जमशेदपुर के एसएसपी बोले, सुधरी है पुलिस की छवि, काफी काम अभी बाकी
एक साल में पुलिस का चेहरा बदला है। बर्ताव में तब्दीली आई है। हालांकि अभी काफी कुछ काम करना बाकी है। यह कहना है जमशेदपुर के एसएसपी अनूप बिरथरे का।
जमशेदपुर, मुजतबा हैदर रिजवी। एक साल में पुलिस का चेहरा बदला है। बर्ताव में तब्दीली आई है। अब थाने से पीड़ित को भगाया नहीं जाता। यदि थाना प्रभारी ने किसी घटना की प्राथमिकी दर्ज नहीं की तो उसकी छुट्टी समझें। तीन दिन पहले बर्मामाइंस थाने में एफआइआर नहीं करने पर एएसआइ को लाइन हाजिर हुआ। इस साल लूट की 11 घटनाओं में से 10 का खुलासा हो गया है।
क्राइम का ग्राफ घटाने के लिए अपराधी जेल की सलाखों के पीछे भेज दिए गए हैं। 15 कुख्यात बदमाशों पर सीसीए लगाया गया। 50 लोग जिला बदर किए गए। हर रात मैं किसी न किसी थाने का निरीक्षण करता हूं। इससे क्राइम कंट्रोल हो रहा है। पुलिस की छवि सुधरी है लेकिन बहुत काम बाकी है। ये बातें जमशेदपुर के एसएसपी अनूप बिरथरे ने दैनिक जागरण से विशेष बातचीत में कहीं।
जनता को इंसाफ देने के लिए पुलिस क्या कर रही है?
मैंने पुलिस में कार्य संस्कृति विकसित की है। फील्ड में निकलना नहीं हुआ तो मैं लगातार दफ्तर में बैठता हूं। इससे थाना प्रभारियों पर दबाव बनता है कि वो भी थाने पर बैठें और फरियाद सुनें। यदि ऐसा नहीं हुआ तो लोग मेरे पास आएंगे। इसलिए अब थानों पर लोगों की बातें सुनी जाती हैं।
क्राइम कंट्रोल में आपके लिए सोशल साइट्स कितनी कारगर हैं?
अब पुलिस जनता के काफी नजदीक है। पुलिस के ट्विटर और फेसबुक पर पेज हैं। ट्विटर और फेसबुक पर लोग शिकायत करते हैं और पुलिस फौरन समाधान करती है। पुलिस की एक टीम सोशल मीडिया की बराबर निगरानी कर रही है।
साइबर अपराध पर कैसे काबू पाएंगे?
पहले साइबर अपराध पर कोई लगाम नहीं थी। पांच फरवरी 2018 को मैंने जमशेदपुर आते ही साइबर थाना शुरू कराया। खुद पहल कर अपने प्रयास से 50 लाख रुपये की लागत से साइबर थाने की बिल्डिंग बनवाई। अब एटीएम व बैंक फ्राड की घटनाओं में साइबर थाने के जरिए लोगों के पैसे वापस हो रहे हैं। फेसबुक पर गलत टिप्पणी करने या किसी की अश्लील फोटो शेयर करने वाले जेल भेजे गए हैं। अब साइबर अपराध पर काफी कंट्रोल में हैं।
चोरी की घटनाएं रोकने को पुलिस क्या कर रही है ?
देखिए घटनाएं होती हैं तो उनका हम पर्दाफाश करते हैं। पुरानी 90 फीसद घटनाओं का पर्दाफाश हो चुका है। अभी जो घटनाएं हो रही हैं उनका पर्दाफाश करने के लिए पुलिस को निर्देश दिए गए हैं। घटनाओं के पर्दाफाश पर पूरा जोर है। घटना होने के बाद पुलिस अधिकारियों की टीम बनाते हैं और उन्हें प्रोत्साहित किया जाता है।
सांप्रदायिक सौहार्द्र कायम करने को पुलिस क्या कर रही है?
देखिए इधर साल भर में सभी बड़े त्योहार शांतिपूर्वक हुए। दुर्गापूजा, ईद, रामनवमी जैसे पर्व आराम से गुजर गए। इस मोर्चे पर मैंने काफी काम किया। पिछली घटनाओं का अध्ययन किया गया। जहां कमी निकली उस पर ध्यान दिया गया। पर्व से पहले संवेदनशील स्थलों पर चौकसी बढ़ाई गई। दागी लोगों पर निगाह रखी गई। फ्लैग मार्च हुए।
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