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भूख से मौत के लिए झारखंड सरकार जिम्मेदार: केंद्रीय सचिव

केंद्रीय खाद्य सचिव ने कहा है कि भूख से हो रही मौत के लिए राज्य सरकार जिम्मेदार है। इसके लिए केंद्र सरकार या खाद्य विभाग जिम्मेदार नहीं है।

By Edited By: Published: Thu, 21 Jun 2018 07:00 AM (IST)Updated: Thu, 21 Jun 2018 05:38 PM (IST)
भूख से मौत के लिए झारखंड सरकार जिम्मेदार: केंद्रीय सचिव
भूख से मौत के लिए झारखंड सरकार जिम्मेदार: केंद्रीय सचिव

जेएनएन, जमशेदपुर। भूख से हो रही मौत के लिए राज्य सरकार जिम्मेदार है। केंद्र सरकार या केंद्र सरकार का खाद्य विभाग इसके लिए किसी भी तरह से उत्तरदायी नहीं है। यह कहना है खाद्य, सार्वजनिक वितरण व उपभोक्ता विभाग, भारत सरकार के सचिव रविकात का। वे बुधवार को यहां समीक्षा बैठक के बाद पत्रकारों से बात कर रहे थे। केंद्रीय सचिव ने जनवितरण प्रणाली की दुकानों व एफसीआइ गोदाम का निरीक्षण किया।

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जनवितरण प्रणाली तथा उज्जवला योजना के लाभुकों से पूछताछ भी की। निरीक्षण के बाद डायरेक्टर बंग्लो में हुई बैठक में उन्होंने खाद्य आपूर्ति विभाग की योजनाओं, खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अनुपालन, ग्रामीण डाकिया योजना, धान क्रय, उज्ज्वला योजना की भी समीक्षा की। उन्हें बताया गया कि पूर्वी सिंहभूम जिले में मात्र 82 ऑफलाइन पीडीएस दुकानें चल रही हैं। ऑनलाइन दुकानों में नेटवर्क की समस्या के कारण अनाज वितरण में परेशानी हो रही है।

केंद्रीय सचिव ने कहा कि यदि किसी लाभुक का थंब इम्प्रेशन आने में दिक्कत हो, आधार लिंकेज की समस्या हो या नेटवर्क काम नहीं कर रहा हो तो किसी भी पहचान पत्र के जरिए अनिवार्य रूप से लाभुक को अनाज दिया जाए। बैठक से पहले सचिव रविकांत ने जनवितरण प्रणाली के दुकानदार रामनाथ सिंह, देवनगर, गाधी आश्रम साकची में जाकर जानकारी प्राप्त की। अन्नपूर्णा भंडार के हेमंत कुमार, काशीडीह में भी गए तथा वहा जनवितरण से संबंधित पूछताछ की। देवनगर गाधी आश्रम में उन्होंने प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के लाभुक सुमित्रा नाथ व सुमित्रा भोई से पूछताछ की। इसके बाद वे एफसीआइ गोदाम बर्मामाइंस गए। गेहूं एवं चावल की गुणवत्ता के प्रति संतोष व्यक्त किया। यहां अनाज भंडारण के लिए दो शेड का निर्माण कार्य चल रहा है। जल्द से जल्द निर्माण पूरा करने का निर्देश दिया। साथ ही, ड्रेनेज की समस्या के स्थायी समाधान का निर्देश दिया।

रविकात ने सीडब्ल्यूसी, गम्हरिया का भी निरीक्षण किया। यहां चारों ओर फैली गंदगी को देखकर उन्होंने नाराजगी व्यक्त की और युद्धस्तर पर सफाई कराकर तस्वीर भेजने का निर्देश दिया। उन्होंने निर्देश दिया कि जनवितरण प्रणाली के तहत वितरित किए जाने वाले गेहूं एवं चावल का उठाव एक माह पूर्व ही सुनिश्चित किया जाए। बैठक व निरीक्षण में उनके साथ उपायुक्त अमित कुमार, विशिष्ट अनुभाजन पदाधिकारी बिंदेश्वरी ततमा, एसडीओ माधवी मिश्रा, जीएम एफसीआइ और एरिया मैनेजर एफसीआइ आदि भी मौजूद थे।

तरह-तरह की होती रहीं चर्चाएं
उधर, विभाग के केंद्रीय सचिव द्वारा टाटा स्टील के डायरेक्टर बंग्लो में समीक्षा बैठक को लेकर कई तरह की बातें होती रहीं। हर कोई जानना चाह रहा था कि सर्किट हाउस या उपायुक्त कार्यालय में बैठक क्यों नहीं हुई? शहर में मौजूद होने के बाद भी सूबे के खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय को बैठक में क्यों नहीं बुलाया गया?

मुझे कोई जानकारी नहीं: सरयू
उधर, मंत्री सरयू राय ने कहा कि उन्हें इस बैठक के बारे में कोई जानकारी नहीं है। वैसे भी केंद्रीय सचिव राज्य के सचिव से बात करेंगे, मुझसे क्यों बात करेंगे। यदि उन्होंने कहा है कि भूख से मौत के लिए राज्य सरकार जिम्मेदार है, तो यह गंभीर बात है। मैं उनसे बात करूंगा। जहां तक मुझे जानकारी है, वह निजी कार्यक्रम में यहां आए थे। वैसे भी डायरेक्टर्स बंग्लो क्यों जाएंगे, यह टाटा स्टील का स्थान है। वहां सरकारी बैठक कैसे हो सकती है।


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