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रिश्ते की मिठास में शक घोल रहा कड़वाहट, जानिए कौन है जिम्मेदार

जमशेदपुर के वन स्टॉप सेंटर में 8 अक्टूबर तक 208 मामले आए। इनमें दर्जन भर ऐसे मामले आए जो मोबाइल के कारण परिवार टूटने से संबंधित थे।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Sun, 30 Dec 2018 03:23 PM (IST)Updated: Sun, 30 Dec 2018 03:23 PM (IST)
रिश्ते की मिठास में शक घोल रहा कड़वाहट, जानिए कौन है जिम्मेदार
रिश्ते की मिठास में शक घोल रहा कड़वाहट, जानिए कौन है जिम्मेदार

जमशेदपुर [मनोज सिंह] । इंटरनेट ने वैवाहिक जीवन ही नहीं बल्कि पारिवारिक जीवन में भी खलल डालना शुरू कर दिया है। इससे पति-पत्नी व बच्चों के बीच की दूरियां बढ़ गई हैं। आपस में प्रेम नहीं रह गया है।

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साकची स्थित वन स्टॉप सेंटर महिला हेल्प लाइन के प्रोजेक्ट को-आर्डिनेटर केडी गोस्वामी ने कहा कि आज इंटरनेट या यूं कहें कि मोबाइल फोन ने पारिवारिक रिश्तों का कत्ल कर दिया है। इंटरनेट ने पूरे परिवार को शक के दायरे में ला खड़ा किया है। शक धीरे-धीरे नोकझोंक, गाली-गलौज के बाद मारपीट में बदल जाता है। इसके बाद मामला थाने तक पहुंच जाता है। गोस्वामी बताते हैं कि फरवरी 2017 में वन स्टॉप सेंटर खुला। 8 अक्टूबर तक 208 मामले आए। इसमें दर्जन भर ऐसे मामले आए जिसमें मोबाइल के कारण परिवार टूटने से संबंधित थे।

महिला थाने में हो रहीं शिकायतें 

साकची में स्थित महिला थाने के आंकड़ों को देखें तो जनवरी 2018 से 8 अक्टूबर 2018 के बीच कुल 521 मामले आए। महिला थाना प्रभारी लक्ष्मी कुमारी बताती हैं कि कुल 521 मामलों में छह इंटरनेट के कारण घर में कलह व मारपीट से संबंधित थे, जबकि आठ छेड़खानी से संबंधित दर्ज किए गए। उन्होंने बताया कि 22 मामले में एफआइआर दर्ज कराई गई। जबकि 485 मामले पति-पत्‍नी, सास-बहू के बीच मामूली बात को लेकर झगड़ा से संबंधित थे।

केस -1

गोस्वामी कहते हैं कि आजादनगर की एक युवती को चाइल्ड लाइन के मदद से मेरे सेंटर पर लाया गया। पूछताछ की गई तो उसने कहा कि मैं अब मम्मी-पापा के पास नहीं जाऊंगी। कारण पूछने पर उसने बताया कि मैं जब मोबाइल में अपनी सहेली से बात करती थी तो मम्मी-पापा शक के निगाह से देखते थे। पापा ने बिना भला-बुरा कहते हुए मेरी पिटाई कर दी। बेवजह पिटाई से मैं अंदर से विचलित हो गई। इसके बाद मैं पड़ोस में रहने वाले एक युवक के साथ प्यार करने लगी। उसे घर के बारे में सारी बातें बतायी। इसके बाद हमदोनों घर से भाग गए। पुलिस हम दोनों को पकड़ ली, लेकिन मैं जिद पर अड़ गई कि मैं अपने मां-पिता के घर नहीं बल्कि अपने प्रेमी के साथ ही जाऊंगी। इस तरह इंटरनेट ने मुङो अपने परिवार से अलग कर दिया। यदि मोबाइल नहीं चलाती तो आज मैं अपने परिवार के साथ रहती।

केस -2

बिरसानगर की एक महिला का सात साल पूर्व शादी हुआ, उसके दो बेटे हैं। महिला नेटवर्किंग कंपनी में काम करती है, जबकि उनके पति शिक्षक हैं। चूंकि पत्‍नी मोबाइल नेटवर्किंग कंपनी में काम करती थी सो उसके पास रात में भी कॉल आते थे। वह काम से मैसेज करती थी। इसी बीच उसके पति को शक हो गया कि मेरी पत्नी किसी दूसरे पुरुष से बात करती है। उसने कहा कि मेरे पास छोटा मोबाइल है और तुम बड़ा मोबाइल लेकर दिनभर उसी में उलझी रहती हो। दोनों में बहस होते-होते मारपीट हो गई। एक दिन पति दोनों बेटे को अपने पास रख लिया और पत्‍नी को घर से निकाल दिया। पत्नी वन स्टॉप सेंटर पहुंची। वहां दोनों के बीच समझौता कराया गया कि 10.30 बजे रात के बाद दोनों अपने-अपने मोबाइल बंद कर लेंगे। लेकिन, कुछ दिनों के बाद दोबारा स्थिति पहले की ही तरह हो गयी।

कुछ आदत छोड़ सफल बना सकते जिंदगी

पति-पत्नी का रिश्ता प्यार व विश्वास पर टिका रहता है। इसलिए पति-पत्‍नी को चाहिए कि वे एक दूसरे के भावनाओं को समङों। हर बातें एक दूसरे के बीच शेयर करें। जरा भी स्वार्थ रिश्ता टूटने का कारण बन सकता है।

-केडी गोस्वामी, प्रोजेक्ट कोडिनेटर, वन स्टॉप सेंटर, महिला हेल्प लाइन, जमशेदपुर


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