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Cable Company Jamshedpur : टीएसएलपीएल समेत तीनों कंपनियों को 23 तक रिजोल्यूशन प्लान जमा करने का आदेश

Cable Company इंकैब इंडस्ट्रीज को पुनर्जीवित करने के लिए रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल ने फाइनल लिस्ट जारी कर दिया है। वन सिटी इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड वेदांता और टाटा स्टील लांग प्रोडक्ट्स लिमिटेड ने दिलचस्पी दिखाई थी। ये रही पूरी जानकारी।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Sat, 25 Sep 2021 05:55 PM (IST)Updated: Sat, 25 Sep 2021 05:55 PM (IST)
Cable Company Jamshedpur :  टीएसएलपीएल समेत तीनों कंपनियों को 23 तक रिजोल्यूशन प्लान जमा करने का आदेश
आयफर-बायफर मान चुकी थी टाटा को बेस्ट बिडर

जमशेदपुर, जागरण संवाददाता। इंकैब इंडस्ट्रीज को पुनर्जीवित करने के लिए रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल (आरपी) ने फाइनल लिस्ट जारी कर दिया है। कंपनी को पुनर्जीवित करने के लिए तीन कंपनियों  वन सिटी इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड, वेदांता लिमिटेड और टाटा स्टील लांग प्रोडक्ट्स लिमिटेड ने दिलचस्पी दिखाई थी।

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आरपी पंकज कुमार टिबरेवाल ने तीनों कंपनियों को इनसॉल्वेंसी एंड बैंक करप्सी बोर्ड ऑफ इंडिया 2016 की धारा 36 के तहत कंपनी को पुर्नजीवित करने के लिए अपना रिजॉल्यूशन प्लान 23 अक्टूबर तक जमा करने को कहा है। जिस कंपनी का रिजॉल्यूशन प्लान सबसे अच्छा होगा, उसे ही कंपनी को टेकओवर करने का मौका मिलेगा। मालूम हो कि मई 2021 में ही पूर्व आरपी शशि अग्रवाल की रिपोर्ट के आधार पर नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) की कोलकाता बेंच ने इंकैब को दिवालिया घोषित कर दिया था। जिसका कंपनी के कर्मचारियों ने विरोध करते हुए इस आदेश को नेशनल कंपनी लॉ अपीलिएट ट्रिब्यूनल में चुनौती दी। जिसके बाद अपीलिएट कोर्ट ने शशि अग्रवाल को निष्कासित करते हुए पंकज टिबरेवाल को नया आरपी प्रतिनियुक्त किया और कंपनी को पुर्नजीवित करने की प्रक्रिया फिर से शुरू हुई।

आयफर-बायफर मान चुकी थी टाटा को बेस्ट बिडर

अप्रैल 2000 से बंद इंकैब इंडस्ट्रीज को लंबे समय से पुनर्जीवित करने का प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए पूर्व में भी टाटा स्टील ने अपना रिजॉल्यूशन प्लान दिया था जिसे आयफर, बायफर, दिल्ली हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने भी स्वीकृत कर लिया था लेकिन प्रक्रिया पूरी होती उससे पहले केंद्र सरकार ने आयफर-बायफर को समाप्त कर उसके स्थान पर नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) का गठन कर दिया था। जिसके कारण प्रक्रिया फिर से रुक गई थी।


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