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Covid 19 Vaccination : अंजुमन ने उठाया बीड़ा तो चक्रधरपुर में लगी पांच हजार से अधिक को वैक्सीन की डोज

खासकर मुस्लिम समाज के लोगों की हिचक को देखते हुए अंजुमन का यह कदम बेहद अहम था। अपने परोपकारी कामों की वजह से नगर में खास पहचान रखने वाले तजम्मुल हुसैन यानी जानी की घर-घर जाकर की जा रही अपील काम कर गयी और लोग वैक्सीनेशन शिविर में पहुंचने लगे।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Fri, 21 Jan 2022 03:35 PM (IST)Updated: Fri, 21 Jan 2022 03:35 PM (IST)
Covid 19 Vaccination : अंजुमन ने उठाया बीड़ा तो चक्रधरपुर में लगी पांच हजार से अधिक को वैक्सीन की डोज
अंजुमन अपना 25 वां शिविर आयोजित कर चुका है।

दिनेश शर्मा, चक्रधरपुर : कोरोना की वैक्सीन जब देश भर की तरह चक्रधरपुर में भी लगनी शुरू हुइ तो लोगों के मन में संदेह के कारण सरकारी शिविर तक सीमित संख्या में लोग पहुंच रहे थे। इस स्थिति को देखकर मुस्लिम सेंट्रल अंजुमन के अध्यक्ष तजम्मुल हुसैन ने समझा और प्रशासन के सहयोग के लिए अपनी संस्था की ओर से हाथ बढ़ाया। प्रशासन का सहयोग मिला, तो 8 जून 2021 में पहला वैक्सीनेशन शिविर नगर में संस्था की ओर से लगाया गया।

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खासकर मुस्लिम समाज के लोगों की हिचक को देखते हुए अंजुमन का यह कदम बेहद अहम था। अपने परोपकारी कामों की वजह से नगर में खास पहचान रखने वाले तजम्मुल हुसैन यानी जानी की घर-घर जाकर की जा रही अपील काम कर गयी और लोग वैक्सीनेशन शिविर में पहुंचने लगे। थोड़े प्रयास के बाद शिविर की सफलता से उत्साहित तजम्मुल हुसैन ने शिविर प्रत्येक दस दिन में लगाना आरंभ कर दिया। चंद दिनों पहले अंजुमन ने अपना 25 वां शिविर आयोजित कर नगर के कुल 5329 लोगों को वैक्सीन लेने में मदद की।

कोरोना की पहली लहर में बांटा था सूखा राशन

बातचीत के क्रम में तजम्मुल हुसैन बताते हैं कि कोरोना की पहली लहर में संगठन ने जरूरतमंद लोगों के बीच सूखा राशन बांटा था। दूसरी लहर के वक्त बुरी स्थिति के बीच उनकी और संगठन के लोगों की समझ यही थी कि अधिक से अधिक लोग वैक्सीन लें, तो वे सुरक्षित हों। इसके अलावा अन्य विकल्प ही नहीं था। लोगों की हिचक तोड़ने के लिए उनके बीच जाकर काफी बातें करनी पड़ी। लेकिन एक बार सिलसिला आरंभ हुआ, तो वैक्सीन लेने वाले लोग ही शिविर का प्रचार करने लगे। साठ से अधिक उम्र के लोगों पर फोकस करेंगेः जानी

जानी अपनी राय बताते हुए कहते हैं कि फिलहाल मौजूदा हालात में साठ साल से अधिक उम्र के वैसे लोग जिन्हें बूस्टर डोज दी जानी है, उन पर फोकस करना चाहते हैं। साथ ही इस उम्र के वैसे पात्र लोग जिन्हाेंने वैक्सीन नहीं ली है, के बारे में जानकारी लेकर उन्हें घरों से शिविर तक लाना चाहते हैं। वे कहते हैं इस उम्र के लोगों में अधिकतर को शिविर तक आने के लिए किसी अन्य की मदद की जरूरत है। इसपर ध्यान देना आवश्यक है।


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