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Roopa Tirkey मामले की सीबीआई करे जांच, पूर्व सांसद सालखन मुर्मू ने कहा- पांच राज्यों में धरना

Roopa Tirkey case पूर्व सांसद सालखन मुर्मू ने महिला थाना प्रभारी रूपा तिर्की की मौत को संदिग्ध बताते हुए सीबीआई जांच कराने की मांग की है। उन्होंने कहा कि इसके लिए आदिवासी सेंगेल अभियान के नेतृत्व में शुक्रवार को पांच प्रदेश में धरना दिया जा रहा है।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Fri, 14 May 2021 11:17 AM (IST)Updated: Fri, 14 May 2021 11:17 AM (IST)
Roopa Tirkey मामले की सीबीआई करे जांच, पूर्व सांसद सालखन मुर्मू ने कहा- पांच राज्यों में धरना
आदिवासी सेंगेल अभियान के नेतृत्व में शुक्रवार को पांच प्रदेश में धरना दिया जा रहा है।

जमशेदपुर, जासं। मयूरभंज के पूर्व सांसद सालखन मुर्मू ने रांची की महिला थाना प्रभारी रूपा तिर्की की मौत को संदिग्ध बताते हुए सीबीआई जांच कराने की मांग की है। उन्होंने कहा कि इसके लिए आदिवासी सेंगेल अभियान के नेतृत्व में शुक्रवार को पांच प्रदेश में धरना दिया जा रहा है।

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सालखन ने कहा कि इस मामले में सरकार आदिवासी विरोधी है। अन्यथा रूपा तिर्की (संदिग्ध मौत 3.5.2021) और महान शहीद सिदो मुर्मू के वंशज रामेश्वर मुर्मू (संदिग्ध मौत 12.6.2020) की संदिग्ध मौतों पर मुख्यमंत्री खुद न्याय की गुहार लगा सकते थे। मगर दोनों मौतों पर उनकी रहस्यमयी चुप्पी दुर्भाग्यपूर्ण और खतरनाक है। सरकार की जिम्मेदारी है जांच के माध्यम से जनता के मन की संदेह को तुरंत दूर करना, सीबीआई जांच करना। मगर रूपा तिर्की के मामले में सरकार खुद दीवार बनकर न्याय और पारदर्शिता के खिलाफ खड़ी प्रतीत हो रही है। सरकार के दबाव में पुलिस-प्रशासन जबरन अपने पक्ष की कहानी को गढ़ते हुए अन्य सारे सबूत और छिपी हुई दूसरे रहस्यों-एंगल को दबाने का काम करती हुई जान पड़ती है।

न हो रामेश्वर मुर्मू हत्याकांड जैसा हश्र

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हर मामले पर न्याय होना चाहिए, मगर न्याय करते हुए दिखना भी चाहिए। रूपा तिर्की के मामले में सरकार न्याय की जगह अन्याय करते हुए दिख रही है। एक आदिवासी महिला पुलिस अफसर की संदिग्ध मौत पर खुद मान्य मुख्यमंत्री को संवेदनशील होते हुए तुरंत सीबीआई जांच की घोषणा कर देनी चाहिए थी। अब लगता है जन दबाव में करेंगे। मगर इसकी नियति भी स्वर्गीय रामेश्वर मुर्मू की तरह बेकार और न्याय को विफल करने के लिए हो सकता है। रामेश्वर मुर्मू की हत्या के तीन महीने बाद 26 सितंबर 2020 को सीबीआई जांच की अनुशंसा की गई थी। इसके छह माह बाद भी सीबीआई जांच नहीं हुई। इससे बड़ा धोखा महान शहीदों के खानदान के साथ क्या हो सकता है।

इन संगठनों के सदस्य दे रहे धरना

आदिवासी सेंगेल अभियान, झारखंड दिशोम पार्टी, झारखंड नवनिर्माण दल, केंद्रीय सरना समिति, अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद और अन्य तमाम आदिवासी जन संगठन रूपा तिर्की मामले में शुक्रवार को एकदिवसीय सांकेतिक धरना के माध्यम से अविलम्ब सीबीआई जांच की मांग करते हैं। यह धरना पांच प्रदेशों के आदिवासी बहुल क्षेत्रों में किया जा रहा है।


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