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CGPC Dispute: जमशेदपुर में थम नहीं रहा सीजीपीसी का विवाद, मुखे और बिल्ला आमने - सामने

CGPC Jamshedpur Dispute. सीजीपीसी कार्यालय के पास गुरुवार को बिल्ल्ला और समर्थकों ने धरना दिया। वही मुखे अपने कार्यालय में समर्थकों के साथ बैठे रहे। दोनों गुट के बीच विवाद चलता रहा। एक- दूसरे पर आरोप- प्रत्यारोप लगते रहे। एक -दूसरे की फजीहत करते रहे।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Thu, 08 Apr 2021 05:40 PM (IST)Updated: Fri, 09 Apr 2021 09:43 AM (IST)
CGPC Dispute: जमशेदपुर में थम नहीं रहा सीजीपीसी का विवाद, मुखे और बिल्ला आमने - सामने
सीजीपीसी जमशेदपुर के प्रधान गुरमुख सिंह मुखे । फाइल फोटो

जमशेदपुर, जासं। सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी जमशेदपुर का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। विगत 10 दिन से कुछ न कुछ झमेला हो रहा है।  विवाद सीजीपीसी के प्रधान पद पर गुरमुख सिंह मुखे के काबिज होने को लेकर है। सिख प्रतिनिधि बोर्ड के गुरुचरण सिंह बिल्ल्ला पर फायरिंग मामले में गुरमुख सिंह मुखे के आरोपित रहने के कारण पद से हटा दिया गया था। मामले में जेल से रिहा होने पर प्रधान पद पर मुखे काबिज हो गए। जिसका विरोध गुरुचरण सिंह बिल्ल्ला और उनके समर्थक कर रहे हैं।

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सीजीपीसी कार्यालय के पास गुरुवार को बिल्ल्ला और समर्थकों ने धरना दिया। वही मुखे अपने कार्यालय में समर्थकों के साथ बैठे रहे। दोनों गुट के बीच विवाद चलता रहा। एक- दूसरे पर आरोप- प्रत्यारोप लगते रहे। एक -दूसरे की फजीहत करते रहे। कार्यालय के अंदर बैठे सीजीपीसी के प्रधान गुरमुख सिंह मुखे और अमरजीत सिंह अंबे और उनके कुछ लोगों ने बाहर खड़े और धरना देने की तैयारी कर रहे गुरचरण सिंह बिल्ला और उनके समर्थकों के साथ गाली -गलौज कर डराया-धमकाया। मुखे समर्थकों के साथ सीजीपीसी कार्यालय में तो बिल्ला समर्थक कार्यालय के समक्ष धरना पर बैठे देखे गए

एेसे हुइ विवाद की शुरुआत

विवाद की शुरुआत गुरुवार को उस समय हुई जब मुखे अपने समर्थकों के साथ सीजीपीसी के कार्यालय में आकर बैठे थे। कुछ देर बाद बिल्ला अपने समर्थकों के साथ सीजीपीसी कार्यालय के समक्ष पहुंचे और टेंट लगवाना शुरू किया और फिर धरना पर बैठ गए। उनका कहना था मुखे जेल से निकलने के बाद अवैध तरीके से सीजीपीसी का प्रधान बन बैठे हैं। ऐसा व्यक्ति सिख समाज की सर्वोपरी संस्था का प्रधान कैसे बन सकता है। वे लोग उन्हें प्रधान के पद पर नहीं बैठने देंगे। समाज की प्रतिष्ठा को क्षति पहुंचाई है। हत्या की साजिश का आरोपी है और जमानत पर जेल से छूटा है। वे लोग उसे कभी प्रधान नहीं मान सकते और उसके खिलाफ धरना देंगे। दूसरी ओर गुरमुख सिंह मुखे का कहना है कि वह निर्वचित प्रधान हैं।  झूठे मामले में फंसा कर साजिश के तहत जेल भेज दिया गया था। जमानत पर छूटने के बाद वह फिर से अपने पद पर आसीन हैं। उनके खिलाफ लोग साजिश कर रहे हैं और हटाना चाहते हैं। प्रतिष्ठा को धूमिल किया जा रहा है। मामला कोर्ट में चल रहा है. कोर्ट उसे कसूरवार मानता है तो वे सजा के भागी हैं। लेकिन जब तक वे कोर्ट से दोषी नहीं करार दिए जाते, तब तक उनसे उनका पद कोई कैसे छीन सकता है।

साकची थाना प्रभारी के पहुंचने के बाद संभले हालात 

इधर, दोनों गुट के बीच हो रहे विवाद पर साकची थाना प्रभारी कुणाल कुमार मौके पर पहुंचे और धरना पर बैठे लोगों को कोरोना के गाइडलाइन के तहत वहां से हटने को कहा। कानूनी कार्रवाई करने की बात कही।  गुरचरण सिंह बिल्ला और उनके समर्थकों ने कहा कि वे लोग मुखे की खिलाफत करेंगे। बिल्ला का कहना था कि संगत ने मुखे को समाज से निकाल दिया है।  मुखे ने कहा कि उनके साथ मारपीट करने की साजिश की जा रही है। धमकी दी जा रही है। प्रधान के पद से हट जाने को कहा जा रहा है। हत्या की धमकी दी जा रही है। अमरजीत सिंह अम्बे के साथ भी धक्का-मुक्की और मारपीट की गई है। मुखे ने कहा कि उसकी जान को खतरा है। दूसरी ओर गुरचरण सिंह बिल्ला का कहना है कि मुखे ने उसकी हत्या की साजिश रची थी। उसे गोली मार दी गई थी। गुरु कृपा से बच गए।


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