गांधी के चरखे से स्वावलंबी बनेंगी वीमेंस की छात्राएं, जानिए क्या है योजना
जमशेदपुर वीमेंस कॉलेज में स्थापित गांधी स्टडी सेंटर फॉर रिसर्च के लिए खुशखबरी है। फरवरी माह से यहां चरखा का प्रशिक्षण मिलना प्रारंभ हो जाएगा।
जमशेदपुर, जागरण संवाददाता। जमशेदपुर वीमेंस कॉलेज में स्थापित गांधी स्टडी सेंटर फॉर रिसर्च के लिए खुशखबरी है। यहां खादी व ग्रामोद्योग आयोग (केवीआइसी) और झारखंड राज्य खादी ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा प्रदान किए गए चरखों का अब इस्तेमाल होने वाला है। फरवरी माह से यहां चरखा का प्रशिक्षण मिलना प्रारंभ हो जाएगा। इसके लिए खादी के केंद्रीय बोर्ड मुंबई ने अनुमति दे दी है।
अनुमति से संबंधित पत्र खादी ग्रामोद्योग संघ पूर्वी सिंहभूम को प्राप्त हो गया है। अब यहां की छात्राएं गांधीजी के चरखे से स्वावलंबी हो सकेगी। चरखे से बनी कपड़ों की मार्केटिंग होगी और इससे होने वाली आय को छात्राओं के बीच बांटा जायेगा। संघ के कार्यालय अधीक्षक अशोक कुमार वर्मा ने बताया कि वीमेंस कॉलेज में चरखा कोर्स के प्रस्ताव को स्किल डेवलपमेंट कोर्स के रूप में स्वीकृत कर लिया गया है। फरवरी माह से इस कोर्स को वीमेंस कॉलेज की छात्राओं के लिए प्रारंभ कर दिया जायेगा। इसके लिए आवश्यक रॉ मैटेरियल व ट्रेनर की व्यवस्था भी की जा चुकी है।
बताई गई चरखा चलाने की विधि
चरखा कोर्स का प्रस्ताव स्वीकृत होने की सूचना मिलने के बाद वीमेंस कॉलेज प्रबंधन ने भी इस दिशा में अपने प्रयास तेज कर दिए है। छात्राओं के एक-एक समूह को बुलाकर गांधीजी पुण्यतिथि के अवसर पर चरखा को ऑपरेट करने की विधि से चरखा कोर्स की कॉलेज प्रभारी सह गृह विज्ञान विभाग की एचओडी डॉ. रमा सुब्रह्माण्यम ने छात्राओं को अवगत कराया। उन्होंने कहा कि छात्राओं को पहले से चरखा चलाने की विधि से अवगत करा दिया जा रहा है।
होगा शार्ट टर्म कोर्स
चरखा चलाने का कोर्स शॉट टर्म कोर्स है। इस कोर्स को दिलचस्पी पैदा करने के लिए छात्राओं को लगातार चरखा की मशीन की ऑपरेट करने की विधि बताई जा रही है। इसकी शुरुआत गाधीजी की पुण्यतिथि से की गई है। यह कोर्स 15 दिन से लेकर 30 दिन तक का होगा। मालूम हो कि केवीआइसी और झारखंड खादी ग्रामोद्योग बोर्ड इस कोर्स के लिए 25 चरखा मशीन पहले ही उपलब्ध करा चुका है।
हाजीपुर से आयेगा रॉ मैटेरियल
वीमेंस कॉलेज में प्रारंभ होने वाले चरखा कोर्स के लिए रॉ मैटेरियल हाजीपुर से आयेगा। इसके मास्टर ट्रेनर की व्यवस्था भी कर दी गई है। पहले छात्राओं को सूत काटना सिखाया जायेगा। इसके बाद सिलाई कढ़ाई के अन्य कोर्स भी उपलब्ध होंगे।
खत्म हुआ इंतजार
बहुत दिन से इसका इंतजार था। गांधीजी की पुण्य तिथि पर कोर्स प्रारंभ करने की स्वीकृति का समाचार प्राप्त होना सुखद संकेत है। इसके लिए वे काफी दिनों से प्रयास कर रही थी।
- डॉ. पूर्णिमा कुमार, प्राचार्या, जमशेदपुर वीमेंस कॉलेज।