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दूसरे दिन भी बैंक रहे बंद, कर्मियों ने की नारेबाजी

जासं, जमशेदपुर : सेंट्रल ट्रेड यूनियन के आह्वान पर दो दिवसीय देशव्यापी हड़ताल का व्यापक असर बैंक

By JagranEdited By: Published: Wed, 09 Jan 2019 11:06 PM (IST)Updated: Wed, 09 Jan 2019 11:06 PM (IST)
दूसरे दिन भी बैंक रहे बंद, कर्मियों ने की नारेबाजी
दूसरे दिन भी बैंक रहे बंद, कर्मियों ने की नारेबाजी

जासं, जमशेदपुर : सेंट्रल ट्रेड यूनियन के आह्वान पर दो दिवसीय देशव्यापी हड़ताल का व्यापक असर बैंक, बीमा व डाकघर पर दिखा। दूसरे दिन भी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक बंद रहे। कर्मियों ने अपनी-अपनी शाखाओं के सामने बैनर के साथ धरना पर सुबह से शाम तक बैठे रहे। इन्होंने सरकार विरोधी नारे भी लगाए। शाखाओं के अलावा बिष्टुपुर स्थित बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा व सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के क्षेत्रीय कार्यालय बंद रहे। मुख्य रूप से इन्हीं बैंकों के सामने प्रदर्शन भी हुआ, जबकि झारखंड प्रदेश बैंक इंप्लाइज एसोसिएशन के सदस्य घूम-घूमकर बैंक शाखाओं को बंद कराने के लिए घूमते रहे।

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हड़ताल को सफल बनाने में झारखंड प्रदेश बैंक इम्प्लाइज एसोसिएशन के महासचिव आरबी सहाय, उपमहासचिव एसके अदख, हीरा अरकने, वाइस चेयरमैन आरए सिंह, जिला समिति के महासचिव सुजीत घोष, उपाध्यक्ष केके सहाय, एके भौमिक, सस्मिता साहू, साक्षी साव, पिंकी मुखी, सुमित मुखर्जी, प्रबाल टोपनो के साथ ऑल इंडिया एलआइसी इम्प्लाइज यूनियन के महासचिव राजेश कुमार, जमशेदपुर डिवीजन इंश्योरेंस इम्प्लाइज एसोसिएसन के महासचिव गिरीश ओझा, उपाध्यक्ष विकास महतो व संयुक्त सचिव शातनु महतो, आरसी हांसदा, अभिनव झा, राजेंद्र रजक, राजू भगत, एमके शर्मा, चिता सोरेन आदि सक्रिय रहे।

कई एटीएम हुए खाली : दो दिनों की हड़ताल का असर एटीएम सेवा पर पड़ा। स्टेट बैंक को छोड़कर सार्वजनिक क्षेत्र के अन्य बैंकों के एटीएम बुधवार को खाली हो गए। इनमें कैश नहीं भरा जा सका, जिससे ग्राहकों को परेशानी हुई। क्लीय¨रग के लिए रखे हजारों चेक पड़े रहे। आरटीजीएस का काम भी बाधित रहा। अब इन एटीएम में गुरुवार को करेंसी डाली जाएगी।

बैंक कर्मियों की मांगें : सेंट्रल ट्रेड यूनियन की मागों के साथ बैंक यूनियन जिन बातों का विरोध कर रही है, उसमें श्रम कानून में संशोधन, अनावश्यक बैंकिंग सुधार, बैंकों के निजीकरण, बैंकों के विलय, बैंकों के स्थायी कार्यो को आउटसोर्स करने का विरोध किया गया। इसके अलावा बैंक यूनियन की मागों में बैंकों को सुदृढ़ करने, खाली पड़े पदों में पर्याप्त भर्ती करने, त्वरित गति से एनपीए की रिकवरी करने, ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकों की शाखाएं खोलने और 11वां वेतन समझौता शीघ्र करने आदि शामिल हैं।

खुली रहीं स्टेट बैंक की कुछ शाखाएं, एटीएम में भरे गए नोट :

दो दिवसीय हड़ताल में भारतीय स्टेट बैंक के कर्मचारी शामिल नहीं थे। स्टेट बैंक स्टाफ एसोसिएशन ने हड़ताल का नैतिक समर्थन किया था, इसकी वजह से बिष्टुपुर व साकची की शाखा बंद रही। वहीं कदमा, परसुडीह, डिमना रोड, डिमना चौक, गम्हरिया स्थित स्टेट बैंक की शाखाएं खुली रहीं। एसोसिएशन के महासचिव ¨रटू कुमार रजक ने बताया कि कुछ एटीएम तकनीकी कारण से भले ही सेवा नहीं दे पा रहे हों, उनके एटीएम में करेंसी की कमी नहीं रही। दोनों दिन एसबीआइ के एटीएम में करेंसी भरे गए।


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