EID 2020: सरायकेला के उपायुक्त की अपील-घर पर ही पढ़ें ईद की नमाज, संचार माध्यमों से दें बधाई
EID 2020. उपायुक्त ए. दोड्डे ने अपील की है कि ईद की नमाज घरों में ही अदा करें। साथ ही ईद की शुभकामनाएं एक- दूसरे को दूरभाष एवं संचार के अन्य माध्यमों से दें।
जमशेदपुर, जेएनएन। अलविदा जुमे की नमाज अदा होने के साथ ही ईद की तैयारी शुरू हो गई है। 23 मई यानी शनिवार को चांद देखने की अपील की गई है। चांद नजर आने पर 24 मई यानी रविवार अन्यथा 25 मई सोमवार को ईद मनेगी। इसबीच,सरायकेला-खरसावां के उपायुक्त ने ईद के मद्देनजर खास अपील की है।
उपायुक्त ए. दोड्डे ने अपील की है कि मुस्लिम धर्मावलंबी आखिरी जुमे और ईद की नमाज घरों में ही अदा करें। साथ ही ईद की शुभकामनाएं एक- दूसरे को दूरभाष एवं संचार के अन्य माध्यमोंं से ही दें और जितना हो सके घरों से न निकलें। उपायुक्त ने अत्यावश्यक कार्य के लिए ही घरों से निकलने एवं घर से बाहर मास्क का प्रयोग अवश्य करने की भी अपील की है। त्यौहार के अवसर पर आवश्यक खरीदारी के लिए जिस भी दुकान पर जाएं तो वहां शारीरिक दूरी बनाते हुए वस्तुओं की खरीदारी करें। घर आकर साबुन से हाथ धोएं और सार्वजनिक स्थलों पर शारीरिक दूरी का पालन करें। उपायुक्त ने यह अपील कोरोना के संक्रमण से बचाव के लिए की है।
इस बार नहीं हुए सामूहिक इफ्तार
दरअसल, कोरोना की वजह से मस्जिदों में सामूहिक नमाज बंद है। सामूहिक इफ्तार के आयोजन भी नहीं हुए। मुस्लिम धर्माबलंबी अपने-अपने घरों में भी ईबादत कर रहे हैं। मुस्लिम धर्मगुरुओं ने भी कोरोना की वजह से लॉकडाउन के नियमों का पालन करने की लगातार अपील कर रहे हैं। धर्मगुरुओं का कहना है कि ईद का पर्व नजदीक है। इस साल ईद पर कोरोना महामारी का साया है। देश में तीन हजार के करीब मौत हो चुकी है। जमशेदपुर में भी कोरोना के डेढ़ दर्जन मरीज सामने आ चुके हैं। इसलिए इस साल ईद सादगी से मनाएं। ईद पर इबादत का खास ख्याल रखें। ईद पर इस साल मस्जिद में नमाज नहीं होगी। ईद की नमाज घर पर होगी। घर पर नमाज जरूर पढ़ें। बाजार में जाकर खरीदारी करने से बचें। क्योंकि, शारीरिक दूरी की अनदेखी भारी पड़ सकती है। ईद से पहले रमजान के आखिरी दिनों में इबादत करें।
फितरे की रकम ईद की नमाज से पहले देंं
धर्मगुरुओं का कहना है कि अल्लाह पाक से गुनाहों और अपनी गलतियों पर तौबा करें। रमजान अल्लाह पाक का महीना है। इस महीने इबादत का खास सवाब है। खुशकिस्मत है वो इंसान जिसने इस महीने में इबादत की। गरीबों की खिदमत करना भी बड़ी इबादत है। फितरे का खास ख्याल रखें। इस साल फितरे की खास अहमियत है। क्योंकि, इस साल लॉकडाउन है और लोगों की आमदनी का जरिया भी बंद है। इस वजह से लोगों को काफी दिक्कत हो रही है। इसके चलते, लोगों के पास पैसे की कमी है। इसलिए लोगों को फितरे की रकम ईद की नमाज से पहले दे दें ताकि वो भी ईद मना सकें।