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आयुष्मान से मिल रहा जीवन दान, छह माह में आठ हजार लोगों का इलाज

Ayushman bharat yojana. आयुष्मान भारत योजना गरीबों को नई जीवन दे रही है। पूर्वी सिंहभूम में बीते छह माह में अबतक कुल आठ हजार लोगों को इसका लाभ मिला है।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Wed, 06 Mar 2019 01:20 PM (IST)Updated: Wed, 06 Mar 2019 01:20 PM (IST)
आयुष्मान से मिल रहा जीवन दान, छह माह में आठ हजार लोगों का इलाज
आयुष्मान से मिल रहा जीवन दान, छह माह में आठ हजार लोगों का इलाज

जमशेदपुर, जागरण संवाददाता। पूर्वी सिंहभूम जिले में आयुष्मान भारत योजना गरीबों को नई जीवन दे रही है। बीते छह माह में अबतक कुल आठ हजार लोगों को इसका लाभ मिला है। इसमें कई वैसे मरीज भी शामिल हैं जो बीते कई वर्षों से बीमारी लेकर घूम रहे थे, लेकिन पैसा के अभाव में इलाज नहीं करा पा रहे थे। इसमें घाटशिला निवासी सिंगराई भी शामिल है।

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वह बीते 23 साल से ट्यूमर लेकर घूम रहा था, लेकिन इलाज में हर जगह पैसा बाधा बनी। इस मरीज से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी रांची में मिले थे और उसका हौसला बढ़ाया था। हालांकि, गांव के अस्पताल जैसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी), प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) व उपस्वास्थ्य केंद्र की हालत अब भी बदतर है। जिले के 18 सरकारी अस्पताल किराए के भवन में चल रहे हैं। वहीं 214 उप स्वास्थ्य केंद्रों में बिजली नहीं है। 150 से अधिक उपकेंद्र ऐसे हैं, जहां पर प्रसव का रिकार्ड करीब-करीब शून्य है। 

मां की गोद में आयुषी।

वहीं, 170 अस्पतालों में पानी की कोई व्यवस्था नहीं है। कोल्हान प्रमंडल के सबसे बड़े महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल की स्थिति भी बदल हो गई है। यहां पर न तो ड्रेसर है और न ही वार्ड ब्याय। किसी तरह अस्पताल राम भरोसे चल रहा है। 165 की जगह केवल 32 डॉक्टर है। 

जिले के 150 स्वास्थ्य केंद्रों पर शौचालय नहीं 

जिले में 150 स्वास्थ्य केंद्र ऐसा हैं जहां पर शौचालय की व्यवस्था नहीं है। यहां पर मरीज, डॉक्टर व नर्सों को खुले में शौच जाना पड़ रहा है। यह सभी स्वास्थ्य केंद्र किराए, आंगनबाड़ी व पंचायत भवन में चल रहे हैं। सिर्फ 88 सरकारी भवनों में चल रहे स्वास्थ्य केंद्रों पर शौचालय की सुविधा है।

एमजीएम में डॉक्टर व नर्सों का भारी कमी 

एमजीएम अस्पताल में भी डॉक्टरों की भारी कमी है। नर्स, ड्रेसर, टेक्नीशियन, वार्ड ब्याय भी नहीं है। अस्पताल में कुल 165 डॉक्टरों की जरूरत पर सिर्फ 32 ही काम कर रहे हैं। इसी तरह, 95 जूनियर डॉक्टर की जगह 50 ही तैनात हैं। 275 नर्स की जगह सिर्फ 47  स्थायी नर्स कार्यरत हैं। 23 ड्रेसर के जगह पर एक भी नहीं है। इसी तरह, पलंबर, इलेक्ट्रिकल हेल्पर, लैब अटेंडर, वार्ड अटेंडर, रसोई सेवक का पद भी रिक्त है।

  पूर्वी सिंहभूम में कहां कितने डॉक्टर 

  • स्थान        स्वीकृत         कार्यरत 
  • सीएस कार्यालय 01          01
  • जिला टीबी सेंटर 02          01
  • जिला कुष्ठ सेंटर 02          01
  • फाइलेरिया विभाग 01        00
  • सदर अस्पताल    21        15
  • ट्रामा सेंटर, बहरागोड़ा 05    00 

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