Move to Jagran APP

केंद्र कर रहा सौतेला व्यवहार, कांग्रेस करेगी विरोध : आभा

तमिलनाडु तेलंगाना कर्नाटक कश्मीर व आंध्रप्रदेश पर 60 हजार करोड़ से भी ज्यादा बकाया है। इस मुद्दे पर भाजपा के 12 सांसद झारखंड से है वे भी चुप्पी साधे हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 22 Oct 2020 10:19 PM (IST)Updated: Thu, 22 Oct 2020 10:19 PM (IST)
केंद्र कर रहा सौतेला व्यवहार, कांग्रेस करेगी विरोध : आभा
केंद्र कर रहा सौतेला व्यवहार, कांग्रेस करेगी विरोध : आभा

तमिलनाडु, तेलंगाना, कर्नाटक, कश्मीर व आंध्रप्रदेश पर 60 हजार करोड़ से भी ज्यादा, लेकिन नहीं की कटौती

loksabha election banner

जासं, जमशेदपुर : झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी की पर्यवेक्षक आभा सिन्हा गुरुवार को जमशेदपुर में थीं। यहां उन्होंने झारखंड सरकार के प्रति केंद्र सरकार के रवैये की तीखी आलोचना की। बिष्टुपुर स्थित कांग्रेस के जिला कार्यालय में संवाददाता सम्मेलन के दौरान उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार और सार्वजनिक उपक्रमों के पास झारखंड सरकार का 75 हजार करोड़ रुपये बकाया है, उसे देने में आनाकानी की जा रही है। दूसरी ओर केंद्र सरकार ने संकट की घड़ी में गलत तरीके से रिजर्व बैंक के माध्यम से डीवीसी का बकाया 1417 करोड़ रुपये वसूल लिया। इसका कांग्रेस हर जगह और हर स्तर पर विरोध करेगी।

आभा सिन्हा ने कहा कि यदि केंद्र सरकार से झारखंड को 75 हजार करोड़ रुपये मिल जाते तो इससे कोविड-19 (कोरोना) के संक्रमण से लड़ाई में काम आता। संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए आवश्यक स्वास्थ्य उपकरण, पीपीई किट और जांच की व्यवस्था हो सकती थी। लोगों को रोजगार, अधूरी या लंबित विकास परियोजना को गति दी जा सकती थी, लेकिन आदिवासी विरोधी केंद्र सरकार के नकारात्मक और असहयोगात्मक रवैया के कारण झारखंड के समक्ष बड़ी मुश्किल स्थिति उत्पन्न हुई है। डीवीसी का बकाया रघुवर दास के कार्यकाल का था, लेकिन भुगतान हेमंत सरकार के समय लिया गया है।

सबसे आश्चर्य की बात यह है कि एक ओर केंद्र सरकार खुद कोरोना की बात कह कर गैरभाजपा शासित राज्यों को जीएसटी क्षतिपूर्ति का बकाया भुगतान करने से इनकार कर रही है। वहीं इस संकट की घड़ी में राज्य सरकार के खाते से सीधे राशि निकाल रही है। केंद्र सरकार के पास झारखंड सरकार का अभी 2982 करोड़ रुपये जीएसटी कंपनसेशन मद में बकाया है। वहीं 38,600 करोड़ रुपये कोल इंडिया और सेल पर खान विभाग का बकाया है। 3300 करोड़ रुपये कोल इंडिया कंपनियों पर लगान का बकाया है। अन्य राज्यों पर भी बकाया है पर उनकी राशि नहीं काटी गई। तमिलनाडु, तेलंगाना, कर्नाटक, कश्मीर व आंध्रप्रदेश पर 60 हजार करोड़ से भी ज्यादा बकाया है। इस मुद्दे पर भाजपा के 12 सांसद झारखंड से है, वे भी चुप्पी साधे हैं। यदि केंद्र सरकार झारखंड का हक नहीं देती है, तो आंदोलन होगा। संवाददाता सम्मेलन के दौरान जिला अध्यक्ष बिजय खां, वरीय उपाध्यक्ष ब्रजेंद्र तिवारी, संजय सिंह आजाद, मौलाना अंसार खान, शफी अहमद खान आदि उपस्थित थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.