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एमएसएमई क्षेत्र में जागरूकता और सूचना की सीमितता के कारण इसका विकास सीमित,जानिए किसने कही ये बात

रुपीफाई के अनुभव जैन एमएसएमई में ज्यादा ध्यान लगा रहे है। इसलिए उन्होंने लघु उद्योग के बारे में जानकारी शेयर की। अनुभव ने कहा-सूचना की सीमितता ने लघु उद्योगों के विकास को भी सीमित कर दिया है। यह एक बहुत बड़ा अंतर खड़ा करती है।

By Sanam SinghEdited By: Published: Sat, 02 Jul 2022 06:45 PM (IST)Updated: Sat, 02 Jul 2022 06:45 PM (IST)
एमएसएमई क्षेत्र में जागरूकता और सूचना की सीमितता के कारण इसका विकास सीमित,जानिए किसने कही ये बात
MSME sector News : कार्यक्रम को संबोधित करते अनुभव

जमशेदपुर। देश में पहले युवा नौकरी पर ज्यादा ध्यान देते थे। लेकिन अब वे स्टार्टअप ज्यादा फोकस करते हैं। अपने शहर में कई ऐेसे युवा जो इस कार्य में आगे बढ़ रहे हैं। देश को प्रगति राह में आगे बढ़ा रहे हैं। शहर के अनुभव जैन एमएसएमई में ज्यादा ध्यान लगा रहे है। इस अपने कैरियर को आगे बढ़ा रहे हैं। इसके लिए उन्होंने रुपीफाई करके एक संस्था का निर्माण भी किया है। जिससे रोजगार सृजन तो हो रहा ही है। इसके साथ उनका भी मुनाफा हो रहा है। लेकिन एमएसएमई का ज्यादा विकास नहीं होने के कारण भी अनुभव जैन बताया।

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कार्यक्रम को संबोधित करते अनुभव जैन ने बताया कि भारत में एमएसएमई क्षेत्र में जागरूकता और सूचना की सीमितता ने इसके विकास को भी सीमित कर दिया है। यह एक बहुत बड़ा अंतर खड़ा करती है। उन्होंने हमारा काम व्यवसायों के लिए अंतर को पाटना है ताकि अधिक से अधिक विकास को सक्षम करने के लिए विभिन्न श्रेणियों में सरलीकृत सामग्री प्रदान की जा सके। एमएसएमई के लिए मुनाफा कम्यूनिटी ऐप प्लेटफॉर्म के साथ, रुपीफाई का लक्ष्य अपने पार्टनर्स को तेजी से सशक्त बनाना है। उनकी संस्था एमएसएमई को आगे बढ़ाने में मदद करती है। अनुभव ने कहा-भारत में एमएसएमई क्षेत्र में विकास सीमित हो गया है इसके कारण व्यापार में एक बड़ा अंतर खड़ा हो गया है। अनुभव जैन ने कहा, “पिछले दो वर्षों में रुपीफाई ने भारत में 10,000+ पिनकोड में 100,000+ से अधिक एसएमई को संचालित किया है।

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डिजिटल युग में मल्टीपल इंटेलीजेंस पर कार्यशाला

जमशेदपुर। आरवीएस अकादमी मानगो ने अपने शिक्षकों को नवीनतम तकनीकों से अवगत कराने के उद्देश्य से शनिवार को नई शिक्षा नीति के तहत डिजिटल युग में मल्टीपल इंटेलीजेंस पर एक कार्यशाला का आयोजन किया। कार्यशाला की शुरुआत विद्यालय के चेयरमैन बिंदा सिंह द्वारा रिसोर्स पर्सन गार्गी पाल के अभिनंदन के साथ हुई। कार्यशाला में आरवीएस अकादमी की प्राचार्य वीशा मोहिंद्रा, उप प्राचार्य अनिता तिवारी सहित समस्त शिक्षण संकाय ने भाग लिया। किसी भी राष्ट्र के बच्चों का सर्वांगीण विकास शिक्षकों के हाथों में होता है। महामारी के बाद इस कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें शिक्षक डिजिटलीकरण के इस युग में मल्टीपल इंटेलीजेंस के उपयोग से लैस थे। एक संक्षिप्त गतिविधि के बाद सत्रों का पालन किया गया जो काफी संवादात्मक और सूचनात्मक थे। विभिन्न गतिविधियों में शिक्षकों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। रिसोर्स पर्सन ने इस बात पर जोर दिया कि एनईपी 2020 हमारे शिक्षा क्षेत्र में जो व्यापक बदलाव कर रहा है, वह तभी सफल हो सकता है जब संस्थानों और शिक्षकों को उचित तैयारी और प्रशिक्षण दिया जाए।


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