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Jaivik Jamshedpur : रंग लाई वाटिका की मेहनत, छत पर खिले फूल Jamshedpur News

वाटिका कहती हैं कि उनकी एक सहेली है ईशा। वह भी बागवानी की शौक रखती हैं। दोनों सहेली मिलकर जैविक खाद तैयार करते हैं और अपने-अपने गमलों में उसका उपयोग करते हैं।

By Edited By: Published: Sun, 23 Feb 2020 09:00 AM (IST)Updated: Sun, 23 Feb 2020 12:28 PM (IST)
Jaivik Jamshedpur : रंग लाई वाटिका की मेहनत, छत पर खिले फूल Jamshedpur News
Jaivik Jamshedpur : रंग लाई वाटिका की मेहनत, छत पर खिले फूल Jamshedpur News

जमशेदपुर, जासं।  Organic gardening doing Vatika Sultaniya of Jamshedpur मानगो डिमना रोड में रहने वाली वाटिका सुल्‍तानियां कोलकाता यूनिवर्सिटी से पढ़ाई पूरी करने के बाद जब से जमशेदपुर लौटी है तब से बागवानी में जुट गई। पहले मो वाटिका अपने घर में जैविक खाद का प्रयोग कर छोटे-छोटे गमले में फूल उगाने शुरू किए। इसमें वह इंटरनेट की सहारा लेती हैं।

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वाटिका कहती हैं कि घर की बालकनी व अन्य खाली जगह पर धीरे-धीरे फूल व सजावटी पौधे लगाई। चूंकि वह जैविक खाद का ही प्रयोग करती हैं, लिहाजा पौधे हरे-भरे व फूल भी सुंदर व बड़े-बड़े खिलने लगे। वाटिका बताती हैं कि घर में जो भी मेहमान या दोस्त आते सभी ने मेरी कामों की तारीफ की। तारीफ सुनकर उनका हौसला बढ़ता गया। आज वह अपने घर के अंदर 100 से अधिक गमलों में गेंदा, गुलाब, डहेलिया, पीटूनिया आदि फूल के अलावा सब्जियां उगा रही हैं। आज उनके गमले में टमाटर, मिर्चा, बैगन, भिंडी, धनिया, गोभी आदि हरी सब्जी सफलतापूर्वक उग रही हैं। कहा, पढ़ाई के बाद मै म्यूजिक सुनकर बागवानी में लगी रहती हूं। जैविक विधि से बागवानी करती हूं। इससे होने वाले उत्पाद पौष्टिक व स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होते हैं।

मित्र के सहयोग से तैयार करती जैविक खाद

वाटिका कहती हैं कि उनकी एक सहेली है ईशा। वह भी बागवानी की शौक रखती हैं। दोनों सहेली मिलकर जैविक खाद तैयार करते हैं और अपने-अपने गमलों में उसका उपयोग करते हैं। वाटिका कहती हैं कि वह अपना बागवानी से उत्पाद सामग्री को बिक्री नहीं करती बल्कि जब मन किया बैगन का सब्जी बनाने का तत्काल बैगन तोड़ लेती हैं। जब टमाटर व धनिया की चटनी बनानी होती है तब तुरंत छत पर चली जाती है, और वहां से सामग्री ले आती है। ऐसे में इसका स्वाद नेचुरल व स्वादिष्ट होता है। वाटिका कहती हैं कि मुझे बचपन से ही गार्डेंिनंग का शौक था, लेकिन पढ़ाई के कारण वह अपना शौक को पूरा नहीं कर पाती थी। अब जब पढ़ाई पूरी हो चुकी है, बागवानी में पूरा ध्यान दे रही हैं।

एक साल में पूरी छत पर करूंगी बागवानी

सुलतानियां कहती हैं कि फिलहाल वह बालकानी व छत के आधे भाग में ही बागवानी करती हैं। मेरा प्लान है कि एक साल के अंदर छत को खेत बना देना है। छत पर वह अलग-अलग तरीके से खेती करेंगी। वह हमेशा इंटरनेट के माध्यम से नए-नए तरीके से पौधे को तैयार करती हैं। जिससे कम से कम जगह में अधिक से अधिक उत्पाद प्राप्त किया जा सके।


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