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प्रदूषण व उमस से बिगड़ रहा कोमल चेहरा

मुहांसे होना आम समस्या है और इससे छुटकारा पाने के लिए अधिकांश युवत-युवतियां तरह-तरह के क्रीम, टूथपेस्ट, नींबू आदि लगाती है, जो त्वचा को नुकसान पहुंचाते हैं।

By Edited By: Published: Tue, 18 Sep 2018 09:02 PM (IST)Updated: Tue, 18 Sep 2018 09:05 PM (IST)
प्रदूषण व उमस से बिगड़ रहा कोमल चेहरा
प्रदूषण व उमस से बिगड़ रहा कोमल चेहरा

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। युवा अवस्था में मुहांसे की समस्या वैसे तो आम होती है, लेकिन जमशेदपुर शहर में यह हर दूसरे युवा की चिंता का विषय बना हुआ है। भारतीय चर्म, यौन एवं कुष्ठ रोग संगठन (आइएडीवीएल) झारखंड शाखा के अनुसार करीब 40 फीसद युवा कील-मुहांसे की समस्या से परेशान हैं। इसका मुख्य कारण जंक फूड का सेवन, प्रदूषण व उमस भरा मौसम है। भागदौड़ की जिंदगी में खान -पान का पूरा मेन्यू बदल गया है। नाश्ता में बच्चे चाउमीन-मैगी, ब्रेड सहित अन्य खाद्य-पदार्थ खाना अधिक पसंद कर रहे है जो उनके सेहत को नुकसान पहुंचा रहा है। वहीं इंडस्ट्रीयल टाउन होने के कारण यहां प्रदूषण का ग्राफ भी लगातार बढ़ता जा रहा है। 12 से 20 साल के युवाओं में मुहांसे की समस्या अधिक होती है। वहीं उम्र 25 के बाद भी चेहरे पर दाग-धब्बे की समस्या सामने आती है। जिसके चेहरे ऑयली होती है उन्हें मुहांसे अधिक होते हैं।

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चार तरह के होते मुहांसे : शहर के युवाओं में चार तरह का मुहांसा देखा जा रहा है। इसमें पहला दाना आना, दूसरा दाना के साथ कील, तीसरा दाना के साथ मवाद व चौथा दाना, कील, मवाद और गढ़ा मुहांसा। इसका मुख्य कारण जागरूकता का अभाव है। पहले तो लोग सोचते हैं कि मुहांसा खुद अपने ही ठीक हो जाएगा। जब थोड़ा बढ़ता है तो किसी मेडिकल दुकान से खुद ही क्रीम खरीदकर लगाते हैं। जब यह परेशानी काफी बढ़ जाती है और चेहरा मुहांसे से भर जाता है तो वह डॉक्टर के पास पहुंचते हैं। 10 फीसद युवा ही समय से डॉक्टर के पास पहुंचते हैं, बाकि 30 फीसद देर से पहुंचते हैं।

तीन तरह से होता इलाज मुहांसे होना आम समस्या है और इससे छुटकारा पाने के लिए अधिकांश युवत-युवतियां तरह-तरह के क्रीम, टूथपेस्ट, नींबू आदि लगाती है, जो त्वचा को नुकसान पहुंचाते हैं। कील मुहांसे का इलाज तीन तरह से होता है। शुरूआती दौर में दवा दी जाती है। इसके बाद दूसरे चरण यानी चेहरे पर दाग आ जाने से केमिकल पिलिंग की जाती है जिसपर करीब एक हजार खर्च आता है। इससे दाग चले जाता है। वहीं चेहरे पर दाग के साथ-साथ गढ्डा हो जाने पर लेजर ट्रीटमेंट किया जाता है। इस पर 3 से 5 हजार खर्च आता है।

कील-मुहांसे से बचने के उपाय
- चेहरे को साफ रखें। दिन में 3 से 4 बार अच्छी तरह से धोएं।
- खान-पान पर विशेष ध्यान दें। बाहर के खान-पान से बचें। बच्चों को जक फूड से दूर रखें। तेल-मसाले का सेवन कम करें।
- अगर चेहरे पर दाना हो गया है तो उसे नजरअंदाज नहीं करें। किसी चर्म रोग विशेषज्ञ से दिखाएं। अन्यथा परेशानी धीरे-धीरे बढ़ते जाएगी और आपका चेहरा खराब हो सकता है।
- मौसमी सब्जी व फल का सेवन खूब करें। यह सेहत के लिए काफी लाभदायक है।

चेहरे के मुहांसे प्रभावित हिस्से को छूना नहीं चाहिए। कई बार हार्मोन की वजह से मुहांसे निकलते हैं। मुहांसे से बचने के लिए संतुलित और हेल्दी डायट जैसे फलों, सब्जियों का सेवन करें।
- डॉ. राजीव ठाकुर, चर्म रोग विशेषज्ञ। 


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