International Womens Day : टाटा स्टील की एकमात्र आदिवासी महिला ट्रांसपोर्टर हैं चांदमणि Jamshedpur News
International Womens Day. चांदमणि कुंकल टाटा स्टील की एकमात्र आदिवासी महिला ट्रांसपोर्टर हैं। भाड़े के ट्रक से कुंकल ट्रांसपोर्ट शुरू की। आज 50 ट्रक ट्रेलर व क्रेन की मालकिन हैं।
By Rakesh RanjanEdited By: Published: Sun, 08 Mar 2020 02:14 PM (IST)Updated: Sun, 08 Mar 2020 02:14 PM (IST)
जमशेदपुर, जासं। International Womens Day आदिवासी महिला चांदमणि कुंकल। यह केवल एक नाम नहीं बल्कि आज एक ब्रांड है। चांदमणि टाटा स्टील की एकमात्र आदिवासी महिला ट्रांसपोर्टर हैं, जिन्होंने वर्ष 2011 में भाड़े की एक ट्रक से अपना ट्रांसपोर्ट शुरू किया था। आज इनके पास 50 से ज्यादा ट्रक, ट्रेलर, क्रेन, एक्सवेटर 370 की मदद से करोड़ों का टर्नओवर है। इनकी कंपनी में सौ से ज्यादा पुरुष कर्मचारी कार्यरत हैं जिनका नेतृत्व चांदमणि कुंकल करती हैं।
चांदमणि ने भूगोल व आदिवासी उपजाति हो में डबल एमए हैं। स्वयं सिद्धू कान्हू इंटर जनजातीय कॉलेज में भूगोल की लेक्चरर हैं। कुछ अलग करने की चाहत में ट्रांसपोर्टर बनी। दैनिक जागरण से बताय कि शुरुआत में समाज की रूढि़वादी विचारधारा के कारण काफी परेशानी हुई। लोग कहते थे कि एक तो महिला ऊपर से आदिवासी? कैसे काम कर पाएंगी। लेकिन मैंने सभी भ्रांतियों को तोड़कर आगे बढ़ी। चांदमणि के दो वर्ष पूर्व पति डेनिश कुंकल का निधन हो गया। इसके बावजूद इन्होंने बेटे प्रतीक की जिम्मेदारी सहित कॉलेज व ट्रांसपोर्टर कंपनी के बीच बेहतर तालमेल बैठाया और आज सफल आदिवासी महिला उद्यमी में इनकी पहचान है।
ये कहतीं चांदमणि
चांदमणि कहती हैं कि महिला केवल घर के काम के लिए नहीं है। हम में बहुत क्षमता है, मौका मिले तो महिला क्या कुछ नहीं कर सकती। सरकार भी महिला उद्यमियों के उत्थान के लिए पहल करें। जो महिलाएं आज भी घरेलू व कुटीर उद्योग से जुड़ी हुई हैं, उनके लिए ऐसा बाजार विकसित करें जिसमें उन्हें अपने सामान की सही कीमत मिल सके।
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