिक्षा अनुभव प्रदान करती है। यह छात्रों और शिक्षकों दोनों को एक साथ सीखने के लिए प्रेरित करता है साथ ही छात्रों को ऑट ऑफ द बॉक्स सोचने तथा शिक्षा के क्षेत्र में देश-दुनिया के नवाचार से रूबरू कराने में सहायक है ।

उद्येश्य

  • नवीन आईटी अवसंरचना का उपयोग कर स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाना, अधिक छात्र केंद्रित बनने के लिए कक्षाओं को सक्षम करना ।
  •  सीखने के अनुभव को बढ़ाने के लिए स्कूल में एक एकीकृत प्रौद्योगिकी समाधान होना ।
  • अधिक सीखने के लिए पाठ्यक्रम में मैप की गई उपयुक्त डिजिटल सामग्री (Digital) का वितरण साथ ही छात्रों के लिए इंटरएक्टिव, प्रभावी और दिलचस्प पाठ्य सामग्री की उपलब्धता।

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