बेंगलुरु एफसी के कप्तान सुनील छेत्री ने माना, हमारे सामने आइएसएल खिताब बचाने की चुनौती
बेंगलुरु एफसी के कप्तान सुनील छेत्री ने कहा कि हम वह हर टूर्नामेंट जीतना चाहते हैं जहां हम खेलते हैं। अब हमारे सामने आइएसएल खिताब बचाने की चुनौती है ।
जमशेदपुर, जितेंद्र सिंंह। सफलता का दूसरा नाम बेंगलुरु एफसी है। 2013 से इंडियन सुपर लीग (आइएसएल) से अभियान की शुरुआत करने वाली इस क्लब ने हर सीजन में कोई न कोई खिताब जीता है। 20 अक्टूबर से शुरू हो रहे आइएसएल में इस बार बेंगलुरु एफसी की राह आसान नहीं होगी।
दैनिक जागरण से बातचीत में बेंगलुरु एफसी के कप्तान सुनील छेत्री ने कहा कि हम वह हर टूर्नामेंट जीतना चाहते हैं, जहां हम खेलते हैं। अब हमारे सामने आइएसएल खिताब बचाने की चुनौती है और हम जानते हैं कि यह सीजन कठिन होगा। हम एशियाई प्रतियोगिता में लौट आए हैं और हमने एक से अधिक बार दिखाया है कि हम हिस्सा ले सकते हैं और अच्छा भी कर सकते हैं। हम अपना श्रेष्ठ देते हुए खिताब के लिए चुनौती पेश करना चाहते हैं।
ये है आइएसएल का इतिहास
आइएसएल के इतिहास में किसी भी टीम ने अब तक अपने खिताब की रक्षा नहीं है। एटीके और चेन्नइयन एफसी ने इससे पहले दो बार खिताब जीते हैं लेकिन कोई भी चार्ल्स कुआडार्ट और उनके लड़कों से इस असम्भव लक्ष्य को हासिल करने को लेकर शर्त नहीं लगाना चाहेगा। बेंगलुरू की टीम इस सीजन में शानदार दिख रही है। भारत के लिए खेलने वाले आशिक कुरुनियन, पूर्व चेन्नयन एफसी मिडफील्डर रफाए अगस्टो और स्पेनिश स्ट्राइकर मैनुएल ओनु तथा छेत्री के रहते यह टीम अजेय दिखती है। छेत्री निसंदेह इस टीम के सबसे बड़े स्टार हैं और चाहें देश हो या क्लब अपने खेल का लुत्फ लेते हैं और श्रेष्ठ प्रदर्शन करते हैं।
गेम चेंजर माने जाते छेत्री
टीम और क्लब के लिए गेम चेंजर माने जाने वाले छेत्री ने अपने गोलों, एटीट्यूड और लीडरशिप एबिलिटीज को लेकर कहा, मैने जब 2013 में क्लब के साथ करार किया था, तब मेरे ऊपर इस टीम को उदाहरण के साथ आगे ले जाने की जिम्मेदारी आई थी। मेरे और मेरे टीम के ऊपर हर उस टूर्नामेंट में खिताब जीतने की जिम्मेदारी थी, जहां हम खेलते हैं। छह साल बाद कुछ नहीं बदला है। अब हालांकि मेरी कप्तान के तौर पर भूमिका को और गंभीरता से लिया जाने लगा है।