धतकीडीह में हेपेटाइटिस ए और ई वायरस का अटैक
धतकीडीह क्षेत्र में हेपेटाइटिस ए और ई वायरस ने अटैक कर दिया है। इसी वजह से लोग बीमार हो रहे हैं। पैथोलॉजी सेंटर का हालिया आंकड़ा चिंताजनक है।
जेएनएन, जमशेदपुर : धतकीडीह क्षेत्र में हेपेटाइटिस ए और ई वायरस ने अटैक कर दिया है। इसी वजह से पीलिया तेजी से फैल रही है। यह खुलासा टाटा मुख्य अस्पताल (टीएमएच) व आसपास के निजी पैथोलॉजी जांच सेंटरों की रिपोर्ट से हुआ है। इसमें हेपेटाइटिस ए औ ई दोनों फैलने की आशंका जताई गई है। धतकडीह स्थित मदरसा, रोड नंबर 2,3 और 5 ए, बी ब्लॉक, बीएच एरिया और हरिजन बस्ती प्रभावित है। इस क्षेत्र में दहशत का माहौल है। हर घर में पीलिया का प्रकोप है। इधर, जिला सर्विलांस विभाग ने भी इन वायरस की संभावना जताई है। उनके द्वारा 31 संदिग्ध मरीजों का नमूना लेकर जांच के लिए कोलकाता लैब भेजा गया है।
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हर रोज 300 से अधिक मरीज करा रहे पीलिया की जांच
धतकीडीह क्षेत्र में पीलिया की मरीजों में अचानक से वृद्धि हुई है। कदमा स्थित अंकुर पैथोलॉजी सेंटर का आंकड़ा देखा जाए तो रोजाना 30 से 40 मरीज सिर्फ पीलिया की जांच कराने पहुंच रहे हैं। इसी तरह, बाकि दूसरे पैथोलॉजी सेंटरों में भी मरीजों की संख्या बढ़ गई है। इस क्षेत्र में टीएमएच के अलावे करीब नौ निजी पैथोलॉजी सेंटर संचालित है। रोजाना 300 से अधिक मरीज जांच कराने पहुंच रहे हैं। इन सेंटरों का आंकड़ा देखा जाए तो बीते 15 दिनों के अंदर तीन हजार से अधिक मरीजों ने पीलिया की जांच कराई हैं। इसमें 80 से 85 फीसद हेपेटाइटिस ए और ई की पुष्टि हुई है।
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हेपेटाइटिस ए क्या है?
हेपेटाइटिस ए, वायरस की वजह से होने वाला लीवर का संक्रामक रोग है। यह वायरस हेपेटाइटिस वायरस के कई प्रकारों में से एक है, जो लीवर में सूजन पैदा करता है और आपके लिवर के काम करने की क्षमता को प्रभावित करता है। संक्रमित भोजन, संक्रमित पानी एवं संक्रमित व्यक्ति के साथ निकट संपर्क से हेपेटाइटिस ए होने की संभावना होती है। हेपेटाइटिस ए से बचने का सबसे अच्छा तरीका है, साफ सफाई का ध्यान रखना और नियमित रूप से हाथ धोना। सबसे अधिक जोखिम वाले लोगों के लिए इसका टीका उपलब्ध है।
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हेपेटाइटिस ई क्या है?
हेपेटाइटिस ई एक वायरस है, जो लीवर को संक्रमित करता है। हालांकि हेपेटाइटिस के अन्य रूपों के विपरीत, हेपेटाइटिस ई वायरस लंबे समय तक बीमारी या गंभीर लीवर की क्षति को नेतृत्व नहीं करता है, और अधिकांश लोग कुछ महीनों के भीतर ठीक भी हो जाते हैं। दुर्लभ मामलों में यह घातक साबित हो सकता है। स्वस्थ डाइट लेने से इससे बचाव किया जा सकता है। यह वायरस पशुओं और मनुष्यों दोनों को संक्रमित कर सकता है। डब्लूएचओ के अनुसार, हर साल हेपेटाइटिस ई संक्रमण के 20 लाख मामले सामने आते हैं और उनमें से 57,000 मौत का शिकार हो जाते हैं।
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हेपेटाइटिस ए और ई कैसे फैलता है
हेपेटाइटिस ए और ई जलजनित रोग है और इसके व्यापक प्रकोप का कारण दूषित पानी या भोजन की आपूर्ति है। प्रदूषित पानी इस महामारी को बढ़ा देता है।
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जल जनित संक्रमण जैसे हेपेटाइटिस ए और ई पीलिया के कारण होता है। हालांकि, मरीजों का नमूना लेकर जांच के लिए भेजा गया है। रिपोर्ट में पता चल सकेगा कि धतकीडीह क्षेत्र में कौन सा वायरस फैला है।
- डॉ. साहिर पॉल, जिला सर्विलांस पदाधिकारी।
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हाल के दिनों में पीलिया के मरीज तेजी से बढ़े है। लीवर फंक्शन टेस्ट कराने के लिए रोजाना 30 से 40 मरीज पहुंच रहे है। रिपोर्ट में हेपेटाइटिस ए के मरीज भी सामने आ रहे है। इसमें धतकीडीह क्षेत्र के अधिक मरीज शामिल होते है।
- डॉ. राजेश मोहंती, पूर्व अध्यक्ष, इंडियन एसोसिएशन ऑफ पैथोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी।