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केक काट धूमधाम से मना रजिनी व चंपा हथिनी का बर्थडे Jamshedpur News

रजनी का यह 10 वां जन्मदिन था। उधर चंपा हथिनी के 69 साल का होने की खुशी में केक काटा गया। रजनी के लिए 20 पाउंड के केक का ऑर्डर पहले ही दिया जा चुका था।

By Vikas SrivastavaEdited By: Published: Sat, 12 Oct 2019 05:03 PM (IST)Updated: Sat, 12 Oct 2019 05:03 PM (IST)
केक काट धूमधाम से मना रजिनी व चंपा हथिनी का बर्थडे Jamshedpur News
केक काट धूमधाम से मना रजिनी व चंपा हथिनी का बर्थडे Jamshedpur News

जमशेदपुर (जागरण संवाददाता)। हाथियों के लिए संरक्षित दलमा वन्य प्राणी आश्रयणी में शनिवार को कुछ अलग ही माहौल रहा। कई दिनों से इसकी तैयारी भी की जा रही थी। पालतू हथिनी रजनी व चंपा का धूमधाम से जन्‍मदिन मनाया गया। इस मौके पर चीफ कंजरवेटर ऑफ फॉरेस्‍ट, जिला वन्‍य संरक्षण पदाधिकारी सहित बड़ी संख्‍या में वनकर्मी मौजूद थे।

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रजनी का यह 10 वां जन्मदिन था। उधर चंपा हथिनी के 69 साल का होने की खुशी में केक काटा गया। रजनी के लिए 20 पाउंड के केक का ऑर्डर पहले ही दिया जा चुका था। दलमा वन्‍यप्राणी आश्रयणी के रेंजर दिनेश चंद्रा कहते हैं कि रजनी का जन्म दिन पूर्व से मनाया जा रहा है। यह खुशी की बात है। इससे लोगों में एक अच्छा संदेश जाता है कि जब हम अपने बच्चों का जन्म दिन मना सकते हैं तो इन वन्‍यप्राणियों  क्यों नहीं। यही कारण है कि लोगों को जागरूक करने के लिए हाथी का जन्म दिन मनाया जाता है। उन्होंने बताया कि इस तरह किसी अभ्यारण्य में जंगली हाथी का जन्म दिन नहीं मनाया जाता होगा।

झुंड से बिछड़ गड़ढे में फंसी हथिनी की जान बचा नाम रखा गया रजनी

 करीब दस साल पहले झुंड में रहने वाली मादा हाथी रजनी हाथियों के झुंड से बिछड़ कर सरायकेला-खरसावां जिला के चांडिल के समीप एक गड्ढे में जा फंसी थी। उस समय वह इतनी छोटी थी कि खुद गड़ढे से निकल नहीं पा रही थी। वह काफी चोटिल भी  उसे घायलावस्था में निकालकर टाटा जू लाया गया था, जहां काफी दिनों तक रजनी का इलाज हुआ।

जब रजनी ठीक हो गई तो उसे दलमा वन्यप्राणी आश्रयणी को सौंप दिया गया। दलमा के मकुलाकोचा में बकायदा इस मादा हाथी का नामकरण रजनी के रूप में किया गया। उसी समय से रजनी का जन्मदिन धूमधाम से मनाया जाने लगा। रजनी का जन्मदिन मनाने के लिए दलमा वन आश्रयणी के कर्मचारियों के साथ ही मकुलाकोचा के ग्रामीणों में भी उत्साह था।  


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