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33 करोड़ के घोटाले में को-ऑपरेटिव बैंक का कैशियर गिरफ्तार

झारखंड को-ऑपरेटिव से करीब 33 करोड़ रुपयेेका अवैध तरीके से ऋण स्वीकृत किया गया था। उस दौरान मनसाराम महतो कैशियर के पद पर कार्यरत थे।

By Vikas SrivastavaEdited By: Published: Wed, 24 Jun 2020 07:52 PM (IST)Updated: Wed, 24 Jun 2020 08:05 PM (IST)
33 करोड़ के घोटाले में को-ऑपरेटिव बैंक का कैशियर गिरफ्तार
33 करोड़ के घोटाले में को-ऑपरेटिव बैंक का कैशियर गिरफ्तार

सरायकेला (जागरण संवाददाता)। को-ऑपरेटिव बैंक की सरायकेला शाखा  में 33 करोड़  रुपए घोटाला मामले में सीआईडी  की ओर से बैंक के तत्कालीन कैशियर मनसाराम महतो को जमशेदपुर से गिरफ्तार किया गया है । सीआईडी के डीएसपी कोल्हान अनिमेष गुप्ता के नेतृत्व में कैशियर  मनसाराम को सरायकेला व्यवहार न्यायालय लाया गया।

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मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में पेश करते हुए मंसाराम को सरायकेला जेल भेज दिया गया है । जानकारी हो कि पिछले 22 मई को तत्कालीन ब्रांच मैनेजर सुनील कुमार सतपथी को भी सीआईडी ने गिरफ्तार किया था। पिछले वर्ष सरायकेला थाना में  33 करोड रुपए का लोन गलत तरीके से देने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। 

क्या है मामला

को-ऑपरेटिव बैंक में साल 2011 से लेकर 2016 तक बैंक अधिकारियों की मदद से 33 करोड़ का लोन घोटाला किया गया। विभागीय जांच के बाद इस मामले में अगस्त 2019 में सरायकेला के संजय डालमिया समेत अन्य बैंक कर्मियों कोल के आधार पर यह लोन लिया था। बैंक के द्वारा मॉर्गेज रखे गए कागजातों से अधिक की लोन राशि स्वीकृत कर दी गई थी। बाद में लोन एनपीए हो गया था। पूरे मामले में 1 दर्जन से अधिक बैंक अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध है।

पिछले साल हुई थी प्राथमिकी दर्ज 

22 अगस्त 2019 को सरायकेला थाने में 38 करोड़ रुपए घोटाले की प्राथमिकी दर्ज की गई थी। प्राथमिकी के अनुसार बैंक से कुल 38 करोड़ रुपए लोन दिए गए थे। इसमें 33 करोड़ का लोन कारोबारी संजय कुमार डालमिया द्वारा लिया गया था। अन्य 4 करोड का लोन अन्य लोगों ने लिया था। लोन लेने वालों ने बैंक को पैसा नहीं लौटाया। इसके बाद पूरी मामले की जांच हुई। जांच के बाद सरायकेला के शाखा प्रबंधक सुनील कुमार सतपति, सहायक मदन लाल प्रजापति, तत्कालीन मैनेजर वीरेंद्र कुमार, क्षेत्रीय कार्यालय चाईबासा में पदस्थापित एजीएम, तत्कालीन लेखाकार शंकर बंदोपाध्याय ,चाईबासा क्षेत्रीय कार्यालय के तत्कालीन एमडी मनोजनाथ शाहदेव, तत्कालीन एजीएम मुख्यालय संदीप सेन, सीईओ बृजेश्वर नाथ और संजय कुमार डालमिया के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

सीआईडी ने केस को किया था टेकओवर

इस केस को बीते 2 मई को सीआईडी की टीम ने अपने हाथ में लिया था। पहले यह मामला सरायकेला थाने में दर्ज था। इस केस की मॉनिटिरिंग सीआईडी के अपर पुलिस महानिदेशक अनिल पाल्टा कर रहे हैं और जांच अधिकारी सीआईडी के कोल्हान प्रमंडल के डीएसपी अनिमेष गुप्ता हैं।

अवैध तरीके से स्वीकृत किया गया था ऋण 

सरायकेला के झारखंड को-ऑपरेटिव ब्रांच से करीब 33 करोड़ रुपया की अनियमितता और अवैध तरीके से ऋण स्वीकृत की गयी थी। इस दौरान मनसाराम महतो कैशियर के पद पर कार्यरत थे। मनसाराम महतो के द्वारा मैनेजर के साथ मिलकर डीएमई मद की पूरी राशि अवैध तरीके से निकासी की गयी। करीब 33 करोड़ में से 1.10 करोड़ रुपया का ऋण चेक से निकासी की गयी। इसमें मनसाराम का आईडी इस्तेमाल हुआ था। इस आधार पर मनसाराम महतो को गिरफ्तार किया गया।


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