मुझे मालूम है उच्च शिक्षा का दर्द, जमशेदपुर से जाकर ओडिशा में करनी पड़ी पढ़ाई
यूपीएससी में 60वां स्थान प्राप्त करने वाली जमशेदपुर की सोनारी की रहने वाली अन्या दास का सम्मान शुक्रवार को मंत्री सरयू राय से लेकर उत्कल एसोसिएशन साकची ने किया।
वेंकटेश्वर राव, जमशेदपुर : यूपीएससी में 60वां स्थान प्राप्त करने वाली जमशेदपुर की सोनारी की रहने वाली अन्या दास का सम्मान शुक्रवार को मंत्री सरयू राय से लेकर उत्कल एसोसिएशन साकची ने किया। इस दौरान दैनिक जागरण से अन्या ने कहा कि उन्हें उच्च शिक्षा का दर्द मालूम है। झारखंड में सरकारी विश्वविद्यालयों की स्थिति ठीक नहीं होने के कारण मुझे ओडिशा के सरकारी विश्वविद्यालयों की रुख करना पड़ा। उन्होंने कहा कि ओडिशा में सरकारी विश्वविद्यालय निजी विश्वविद्यालय को टक्कर दे सकते हैं, तो झारखंड में भी ऐसा हो सकता है। इसके लिए हमें ओडिशा की उच्च शिक्षा नीति का अध्ययन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आइएएस की ट्रेनिंग अगस्त से प्रारंभ होगी। वे चाहती हैं कि उनकी पदस्थापना झारखंड में ही हो और वे झारखंड की शिक्षा के विकास के लिए कार्य करें। झारखंड से हर साल हजारों बच्चे उच्च शिक्षा के लिए दूसरे राज्यों में पलायन कर रहे हैं। ओडिशा के सरकारी विश्वविद्यालयों में जमशेदपुर के हजारों छात्र पढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा में झारखंड में छात्रों को कई विषय पढ़ाये ही नहीं जाते। कई तकनीकी खामियों तथा शिक्षकों की कमियों के कारण छात्रों को आवश्यकतानुसार शिक्षा नहीं मिल पा रही है। सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए ताकि छात्रों का पलायन सामान्य स्नातक व स्नातोकोत्तर कोर्स के लिए कम से कम न करना पड़े।
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कटक के रेवेंसा कॉलेज से की है स्नातक
अन्या के पिता बादल भुइया सिंहभूम नामक ओड़िया पत्रिका निकालते हैं और ओडिशा से निकलने वाले विभिन्न अखबारों में ओडिया में स्तंभ लिखते हैं। जबकि उसकी की मा सीमा दास गृहणी हैं। उसका भाई राची में एमबीए कर रहा है। बता दें कि अन्या की प्रारंभिक पढ़ाई जमशेदपुर के साकची स्थित राजेन्द्र विद्यालय से हुई हैं और उसके बाद वह उच्च शिक्षा के लिए कटक चली गईं। वहां के रेवेंसा विश्वविद्यालय से 2016 में इंग्लिश लिटरेचर से ऑनर्स की पढ़ाई पूरी करने बाद उसी साल उसने पहली बार यूपीएससी की परीक्षा दी थी, इसमें वह सफल हुई थी।