कोल्हान में घट गया केंदु पत्ता का व्यापार, जानिए कितना सिमटा कारोबार Jamshedpur News
कोल्हान में चार साल में 14 करोड़ से घटकर एक करोड़ में केंदु पत्ता का व्यापार सिमट गया है। 2017 में जहां 14 करोड़ 53 लाख का बिक गया था वही 2020 में घटकर एक करोड़ रह गया।
जमशेदपुर, जासं। Business of Kendu Leaf कोल्हान के हजारों लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने वाला केंदु पत्ता व्यापार भी धीरे-धीरे घटता जा रहा है। इसका असर वैसे हजारों ग्रामीण जिनका रोजी-रोटी पत्ता संग्रह करने से चलता था, आज संकट आ गया है।
चार साल पूर्व जहां कोल्हान से केंदु पत्ता का व्यापार 14 करोड़ से अधिक होता था, आज 2020 में घटकर महज एक करोड़ रुपये तक सिमट गया है। इसका सीधा असर रोजगार पर पड़ा है। 2017 में जहां केंदु पत्ता संग्रह करने वाले 20 हजार संग्राहक को रोजगार उपलब्ध होता था, आज 2020 में घटकर महज 4000 संग्राहक तक पहुंच गया है। ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए झारखंड राज्य वन विकास निगम कई विकल्प पर काम कर रहा है। निगम के कोल्हान एमडी आरएन ठाकुर कहते हैं कि जल्द ही लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए सरकार व निगम ठोस एवं कारगर कदम उठाने जा रहा है।
दूसरे प्रदेशों में जाता है कोल्हान का केंदु पत्ता
कोल्हान के छह वन प्रमंडल जमशेदपुर, सरायकेला, सारंडा, पोड़ाहाट, कोल्हान व चाईबासा का केंदु पत्ता पश्चित बंगाल, बिहार, महाराष्ट्र से लेकर उत्तरप्रदेश तक जाता था, लेकिन धीरे-धीरे मांग घटती गयी। चार साल पहले तक जहां 20 हजार लोग रोजगार से जुड़े थे, आज 4000 तक पहुंच गए हैं। तीन माह में ही लाखों रुपये कमाने वाले केंदु पत्ता संग्राहक के सामने रोजी -रोटी की समस्या आ खड़ी हुई है। इस संबंध में जब डीएम आरएन ठाकुर से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि सरकार ऐसे लोगों के लिए कार्ययोजना तैयार कर रही है, और जल्द ही धरातल पर उतरेगी।
घटते गए केंदु पत्ता संग्राहक
- 2017 में - 19659 संग्राहक की मजदूरी पर 8 करोड़ 10लाख
- 2018 में - 11594 संग्राहक के मजदूरी पर 4 करोड़ 78 लाख
- 2019 में - 3554 संग्राहक के मजदूरी पर एक करोड़ 46 लाख
- 2020 में - 4000 संग्राहक के मजदूरी पर एक करोड़ 83 लाख
केंदु पत्ता का बिक्री एक नजर में
- 2017 - 46 लाट - 14 करोड़ 53 लाख
- 2018 - 29 लाट - 4 करोड़ 26 लाख
- 2019 - 9 लाट - 90 लाख रुपये
- 2020 - 10 लाट - एक करोड़ एक लाख
केंदु पत्ता बिक्री कम होने का कारण
केंदु पत्ता बिक्री कम होने का सबसे बड़ा कारण है, सरकार द्वारा कई तंबाकू पदार्थ पर प्रतिबंध लगाना। इसके साथ ही केंसर जैसी गंभीर बीमारी का कारण तंबाकू सेवन को ही माना जाता है। झारखंड राज्य वन विकास निगम कोल्हान के डीएम आरएन ठाकुर कहते हैं कि केंदु पत्ता की सर्वाधिक खपत बिड़ी सिगरेट व गुल फैक्ट्री में होती है। इसके अलावा रेडियो, सिनेमा व टीवी पर तंबाकू सेवन से बचने के लिए प्रचार प्रसार के कारण लोग तंबाकू सेवन से डरने लगे हैं। केंदु पत्ता की मांग नहीं होने का यह भी बड़ा कारण है। इसके अलावा सरकार द्वारा पूर्व में केंदु पत्ता पर 15 प्रतिशत का वैट लगाया जाता था, उसे बढ़ाकर 18 प्रतिशत जीएसटी लगा दिया है। डीएम ठाकुर कहते हैं कि वैसे देखा गया है कि चार-पांच साल के बाद एक बार केंदु पत्ता की खरीद बूम पर होती है।