बुद्धेश्वर हत्याकांड : अनवर की गिरफ्तारी होने पर ही शव लेंगे परिजन, ये रही पूरी जानकारी
बुद्धेश्वर कुंभकार हत्याकांड में उस समय पुलिस-प्रशासन की परेशानी बढ़ गई जब परिजनों ने हत्याकांड के मुख्य आरोपी अनवर की गिरफ्तारी होने तक शव लेने से मना कर दिया।
सरायकेला, जासं। बुद्धेश्वर कुंभकार हत्याकांड में उस समय पुलिस-प्रशासन की परेशानी बढ़ गई जब परिजनों ने हत्याकांड के मुख्य आरोपी अनवर की गिरफ्तारी होने तक शव लेने से मना कर दिया। पुलिस ने इस वजह से पोस्टमार्टम के बाद शव को जमशेदपुर के एमजीएम अस्पताल के शीतगृह में रखवा दिया है।
सरायकेला-खरसावां जिले में भू-माफिया बेखौफ होकर जमीन पर कब्जा कर सौदेबाजी करने के लिए जघन्य अपराध करने लगे हैं। इसी कड़ी में सरायकेला थानांतर्गत बीरबांस गांव में रविवार देर रात बेखौफ अपराधियों ने खून की होली खेली थी। जाहेरथान की जमीन पर अवैध रूप से कब्जा करने का विरोध करने पर गांव के युवक बुद्धेश्वर कुंभकारकार की बड़ी बेरहमी से हत्या कर दी थी। रविवार रात लगभग दस बजे शिवरात्रि मेला देख कर घर लौट रहे बुद्धेश्वर पर पहले अंधाधुंध गोलियां चलाईं। इसके बाद खेत में ले जाकर धारदार हथियार से गला रेत दिया था। रातभर चले हंगामे के बाद शव को सरायकेला सदर अस्पताल के पोस्टमार्टम रूप में रखवा दिया गया था।
गांव छावनी में तब्दील
सोमवार को सदर अस्पताल के उपाधीक्षक रामेश्वर लाल की अध्यक्षता में चार डाक्टरों की टीम गठित कर शव का पोस्टमार्टम कराया गया। इधर,परिजनों ने अंतिम संस्कार के लिए शव लेने से इंकार कर दिया। उनका कहना है कि जब तक आरोपितों की गिरफ्तारी नहीं होगी बुद्धेश्वर का अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा। घटना को लेकर ग्रामीण आक्रोशित है। गांव में तनाव एवं भय का माहौल है। वहीं एसडीओ के नेतृत्व में पुलिस बल गांव में कैंप किए हुए है। जब तक गांव की स्थिति पूरी तरह सामान्य नहीं हो जाती तबतक फोर्स तैनात रहेगी। पूरा गांव में छावनी में तब्दील हो गया है।
घटना सूचना मिलते ही उग्र हो गए थे ग्रामीण
हत्या की सूचना मिलते ही ग्रामीण उग्र हो गए थे। अपराधियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर देर रात को ही शव के साथ धरने पर बैठ गए। घटना की सूचना पाते ही पदाधिकारियों के साथ क्राइम मीटिंग कर रहे पुलिस अधीक्षक कार्तिक ने सरायकेला के अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी राकेश रंजन, चांडिल के अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी डीएन बांका, पुलिस उपाधीक्षक मुख्यालय चंदन कुमार बत्स तथा सरायकेला थाना प्रभारी नवीन प्रकाश पांडेय, खरसावां थाना प्रभारी सनोज कुमार चौधरी, कुचाई के थाना प्रभारी उदय कुमार गुप्ता, गम्हरिया थाना प्रभारी कृष्ण मुरारी समेत कई थाना प्रभारी एवं सीनी ओपी प्रभारी रजत कुमार को पुलिस बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचने का निर्देश दिया। दलबल के साथ पुलिस पदाधिकारी घटनास्थल पर पहुंच गई। ग्रामीणों ने देर रात तक शव उठने नहीं दिया।
एसपी के आश्वासन पर माने ग्रामीण
ग्रामीणों का कहना था कि जब तक हत्यारे की गिरफ्तार नहीं होते तब तक शव उठने नहीं दिया जाएगा। अंत में रात एक बजे के लगभग पुलिस अधीक्षक कार्तिक एस घटनास्थल पर पहुंचे। ग्रामीणों को हत्यारों की गिरफ्तारी का आश्वासन दिया। ग्रामीणों ने हत्यारे की गिरफ्तारी के लिए चौबीस घंटे का अल्टीमेटम देकर धरना तोड़ा। काफी जद्दोजहद के बाद रात ढाई बजे पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लकर सदर अस्पताल के पोस्टमार्टम हाउस पहुंचाया।
बालीगुमा के दो अपराधियों ने दिया घटना को अंजाम
बुद्धेश्वर हत्याकांड मामले में नामजद आरोपित अख्तर हुसैन को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। मुख्य आरोपित अनवर की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस की संभावित ठिकानों पर छापेमारी कर रही है। पुलिस अधीक्षक कार्तिक एस ने जानकारी देते हुए बताया कि रविवार की रात बालीगुमा के शेख अनवर एवं अख्तर हुसैन ने मिलकर बुद्धेश्वर की गोली मारकर व गला रेत कर हत्या कर दी थी। रात को ही पुलिस में अनवर की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है। उनके स्वजन पूछताछ की जा रही है। यदि किसी कांड में दोनों जमानत पर हैं तो रद करने के लिए न्यायालय से अपील की जाएगी। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि घटनास्थल से दो जिंदा गोली एवं एक खोखा बरामद हुआ है। फिलहाल दूसरे आरोपित को पकड़ने के लिए संभावित ठिकाने पर छापेमारी की जा रही है।
प्रत्यक्षदर्शी मनोरथ ने दी हत्याकांड की पूरी जानकारी
प्रत्यक्षदर्शी मनोरथ कुम्भकार ने बताया कि बुद्धेश्वर के साथ एक ही बाइक पर शिवरात्रि मेले में आयोजित बुगी-बुगी डांस देखने गए थे। कार्यक्रम समाप्त होने के बाद दोनों करीब रात साढ़े नौ बजे के बीरबांस स्थित घर लौट रहे थे। बुद्धेश्वर बाइक में पीछे बैठे थे। इसी दौरान गांव के निकट फुटबॉल मैदान के पास सुनसान जगह पर बालीगुमा का शेख अनवर एवं अख्तर हुसैन बाइक से पहुंचे। बुद्धेश्वर को रोककर पहले दोनों अंधाधुंध गोलियां बरसाईं। गोलियां लगने के बाद भी बुद्धेश्वर खुद को बचाने के लिए भागा लेकिन अनवर ने उसे दौड़ाकर पकड़ लिया। इसके बाद एक खेत में ले जाकर जाकर पटक दिया। इसके बाद उसके सीने पर चढ़कर धारदार हथियार से उसका गला रेत दिया। मनोरथ ने बताया कि जब तक वह ग्रामीणों की मदद को गांव की ओर भागा तब तक अपराधी घटना को अंजाम देकर फरार हो गए थे।